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Watermelon Farming in Nuh: बेमौसम लाल-पीले तरबूज की खेती कर किसान लाखों की कर रहे कमाई

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Published : Nov 21, 2022, 12:51 PM IST

हरियाणा के नूंह में किसान तरबूज की खेती (Watermelon Farming in Nuh) कर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. बेमौसम लाल-पीले तरबूज की खेती बाकी किसानों को भी खूब रास आ रही है, जिसे देखने के लिए भारी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं.

off season cultivation watermelon
बेमौसम तरबूज की खेती से किसानों को लाभ

नूंह: प्रदेश के नूंह में ऑफ सीजन में इन दिनों तरबूज की खास खेती कर रहे किसान की मेहनत रंग ला रही है. किसान अपनी आजीविका को बेहतर बनाने के साथ-साथ नई-नई तकनीक को अपनाकर दूसरे किसानों के लिए मिसाल बन रहे हैं. जिले के चुनिंदा किसानों की मेहनत को देखने और उनके जरिेए उगाए गए फलों का जायका लेने के लिए इन दिनों बड़ी संख्या में किसान जुट रहे हैं. जिले के खोड बसई गांव के एक किसान ने गर्मी के मौसम के बजाय सर्दी के मौसम में तरबूज की अच्छी पैदावार कर एक मिसाल कायम की है.

किसानों की आमदनी में इजाफा: बेमौसम लाल-पीले तरबूज की खेती (off season cultivation watermelon) करने से किसान की आमदनी में बेतहाशा वृद्धि हुई है. एक एकड़ तरबूज की फसल पर लगभग दो लाख रुपये तक का मुनाफा किसान कमा रहे हैं. कुल 3 एकड़ फसल उगाकर तकरीबन 6 लाख का मुनाफा किसान ने कमाया है. वहीं किसान हकमुद्दीन पिछले कई सालों से हाइब्रिड सब्जी और फलों की खेती कर रहे हैं. इसके साथ ही वह जिले के बागवानी विभाग नूंह में भी किसानों का फुल सपोर्ट कर रहे हैं.

Watermelon Farming in Nuh
नूंह में तरबूज की खेती

तरबूज की बढ़ रही डिमांड: सबसे खास बात यह है कि इस समय होने वाले ताजे तरबूज के फलों की डिमांड एनसीआर में बढ़ गई है. जाहिर है शादियों का भी सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में शादियों में आजकल पीले और लाल रंग के इस तरबूज की अच्छी खासी डिमांड है. जिसके चलते किसान को मनमाने दाम भी मिल रहे हैं.

किसानों में खुशी की लहर: किसान तरबूज की फसल लगाकर बेहद खुश हैं. किसान का कहना है कि वह पिछले कई सालों से इस खेती को अपना रहे हैं और आगे भी अन्य किसानों को इस खेती को अपनाने की सलाह दे रहे हैं. वहीं पड़ोसी गांव गजरपुर के पूर्व सरपंच और बड़े किसान भी लाल-पीले तरबूज को देखने के लिए पहुंच रहे हैं.

लागत कम मुनाफा ज्यादा: जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद ने बताया कि 3 वैरायटी हाइब्रिड तरबूज के बीज हकमुद्दीन किसान ने लगाई थी. तरबूज की फसल 70-80 दिन में तैयार हो जाती है. यह पूरी तरह से ऑफ सीजन का फल है. गेहूं, सरसों और ज्वार, बाजरे के अलावा ऑफ सीजन में किसान तरबूज की फसल लगाकर ऑफ सीजन में अच्छी आजीविका कमा सकता है.

जिला बागवानी अधिकारी नूंह ने कहा कि अभी तो जिले में यह शुरुआत है. आने वाले दिनों में तकरीबन 50 किसान तरबूज की खेती अपनाने के लिए राजी हैं. उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिले में बागवानी विभाग का भी एक पैरामीटर है. जिसमें किसानों को आर्थिक लाभ देने वाली फसलें लगाने पर जोर है.

