नूंह: जुनैद मौत मामले में पुन्हाना पुलिस ने हुड़दंग करने वाले आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था. अब पुलिस ने पीसीआर को आग लगाने और पथराव करने के मामले में 59 नामजद के लिए अलावा 100-150 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर दिया है.
बता दें कि शनिवार देर रात मृतक जुनैद का पोस्टमार्टम हुआ. जिसके बाद जमालगढ़ गांव में सुपुर्द खाक कर दिया गया. अब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है. मिली जानकारी के अनुसार फरीदाबाद पुलिस के खिलाफ पुन्हाना पुलिस को अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है. पुन्हाना में रैपिड एक्शन फोर्स के अलावा हरियाणा पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं.
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित परिजनों ने बताया कि 31 मई को जुनैद और उसके दोस्त बारात से नूंह लौट रहे थे. जहां से फरीदाबाद पुलिस (Faridabad Police) ने उन्हें चोरी और ऑनलाइन ठगी के शक पर हिरासत में लिया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने जुनैद की बेरहमी से पिटाई की. जिसकी वजह से जुनैद की मौत हो गई.
परिजनों का कहना है कि जब उनको पता चला कि जुनैद को पुलिस उठाकर ले गई है तो उन्होंने फरीदाबाद पुलिसव से बातचीत की. जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने उनसे जुनैद को छोड़ने की एवज में 70 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी.
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जुनैद का भाई आजाद 70 हजार रुपये की रिश्वत लेकर उसे फरीदाबाद पुलिस हिसारत से छुड़वाकर लाया था. जिसके करीब 10 दिन बाद जुनैद की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि जुनैद को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि उसकी तबियत बिगड़ती चली गई. जिसके बाद उसने शनिवार को दम तोड़ दिया.
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जुनैद की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने पुन्हाना रोड पर जाम लगा दिया. सूचना मिलने पर पुलिस जाम खुलवाने पहुंची तो गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पीसीआर में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया. बिगड़ते हालात को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और ग्रामीणों को समझाकर जाम खुलवाया. अब ग्रामीण और परिजन आरोपी पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.