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नूंह: पराली न जलाने को लेकर स्कूली छात्राओं ने रैली निकाली - hindi samachar nuh

सामाजिक संगठन गालिब मौजी खान फाउंडेशन और पर्यावरण केयर अभियान में छात्राओं ने एक स्वर में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है. स्मोक के कारण आम जनमानस को सांस लेने में तकलीफ हो रही है.

Awareness rally for stubble burning
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Published : Nov 16, 2019, 6:45 PM IST

नूंह: मेवात मॉडल स्कूल में शनिवार को छात्राओं ने रैली निकालकर फसलों के अवशेष और पराली नहीं जलाने की शपथ ली. सामाजिक संगठन गालिब मौजी खान फाउंडेशन और पर्यावरण केयर अभियान में छात्राओं ने एक स्वर में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है. स्मोक के कारण आम जनमानस को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है और ऑक्सीजन की लगातार घट रही है जो चिंताजनक है.

पराली न जलाने को लेकर स्कूली छात्राओं ने रैली निकाली

निकाली गई जागरूगता रैली

शिक्षिका नम्रता ने कहा कि पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश से पराली जलाने की घटनाएं सामने आ गई है जिसने सरकार को संकट में डाल दिया है हमें भी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है अगर हम दिनचर्या में कूड़ा करकट ना जलाए तो हम अपने पर्यावरण को संतुलित रख सकते हैं साथ ही किसानों को जागरूक करना पड़ेगा कि वो फसलों के अवशेष किसी भी सूरत में नहीं जलाएं तथा हरियाणा और पंजाब के किसानों को भी पराली नहीं जलाने का कदम उठाना पड़ेगा.

लोगों को बताया प्रदूषण से होने वाले प्रभावों को

इस अभियान में मुख्य अतिथि ने कहा कि स्मोक की घटनाओं के कारण छोटे बच्चों और टीबी रोगियों को सांस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. देश में लाखों लोग इसके प्रभाव से बीमार हो रहे हैं और मृत्यु का शिकार होते जा रहे हैं.

पौधे लगाने का दिए संदेश

मेवात मॉडल स्कूल के प्राचार्य चंद्रमोहन झा ने कहा कि अभी भी वक्त है कि हम अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा सकते हैं, साथ ही प्लास्टिक और कचरा नहीं जलाएं इससे भी कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा हवा में अधिक होती है जो नुकसान करती है. इस दौरान छात्राओं ने पर्यावरण बचाओ पराली और फसल अवशेषों से छुटकारा पाओ प्लास्टिक कचरा नहीं जलाएंगे पर्यावरण को पेड़ लगाकर संतुलित बनाएंगे आदि नारे लगाए.

ये भी पढ़ें- पंचकूला के सेक्टर-15 में मिला हिरण, वन विभाग की टीम ने जंगल में छोड़ा

नूंह: मेवात मॉडल स्कूल में शनिवार को छात्राओं ने रैली निकालकर फसलों के अवशेष और पराली नहीं जलाने की शपथ ली. सामाजिक संगठन गालिब मौजी खान फाउंडेशन और पर्यावरण केयर अभियान में छात्राओं ने एक स्वर में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है. स्मोक के कारण आम जनमानस को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है और ऑक्सीजन की लगातार घट रही है जो चिंताजनक है.

पराली न जलाने को लेकर स्कूली छात्राओं ने रैली निकाली

निकाली गई जागरूगता रैली

शिक्षिका नम्रता ने कहा कि पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश से पराली जलाने की घटनाएं सामने आ गई है जिसने सरकार को संकट में डाल दिया है हमें भी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है अगर हम दिनचर्या में कूड़ा करकट ना जलाए तो हम अपने पर्यावरण को संतुलित रख सकते हैं साथ ही किसानों को जागरूक करना पड़ेगा कि वो फसलों के अवशेष किसी भी सूरत में नहीं जलाएं तथा हरियाणा और पंजाब के किसानों को भी पराली नहीं जलाने का कदम उठाना पड़ेगा.

लोगों को बताया प्रदूषण से होने वाले प्रभावों को

इस अभियान में मुख्य अतिथि ने कहा कि स्मोक की घटनाओं के कारण छोटे बच्चों और टीबी रोगियों को सांस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. देश में लाखों लोग इसके प्रभाव से बीमार हो रहे हैं और मृत्यु का शिकार होते जा रहे हैं.

