नूंह: जल्द ही हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात राज्यों को जोड़ने वाले करीब 900 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग पर काम शुरू हो जाएगा. जिसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के नाम से जाना जाएगा. उम्मीद है कि फरवरी महीने में ही इस राजमार्ग का काम शुरू हो जाएगा.
ये राष्ट्रीय राजमार्ग देश के सबसे बेहतरीन मार्गों में से एक होगा. बताया जा रहा है कि ये राजमार्ग काम शुरू होने के करीब दो साल में ही बनकर तैयार हो जाएगा. आपको बता दें कि ये मार्ग नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की देखरेख में तैयार किया जा रहा है.
- इस मार्ग की खास बात ये है कि प्रदेश-देश के सबसे पिछड़े इलाके नूंह ( मेवात ) जिले के तीन खंडों नूंह, नगीना, फिरोजपुर झिरका के करीब 47 गांवों के बीच से होकर गुरेगा.
- हरियाणा के 3 जिले, राजस्थान के 7 जिले, मध्यप्रदेश के 3 जिले, गुजरात के 3 जिलों सहित कुल 16 जिलों के किसानों की भूमि का अधिग्रहण इस मार्ग के लिए किया गया है.
- उम्मीद हैं कि इस महीने के अंत तक किसानों को इसका मुआवजा भी मिल जाएगा. देश का यह बेहतरीन मार्ग आठ लेन का बनाया जाएगा, जो करीब 100 मीटर चौड़ा होगा.
मेवात में कहां से जुड़ेगा, कहां होगा समाप्त
नूंह में 12.4 किलोमीटर दूरी पर भिरावटी गांव से दिल्ली की तरफ से जुड़ेगा और कोलगांव फिरोजपुर झिरका में 79 किलोमीटर दूरी पर सीमा समाप्त होकर राजस्थान प्रदेश में प्रवेश कर जाएगा.
इस मार्ग पर अभी महज दो उतार - चढ़ाव का प्रावधान किया गया है. फिरोजपुर झिरका- बीवां मार्ग पर करीब 65 किलोमीटर की दूरी पर तथा केएमपी मार्ग पर 19.5 किलोमीटर दूरी पर कट दिया गया है.
कितने गांव से जमीन को किया गया अधिग्रहण
बता दें, कि नूंह तहसील के 15 गांव , फिरोजपुर झिरका तहसील के 20 गांव , नगीना सब तहसील के 12 गांव सहित कुल 47 गांव शामिल किए गए हैं. डीआरओ बस्तीराम के कार्यालय को नूंह खंड के करीब 60 करोड़ रुपये की राशि मुहैया हो चुकी है. तीन चरणों में यह राशि उनके खाते में आएगी. कुल 265 करोड़ रुपये की राशि नूंह जिले के तीन खंडों के किसानों को वितरित होगी.
उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार से राशि वितरण का काम शुरू हो जाएगा. सोमवार - मंगलवार तक बाकि राशि भी डीआरओ कार्यालय को प्राप्त होने की उम्मीद है. कागजी कार्रवाई पर तेजी से काम चल रहा है. इस सप्ताह किसानों को मुआवजा वितरण होने की पूरी उम्मीद है.