नूंह: जिले में 5 क्वारंटीन सेंटर में करीब डेढ़ महीने से रखे गए तबलीगी जमातियों को जल्द ही उनके घर भेजा जा सकता है. नूंह जिले के उलेमाओं के अलावा सभी राजनीतिक दलों के लोग जिला प्रशासन से लगातार तबलीगी जमातियों को उनके घर भेजने की मांग कर रहे थे. मामला डीसी पंकज से लेकर मुख्य सचिव, गृह मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक संज्ञान में था.
प्रशासन की तरफ से बताया जा रहा है कि गुरुवार से तबलीगी जमात के लोगों को उनके घर भेजने की शुरुआत हो सकती है. दरअसल नूंह जिले के मालब, सालाहेड़ी, फिरोजपुर नमक, इंजीनियरिंग कॉलेज पल्ला, सौंख, समसुद्दीन हॉस्टल एकांतवास केंद्रों में करीब 599 तबलीगी जमात के सदस्य रुके हुए हैं. सौंख हॉस्टल में विदेश के तकरीबन 58 तबलीगी जमात के सदस्य रुके हुए हैं.
इसके अलावा सालाहैड़ी में 117, फिरोजपुर नमक में 123, इंजीनियरिंग कॉलेज पल्ला में 102, मालब में 199 ,जमाती दूसरे प्रदेशों से हैं. लॉकडाउन के दौरान तबलीगी जमात के लोगों को उपरोक्त एकांतवास केंद्रों में रखा गया था. इनमें से करीब दो दर्जन तबलीगी जमात के सदस्यों को कोरोना पाया था.
अब इन तबलीगी जमात के लोगों को घर भेजे जाने का भरोसा मुफ्ती जाहिद हुसैन की डीसी पंकज से हुई मुलाकात में दिलाया था. जिला उपायुक्त के अलावा आला अधिकारियों की तरफ से स्वास्थ्य विभाग को एकांतवास केंद्रों में रखे गए लोगों के दस्तावेज कंप्लीट करने को कहा गया है ताकि इन लोगों को उनके घरों पर भेजा जा सके.
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बताया जा रहा है कि पहले मालब गांव के एकांतवास सेंटर में रखे गए 199 तथा समसुद्दीन हॉस्टल में रखे गए 98 विदेशी तबलीगी जमात के लोगों को सबसे पहले उनके घर भेजने का फैसला हो सकता है. तबलीगी जमात के सदस्यों की संख्या करीब 600 होने की वजह से उन्हें एक साथ भेजने के बजाय अलग-अलग भेजा जाएगा.