पौधे लगाने का दिए संदेश

मेवात मॉडल स्कूल के प्राचार्य चंद्रमोहन झा ने कहा कि अभी भी वक्त है कि हम अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा सकते हैं, साथ ही प्लास्टिक और कचरा नहीं जलाएं इससे भी कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा हवा में अधिक होती है जो नुकसान करती है. इस दौरान छात्राओं ने पर्यावरण बचाओ पराली और फसल अवशेषों से छुटकारा पाओ प्लास्टिक कचरा नहीं जलाएंगे पर्यावरण को पेड़ लगाकर संतुलित बनाएंगे आदि नारे लगाए.

ये भी पढ़ें- पंचकूला के सेक्टर-15 में मिला हिरण, वन विभाग की टीम ने जंगल में छोड़ा

Intro:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी  ;-  पराली न जलाने को लेकर स्कूली छात्राओं ने रैली निकाली 
फसल अवशेषों और पराली जलाने से हो रहा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन मेवात मॉडल स्कूल नगीना की छात्राओं ने रैली निकालकर ग्रामीणों को किया जागरूक।  पर्यावरण ही नहीं बचेगा तो कैसे होगा जीवन अश्व नगीना थे। मेवात मॉडल स्कूल में शनिवार को छात्राओं ने रैली निकालकर फसलों के अवशेष और पराली नहीं जलाने की शपथ  ली। सामाजिक संगठन गालिब मौजी खान फाउंडेशन व पर्यावरण केयर अभियान में छात्राओं ने एक स्वर में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है. स्मोक के कारण आम जनमानस को सांस लेने में तकलीफ हो रही है पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है और ऑक्सीजन की लगातार घट रही है जो चिंताजनक है। शिक्षिका नम्रता ने कहा कि पंजाब हरियाणा और उत्तरप्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश से पराली जलाने की घटनाएं सामने आ गई है जिसने सरकार को संकट में डाल दिया है हमें भी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है अगर हम दिनचर्या में कूड़ा करकट ने जलाए तो हम अपने पर्यावरण को संतुलित रख सकते हैं साथ ही किसानों को जागरूक करना पड़ेगा कि वह फसलों के अवशेष किसी भी सूरत में नहीं जला तथा हरियाणा और पंजाब के किसानों को भी पराली नहीं जलाने का कदम उठाना पड़ेगा इस अभियान में मुख्य अतिथि ने कहा कि स्मोक की घटनाओं के कारण छोटे बच्चों और अस्थमा टीबी रोगियों को सांस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है देश में लाखों लोग इसके प्रभाव से बीमार हो रहे हैं और मृत्यु का शिकार होते जा रहे हैं मेवात मॉडल स्कूल के प्राचार्य चंद्रमोहन झा ने कहा कि अभी भी वक्त है कि हम अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा सकते हैं साथ ही प्लास्टिक और कचरा नहीं जलाएं इससे भी कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा हवा में अधिक होती है जो नुकसान करती है। इस दौरान छात्राओं ने पर्यावरण बचाओ पराली और फसल अवशेषों से छुटकारा पाओ प्लास्टिक कचरा नहीं जलाएंगे पर्यावरण को पेड़ लगाकर संतुलित बनाएंगे आदि नारे लगाए।बाइट ;- छात्राएं बाइट ;- नम्रता अध्यापिका। संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी  ;-  पराली न जलाने को लेकर स्कूली छात्राओं ने रैली निकाली 
फसल अवशेषों और पराली जलाने से हो रहा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन मेवात मॉडल स्कूल नगीना की छात्राओं ने रैली निकालकर ग्रामीणों को किया जागरूक।  