ETV Bharat / state

विरोध करने वाले 'नेताजी' को नहीं पता कि क्या है नागरिकता संशोधन कानून, यहां जानें क्या है CAA

नूंह में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया, लेकिन उनको मालूम ही नहीं था कि वो नागरिकता संशोधन कानून का विरोध क्यों कर रहे हैं.

citizenship amendment bill in nuh
नूंह में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया
author img

By

Published : Dec 18, 2019, 6:08 PM IST

नूंह: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है. नूंह में भी लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध जताया. हैरानी की बात तो ये रही कि प्रदर्शन करने वालों को ही नहीं पता था कि ये नागरिकता संशोधन कानून क्या है और वो इसका विरोध क्यों कर रहे हैं.

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन
सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया, लेकिन उनको मालूम ही नहीं था कि वो नागरिकता संशोधन कानून का विरोध क्यों कर रहे हैं. एक दूसरे के देखा-देखी लोग सड़कों पर उतर आए. लोगों का कहना था कि सरकार ने लोकतंत्र को तोड़ने का काम किया है. इसलिए वो नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं.

नूंह में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया

प्रदर्शनकारियों को नहीं पता कि क्या है नागरिकता कानून
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने ये भी साफ किया कि वो किसी पार्टी या संस्था के लिए काम नहीं करते. बल्कि वो तो अपने हक के लिए सड़कों पर उतरे हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब प्रदर्शनकारियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार हिंदू-मुस्लिम को बांटने का काम कर रही है. इसलिए वो इस बिल का विरोध कर रहे हैं.

गोलमोल जवाब देने लगे प्रदर्शनकारी
ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब नागरिकता बिल के बारे में विस्तार से पूछा तो प्रदर्शनकारी गोल-मोल जवाब देने लगे. वो नागरिकता संशोधन बिल के बारे में कुछ नहीं बता सके. जानकारी के अभाव में ही लोग नूंह में नागरिकता बिल का विरोध कर रहे हैं.

आखिर पूरा मामला है क्या ?
नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करने के लिए लोकसभा में नागरिकता विधेयक लाया गया. इस विधेयक के जरिये अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों-हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को बिना समुचित दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है.

ये भी पढ़ें- नूंह में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन, ज्यादातर को नहीं पता CAA के बारे में

इसमें भारत में उनके निवास के समय को 12 साल के बजाय 6 साल करने का प्रावधान है. यानी अब ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस बिल के तहत सरकार अवैध प्रवासियों की परिभाषा बदलने के प्रयास में है.

नूंह: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है. नूंह में भी लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध जताया. हैरानी की बात तो ये रही कि प्रदर्शन करने वालों को ही नहीं पता था कि ये नागरिकता संशोधन कानून क्या है और वो इसका विरोध क्यों कर रहे हैं.

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन
सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया, लेकिन उनको मालूम ही नहीं था कि वो नागरिकता संशोधन कानून का विरोध क्यों कर रहे हैं. एक दूसरे के देखा-देखी लोग सड़कों पर उतर आए. लोगों का कहना था कि सरकार ने लोकतंत्र को तोड़ने का काम किया है. इसलिए वो नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं.

नूंह में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया

प्रदर्शनकारियों को नहीं पता कि क्या है नागरिकता कानून
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने ये भी साफ किया कि वो किसी पार्टी या संस्था के लिए काम नहीं करते. बल्कि वो तो अपने हक के लिए सड़कों पर उतरे हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब प्रदर्शनकारियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार हिंदू-मुस्लिम को बांटने का काम कर रही है. इसलिए वो इस बिल का विरोध कर रहे हैं.

गोलमोल जवाब देने लगे प्रदर्शनकारी
ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब नागरिकता बिल के बारे में विस्तार से पूछा तो प्रदर्शनकारी गोल-मोल जवाब देने लगे. वो नागरिकता संशोधन बिल के बारे में कुछ नहीं बता सके. जानकारी के अभाव में ही लोग नूंह में नागरिकता बिल का विरोध कर रहे हैं.

आखिर पूरा मामला है क्या ?
नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करने के लिए लोकसभा में नागरिकता विधेयक लाया गया. इस विधेयक के जरिये अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों-हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को बिना समुचित दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है.

ये भी पढ़ें- नूंह में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन, ज्यादातर को नहीं पता CAA के बारे में

इसमें भारत में उनके निवास के समय को 12 साल के बजाय 6 साल करने का प्रावधान है. यानी अब ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस बिल के तहत सरकार अवैध प्रवासियों की परिभाषा बदलने के प्रयास में है.

Intro:नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ क्या देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है तो वही आज 9:00 में भी सड़कों पर उतरकर लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया लेकिन यहां आधी से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को यही नहीं पता था कि वह विरोध क्यों कर रहे हैं


Body:नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किया जा रहा है....जिसको देखते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आज नूह जिले में भी प्रदर्शन किया.... प्रदर्शन में भारी जन सैलाब देखने को मिला... लेकिन वही जनसैलाब के बीच जो लोग शामिल थे और जो लोग विरोध कर रहे थे उनको यह तक मालूम नहीं था कि आखिर वो किस लिए विरोध कर रहे... या यह कह सकते हैं कि जब कानून के खिलाफ वह लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.... उस कानून की कुछ भी जानकारी उनको नहीं थी... लेकिन भीड़ के हिस्से में बिना किसी सोच समझकर प्रदर्शनकारी शामिल हो गए

वन टू वन-प्रदर्शनकारी

वही इस बीच ईटीवी भारत संवाददाता ने बातचीत की प्रदर्शनकारियों से जो देखने से लग रहा था कि किसी पार्टी का कार्यकर्ता है लेकिन जब हमने जानना चाहा कि आखिर वह प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं...लेकिन प्रदर्शनकारी कानून के बारे में कुछ नहीं बता सका.... बातों को इधर-उधर घुमाता दिखा... जिससे साफ पता लगता है की देश के युवाओं को कुछ राजनेता अपनी रोटी सेकने के लिए भटका रहे हैं....

वन टू वन-प्रदर्शनकारी



Conclusion:लेकिन यहां पर सवाल यह उठता है कि आखिर वह कौन लोग हैं जो देश के युवाओं को गलत जानकारी दे रहे हैं और आखिर क्यों देश का युवा बिना सोचे समझे सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहा है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.