नूंह: साकरस गांव नूंह में कब्रिस्तान में सरपंच पर बिना प्रशासन की अनुमति के जेसीबी मशीन चलाने का आरोप है. जेसीबी चलने से कब्रों में दफन नवजात बच्चों के कंकाल बाहर निकल आए. जिन्हें देख लोगों में भारी रोष पैदा हो गया. ग्रामीणों ने सरपंच पर कार्रवाई की मांग की है. मेवात जिले के साकरस गांव में सरपंच द्वारा कब्रिस्तान पर जेसीबी मशीन से खुदाई करने का मामला सामने आया है. कब्रिस्तान की भूमि पर जेसीबी मशीन चलाने की सूचना ग्रामीण मौके पर पहुंचे.
जब हरिजन समाज के लोगों ने कब्रिस्तान में जाकर देखा, जहां पर कब्रों में दफन बच्चे व बुजुर्गों की हड्डियां बाहर पड़ी हुई थी और जेसीबी मशीन से खुदाई के दौरान कब्रों को खुर्द-बुर्द किया गया था. साकरस ग्रामीणों ने बताया कि कब्रिस्तान में जेसीबी मशीन चला कर कब्रिस्तान की जमीन पर फसल बोने के लिए सरपंच व जेई द्वारा कब्रों को खुर्द-बुर्द कर हमारी आस्था को ठेस पहुंचाई गई है. कब्रिस्तान में जेसीबी मशीन से सरपंच द्वारा खुदाई कराई गई है. जिससे कब्रों में दफन बच्चों की हड्डियां बाहर पड़ी हुई हैं. जिन्हें कुत्ते व अन्य जानवर नोंच-नोंच कर खा रहे हैं. यह हमारे साथ अन्याय किया गया है.
ग्रामीणों ने इस बात से भारी नाराजगी जताई है कि कब्रिस्तान पर जेसीबी मशीन चलाई गई थी. हमारे समाज के किसी भी बुजुर्ग व जिम्मेदार व्यक्ति को नहीं बुलाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सलाह मशविरा के बिना कब्रिस्तान में पीला पंजा चलाया है. ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच उनके कब्रिस्तान की भूमि को कम करना चाहता है. कब्रिस्तान की भूमि को खेत बनाकर उसमें फसल बोना चाहते हैं. जो कि गलत है.
ये भी पढ़ें: रोहतक में जच्चा बच्चा की मौत मामला: पुलिस ने श्मशान घाट से निकलवाया शिशु का शव, जानें पूरा मामला
साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि हमारे यहां पर बुजुर्ग व बच्चे काफी वर्षों से दफन है. जिनकी आत्मा के साथ छेड़खानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर हमें चाहे किसी भी हद तक जाना पड़े, हम इंसाफ लेकर रहेंगे. उन्होंने कहा की कल से ही हम सरपंच से इस मामले को लेकर गुहार लगा रहे हैं. लेकिन सरपंच की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है. सरपंच हमारे साथ भेदभाव कर रहा है. हम भी इसी गांव के वासिंदे हैं. वहीं, इस मामले में सरपंच हाजी अकबर का कहना है की जब जेसीबी मशीन कब्रिस्तान में चली थी. तब वो वहां मौजूद नहीं था. अगर ऐसा हुआ है, तो उनके सम्मान को कायम रखा जाएगा.