पर्यावरण ही नहीं बचेगा तो कैसे होगा जीवन अश्व नगीना थे। मेवात मॉडल स्कूल में शनिवार को छात्राओं ने रैली निकालकर फसलों के अवशेष और पराली नहीं जलाने की शपथ  ली। सामाजिक संगठन गालिब मौजी खान फाउंडेशन व पर्यावरण केयर अभियान में छात्राओं ने एक स्वर में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है. स्मोक के कारण आम जनमानस को सांस लेने में तकलीफ हो रही है पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है और ऑक्सीजन की लगातार घट रही है जो चिंताजनक है। शिक्षिका नम्रता ने कहा कि पंजाब हरियाणा और उत्तरप्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश से पराली जलाने की घटनाएं सामने आ गई है जिसने सरकार को संकट में डाल दिया है हमें भी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है अगर हम दिनचर्या में कूड़ा करकट ने जलाए तो हम अपने पर्यावरण को संतुलित रख सकते हैं साथ ही किसानों को जागरूक करना पड़ेगा कि वह फसलों के अवशेष किसी भी सूरत में नहीं जला तथा हरियाणा और पंजाब के किसानों को भी पराली नहीं जलाने का कदम उठाना पड़ेगा इस अभियान में मुख्य अतिथि ने कहा कि स्मोक की घटनाओं के कारण छोटे बच्चों और अस्थमा टीबी रोगियों को सांस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है देश में लाखों लोग इसके प्रभाव से बीमार हो रहे हैं और मृत्यु का शिकार होते जा रहे हैं मेवात मॉडल स्कूल के प्राचार्य चंद्रमोहन झा ने कहा कि अभी भी वक्त है कि हम अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा सकते हैं साथ ही प्लास्टिक और कचरा नहीं जलाएं इससे भी कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा हवा में अधिक होती है जो नुकसान करती है। इस दौरान छात्राओं ने पर्यावरण बचाओ पराली और फसल अवशेषों से छुटकारा पाओ प्लास्टिक कचरा नहीं जलाएंगे पर्यावरण को पेड़ लगाकर संतुलित बनाएंगे आदि नारे लगाए।बाइट ;- छात्राएं बाइट ;- नम्रता अध्यापिका। संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी  ;-  पराली न जलाने को लेकर स्कूली छात्राओं ने रैली निकाली 
फसल अवशेषों और पराली जलाने से हो रहा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन मेवात मॉडल स्कूल नगीना की छात्राओं ने रैली निकालकर ग्रामीणों को किया जागरूक।  पर्यावरण ही नहीं बचेगा तो कैसे होगा जीवन अश्व नगीना थे। मेवात मॉडल स्कूल में शनिवार को छात्राओं ने रैली निकालकर फसलों के अवशेष और पराली नहीं जलाने की शपथ  ली। सामाजिक संगठन गालिब मौजी खान फाउंडेशन व पर्यावरण केयर अभियान में छात्राओं ने एक स्वर में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है. स्मोक के कारण आम जनमानस को सांस लेने में तकलीफ हो रही है पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है और ऑक्सीजन की लगातार घट रही है जो चिंताजनक है। शिक्षिका नम्रता ने कहा कि पंजाब हरियाणा और उत्तरप्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश से पराली जलाने की घटनाएं सामने आ गई है जिसने सरकार को संकट में डाल दिया है हमें भी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है अगर हम दिनचर्या में कूड़ा करकट ने जलाए तो हम अपने पर्यावरण को संतुलित रख सकते हैं साथ ही किसानों को जागरूक करना पड़ेगा कि वह फसलों के अवशेष किसी भी सूरत में नहीं जला तथा हरियाणा और पंजाब के किसानों को भी पराली नहीं जलाने का कदम उठाना पड़ेगा इस अभियान में मुख्य अतिथि ने कहा कि स्मोक की घटनाओं के कारण छोटे बच्चों और अस्थमा टीबी रोगियों को सांस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है देश में लाखों लोग इसके प्रभाव से बीमार हो रहे हैं और मृत्यु का शिकार होते जा रहे हैं मेवात मॉडल स्कूल के प्राचार्य चंद्रमोहन झा ने कहा कि अभी भी वक्त है कि हम अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा सकते हैं साथ ही प्लास्टिक और कचरा नहीं जलाएं इससे भी कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा हवा में अधिक होती है जो नुकसान करती है। इस दौरान छात्राओं ने पर्यावरण बचाओ पराली और फसल अवशेषों से छुटकारा पाओ प्लास्टिक कचरा नहीं जलाएंगे पर्यावरण को पेड़ लगाकर संतुलित बनाएंगे आदि नारे लगाए।बाइट ;- छात्राएं बाइट ;- नम्रता अध्यापिका। संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात 
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