डॉक्टर्स ने दी जानकरी: डॉक्टरों के मुताबिक तरबूज स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है. किसानों के मुताबिक पहले उन्होंने सुना था कि सर्दी के मौसम में तरबूज नहीं हो सकता और कोल्ड स्टोरेज से ही इन दिनों में शादियों में तरबूज इत्यादि फल लाए जाते हैं. लेकिन अब कोल्ड स्टोरेज के बजाय ताजा फल आसपास की सब्जी मंडियों में पहुंच रहा (nuh latest news) है.

नूंह: प्रदेश के नूंह में ऑफ सीजन में इन दिनों तरबूज की खास खेती कर रहे किसान की मेहनत रंग ला रही है. किसान अपनी आजीविका को बेहतर बनाने के साथ-साथ नई-नई तकनीक को अपनाकर दूसरे किसानों के लिए मिसाल बन रहे हैं. जिले के चुनिंदा किसानों की मेहनत को देखने और उनके जरिेए उगाए गए फलों का जायका लेने के लिए इन दिनों बड़ी संख्या में किसान जुट रहे हैं. जिले के खोड बसई गांव के एक किसान ने गर्मी के मौसम के बजाय सर्दी के मौसम में तरबूज की अच्छी पैदावार कर एक मिसाल कायम की है.

किसानों की आमदनी में इजाफा: बेमौसम लाल-पीले तरबूज की खेती (off season cultivation watermelon) करने से किसान की आमदनी में बेतहाशा वृद्धि हुई है. एक एकड़ तरबूज की फसल पर लगभग दो लाख रुपये तक का मुनाफा किसान कमा रहे हैं. कुल 3 एकड़ फसल उगाकर तकरीबन 6 लाख का मुनाफा किसान ने कमाया है. वहीं किसान हकमुद्दीन पिछले कई सालों से हाइब्रिड सब्जी और फलों की खेती कर रहे हैं. इसके साथ ही वह जिले के बागवानी विभाग नूंह में भी किसानों का फुल सपोर्ट कर रहे हैं.

Watermelon Farming in Nuh
नूंह में तरबूज की खेती

तरबूज की बढ़ रही डिमांड: सबसे खास बात यह है कि इस समय होने वाले ताजे तरबूज के फलों की डिमांड एनसीआर में बढ़ गई है. जाहिर है शादियों का भी सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में शादियों में आजकल पीले और लाल रंग के इस तरबूज की अच्छी खासी डिमांड है. जिसके चलते किसान को मनमाने दाम भी मिल रहे हैं.

किसानों में खुशी की लहर: किसान तरबूज की फसल लगाकर बेहद खुश हैं. किसान का कहना है कि वह पिछले कई सालों से इस खेती को अपना रहे हैं और आगे भी अन्य किसानों को इस खेती को अपनाने की सलाह दे रहे हैं. वहीं पड़ोसी गांव गजरपुर के पूर्व सरपंच और बड़े किसान भी लाल-पीले तरबूज को देखने के लिए पहुंच रहे हैं.

लागत कम मुनाफा ज्यादा: जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद ने बताया कि 3 वैरायटी हाइब्रिड तरबूज के बीज हकमुद्दीन किसान ने लगाई थी. तरबूज की फसल 70-80 दिन में तैयार हो जाती है. यह पूरी तरह से ऑफ सीजन का फल है. गेहूं, सरसों और ज्वार, बाजरे के अलावा ऑफ सीजन में किसान तरबूज की फसल लगाकर ऑफ सीजन में अच्छी आजीविका कमा सकता है.

जिला बागवानी अधिकारी नूंह ने कहा कि अभी तो जिले में यह शुरुआत है. आने वाले दिनों में तकरीबन 50 किसान तरबूज की खेती अपनाने के लिए राजी हैं. उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिले में बागवानी विभाग का भी एक पैरामीटर है. जिसमें किसानों को आर्थिक लाभ देने वाली फसलें लगाने पर जोर है.

डॉक्टर्स ने दी जानकरी: डॉक्टरों के मुताबिक तरबूज स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है. किसानों के मुताबिक पहले उन्होंने सुना था कि सर्दी के मौसम में तरबूज नहीं हो सकता और कोल्ड स्टोरेज से ही इन दिनों में शादियों में तरबूज इत्यादि फल लाए जाते हैं. लेकिन अब कोल्ड स्टोरेज के बजाय ताजा फल आसपास की सब्जी मंडियों में पहुंच रहा (nuh latest news) है.

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