नूंह: शहर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए गुरुग्राम-अलवर पर सीवरेज का गंदा पानी भरा हुआ है. जिसकी वजह से राहगीरों, फल-सब्जी की रेहड़ी लगाने वालों और पटरी वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गंदा पानी भरा होने की वजह से इन रेहड़ी-ठेले वालों के दिनभर इंतजार करने के बावजूद उनके पास कोई खरीदार नहीं आता है. इससे रेहड़ी, पटरी वालों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. लोग सड़क पर भरे इस गंदे पानी से परेशान हैं. सीवरेज के पानी की निकासी का सही इंतजाम नहीं होने के कारण ऐसे हालात पैदा हुए हैं.
नूंह नगर परिषद बन चुका है, लेकिन इसके हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. हद तो तब हो गई, जब जिले के तमाम आला अधिकारी रोजाना शहर की ऐसी सूरत को देखते हुए गुजर जाते हैं, लेकिन स्थाई समाधान होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. शहर की सड़क के दोनों तरफ के नाले गंदगी से अटे पड़े हैं. इन नालों के ब्लॉक हो जाने की वजह से पानी निकासी नहीं हो पाती है.
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वहीं, पानी नालों से ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ जाता है, नूंह में सीवरेज की समस्या के कारण राहगीरों का यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है. आसपास रहने वाले लोग इससे ज्यादा परेशान हैं. यहां रेहड़ी-पटरी लगाने वाले रोजी रोटी के लिए परेशान हो गए हैं. गंदे पानी के कारण खरीदार नहीं आते हैं और अगर वे अपना ठिकाना छोड़ देंगे, तो कोई दूसरा उस जगह पर रेहड़ी, पटरी लगा लेगा. ऐसे में मजबूरी में गंदे पानी में ही उनकी फलों की रेहड़ियां लग रही हैं.
स्थानीय निकाय भले ही जिले के विकास का दम भर रहा हो, लेकिन जब जिला मुख्यालय के हालात इस कदर हैं, तो गांवों की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. यह समस्या कोई नई नहीं है. काफी सालों से यहां इसी तरह के हालात बने हुए हैं, नगर परिषद नूंह में आरोप-प्रत्यारोप के अलावा बदनामी के दाग बार-बार लगते रहे हैं, लेकिन इस शहर का विकास कब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.