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पलवल में आशा वर्कर्स ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

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Published : Aug 13, 2020, 7:29 PM IST

मांगों को लेकर धरने पर बैठी आशा वर्कर्स ने अब सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है. आशा वर्कर्स ने कहा कि जबतक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती तबतक वो भी धरना खत्म नहीं करेंगी.

asha workers warn haryana government of indefinite strike in palwal
पलवल में आशा वर्कर्स ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

पलवल: ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ मानी जाने वाली आशा वर्कर्स 7 अगस्त से हड़ताल पर बैठी हैं, लेकिन अभी तक किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया है. आशा वर्कर्स का कहना है की अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो मजबूरन उन्हें अपनी हड़ताल अनिश्चितकालीन करनी पड़ेगी.

स्वास्थ्य विभाग के जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठी आशा वर्कर्स का कहना है कि सरकार ने उनका आठ सेवाओं पर इंसेंटिव देना बंद कर दिया है, जिसकी वजह से उनकी मासिक आमदनी में काफी कमी आ गई है. साथ ही साथ प्रदेश सरकार के साथ 2018 में उनका एक समझौता हुआ था. जिसे सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया है. जिसके कारण मजबूरी में आशा वर्कर्स को हड़ताल पर बैठना पड़ा है.

पलवल में आशा वर्कर्स ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

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आशा वर्कर्स ने कहा कि ये हालात तब हैं जब सरकार की ओर से उन्हें कोरोना योद्धा घोषित किया गया है. आशा वर्कर यूनियन की सह सचिव पूनम रानी ने कहा कि पिछले साल तक उन्हें डीएनसी, एएनसी, हाउस होल्ड सर्वे, बीएचएमसी सर्विस पर 50 प्रतिशत इंसेंटिव मिलता था, जिसे अब बंद कर दिया गया है. उनकी मांग है कि सरकार इन्हें दोबारा से शुरू करे. वरना आशा वर्कर्स मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी.

पलवल: ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ मानी जाने वाली आशा वर्कर्स 7 अगस्त से हड़ताल पर बैठी हैं, लेकिन अभी तक किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया है. आशा वर्कर्स का कहना है की अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो मजबूरन उन्हें अपनी हड़ताल अनिश्चितकालीन करनी पड़ेगी.

स्वास्थ्य विभाग के जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठी आशा वर्कर्स का कहना है कि सरकार ने उनका आठ सेवाओं पर इंसेंटिव देना बंद कर दिया है, जिसकी वजह से उनकी मासिक आमदनी में काफी कमी आ गई है. साथ ही साथ प्रदेश सरकार के साथ 2018 में उनका एक समझौता हुआ था. जिसे सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया है. जिसके कारण मजबूरी में आशा वर्कर्स को हड़ताल पर बैठना पड़ा है.

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आशा वर्कर्स ने कहा कि ये हालात तब हैं जब सरकार की ओर से उन्हें कोरोना योद्धा घोषित किया गया है. आशा वर्कर यूनियन की सह सचिव पूनम रानी ने कहा कि पिछले साल तक उन्हें डीएनसी, एएनसी, हाउस होल्ड सर्वे, बीएचएमसी सर्विस पर 50 प्रतिशत इंसेंटिव मिलता था, जिसे अब बंद कर दिया गया है. उनकी मांग है कि सरकार इन्हें दोबारा से शुरू करे. वरना आशा वर्कर्स मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी.

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