नूंह: शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में एक महिला की शुक्रवार को मौत (Woman died in Nuh Medical College) हो गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की मौत हुई है. मृतक के घरवालों ने बताया कि डॉक्टरों ने मृतक फिरदोस पत्नी सरफुद्दीन निवासी रेहना उम्र 32 साल का आपातकालीन वार्ड में इलाज शुरू नहीं किया. महिला के पति सरफुद्दीन के मुताबिक फिरदोस को सुबह सिर में दर्द हुआ था. जिसके बाद वह उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज नल्हड़ लेकर पहुंचा, फिरदोश 7 माह की गर्भवती थी. डॉक्टरों ने उसे एमआरआई इत्यादि जांच के लिए इधर - उधर भेजा. सुबह करीब 9:30 बजे वह अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंच गया था लेकिन तकरीबन 1:30 बजे तक उसका इलाज शुरू नहीं हुआ.
मृतक के पित का कहना है कि वह तीन बच्चों का पिता है. बीपीएल परिवार से संबंध रखता है. अब वह अपने तीन बच्चों को कैसे लालन-पालन कर पाएगा. जब डॉक्टरों की लापरवाही पर मेडिकल कॉलेज नल्हड़ के निदेशक डॉ पवन गोयल व अन्य उच्चाधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो निदेशक छुट्टी पर मिले, जिनको चार्ज मिला हुआ था, उनको भी काफी खोजने के बाद कहीं पता नहीं चल पाया. मरीजों का आरोप है कि यहां डॉक्टर अपनी मनमानी कर रहे हैं.
हरियाणा के सबसे पिछड़े इस जिले को नीति आयोग की भी सूची में शामिल किया गया है और लोगों की सेहत का ख्याल रखने की बड़ी जिम्मेदारी भी स्वास्थ्य विभाग व सरकार के कंधों पर है, लेकिन लोग स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं. सबसे खास बात तो यह है कि मरीजों को इस आलीशान मेडिकल कॉलेज में ना तो दवाइयां मिल पा रही हैं और ना ही इलाज मिल पा रहा है. इस कॉलेज में पढ़ने वाले एमबीबीएस के छात्र बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में पिछले कई दिनों से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है.
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