नूंह: हरियाणा के नूंह जिले के पुनहाना खंड के मामलीका गांव के गन्ने की खेती करने वाले किसान खुश हैं. सरकार द्वारा अच्छे दाम मिलने से गन्ना किसान खुश है. लेकिन, नूंह जिले के इस गांव के किसानों को सरकारी भाव से भी अच्छा भाव खेतों में ही मिल रहा है. खरीददार अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉली या फिर रिक्शा लेकर खेतों में ही किसान के पास पहुंच जाते हैं और 400-500 प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ने खरीद रहे हैं.
हरियाणा में गन्ने की कीमत: बता दें कि हरियाणा सरकार ने इस बार गन्ने का भाव 386 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है. अगले साल से 400 रुपए प्रति क्विंटल गन्ने का भाव बढ़ने का भरोसा दिलाया है, लेकिन सरकार के भाव से भी अधिक नूंह जिले के इस गांव के किसानों को भाव मिलने की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है. किसानों के चेहरे पर खुशी है. सुबह ही पूरा परिवार खेतों की तरफ निकल जाता है और गन्ने की छिलाई कर खेत में ही तुलाई का कांटा लगाकर खरीदारों को गन्ना बेचा जा रहा है.
नूंह में गन्ने की पैदावार अच्छी: मामलीका गांव में 17, 18 और 19 नंबर की गन्ने की किस्म उगाई जाती है. इस बार पैदावार अच्छी हुई है. दरअसल उजीना ड्रेन इस गांव के समीप से गुजरती है, इसलिए भूमि में भी पानी है और नहरी पानी भी गन्ने की फसल को आसानी से मिल जाता है. बरसात इस बार अच्छी हुई है तो इसलिए गन्ने की फसल बीते सालों की तुलना में इस बार और अधिक अच्छी हुई है. किसानों को एक एकड़ गन्ने की फसल से एक लाख से दो लाख तक का मुनाफा हो रहा है. सबसे खास बात यह है कि अधिकतर किसानों ने गन्ने की फसल बेचकर, खेत में गेहूं की बिजाई कर दी है या फिर जिन किसानों का गन्ना इस समय बेचा जा रहा है, वह पछेती गेहूं की किस्म की बिजाई कर इस खेत से दो पैदावार ले रहे हैं. किसान परंपरागत खेती को छोड़कर गन्ने की खेती को अपना रहा है.
किसान गन्ने की खेती में दिखा रहे रुचि: इस गांव के किसानों ने अन्य गांव के किसानों से भी अपील की है कि परंपरागत खेती को छोड़कर गन्ने की खेती अपनाकर अपनी आजीविका को बेहतर बना सकते हैं. इस गांव के गन्ने की फसल आसपास के गांव में पूरी तरह से चर्चा में है. खरीदार इस गांव के गन्ने हाथों-हाथ खरीद लेते हैं. इसलिए किसान हर साल गन्ने की उत्पादकता को लगातार बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
गन्ने की फसल के कई लाभ: इस फसल से आम के आम और गुठलियों के दाम वाली कहावत भी सही साबित हो रही है. दरअसल एक ओर गन्ना आसानी से बिक रहा है तो दूसरी ओर पशुओं के लिए हरा चारा आसानी से मिल रहा है. जिससे दुधारू पशु में दूध की मात्रा भी बढ़ रही है. कुल मिलाकर गन्ने की फसल के कई लाभ हैं. जिससे किसान खुशहाल दिखाई दे रहे हैं. ट्रैक्टर-ट्रॉली और रिक्शा से गन्ना ले जाकर गांव में बेचने वाले दर्जनों लोग 800-1000 रुपए कमा लेते हैं. यहां शुगर मिल या पेराई मशीन की आवश्यकता नहीं है. खेत से ही गन्ने की बहुत ज्यादा डिमांड है.
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