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प्रवासियों की मदद के लिए सीएए के खिलाफ 55 दिनों से धरना दे रहे लोगों ने बढ़ाए हाथ

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Published : Mar 30, 2020, 3:17 PM IST

सीएए के खिलाफ धरना के दौरान जो लोग पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए थे, वही लोग अब पुलिस और प्रशासन की मदद करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

People performing against CAA in Nuh helped migrants
People performing against CAA in Nuh helped migrants

नूंह: बडकली चौक पर नगीना कस्बे के लोग सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर करीब 55 दिनों से धरना दे रहे थे. उन लोगों ने अब गुरुग्राम अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए पर पैदल सफर कर रहे प्रवासी मजदूरों और बेसहारा लोगों के लिए खाना उपलब्ध किया है. इसके अलावा जमीयत उलमा, आईटीआई मंच और नगीना कस्बा के कुछ लोग इन गरीबों को सूखा राशन खाने के पैकेट में पानी के पाउच दे रहे हैं.

सीएए के खिलाफ धरना के दौरान जो लोग पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए थे, वही लोग अब पुलिस और प्रशासन की मदद करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वैसे सड़कों पर अब कम ही प्रवासी और बेसहारा दिखाई दे रहे हैं, लेकिन झुग्गियों तक समाजसेवी राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं. ताकि कोई भी लॉकडाउन के दौरान भूखे पेट ना सो सके.

नूंह में सामाजिक संगठनों के लोग प्रवासियों की मदद कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- नूंह में छठे दिन भी दिखा लॉक डाउन का असर, सुनसान हैं बाजार और गलियां

सिर्फ इंसान ही नहीं समाजसेवी बंदरों और कुत्तों को भी खाना खिला रहे हैं. ताकि कोई भी भूखे पेट ना रहे. जरूरतमंद लोगों ने सामाजिक संगठनों का आभार जताया. समाजसेवियों ने कहा कि जब तक लॉक डाउन रहेगा तब तक वो जरूरतमंदों की सेवा करते रहेंगे.

नूंह: बडकली चौक पर नगीना कस्बे के लोग सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर करीब 55 दिनों से धरना दे रहे थे. उन लोगों ने अब गुरुग्राम अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए पर पैदल सफर कर रहे प्रवासी मजदूरों और बेसहारा लोगों के लिए खाना उपलब्ध किया है. इसके अलावा जमीयत उलमा, आईटीआई मंच और नगीना कस्बा के कुछ लोग इन गरीबों को सूखा राशन खाने के पैकेट में पानी के पाउच दे रहे हैं.

सीएए के खिलाफ धरना के दौरान जो लोग पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए थे, वही लोग अब पुलिस और प्रशासन की मदद करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वैसे सड़कों पर अब कम ही प्रवासी और बेसहारा दिखाई दे रहे हैं, लेकिन झुग्गियों तक समाजसेवी राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं. ताकि कोई भी लॉकडाउन के दौरान भूखे पेट ना सो सके.

नूंह में सामाजिक संगठनों के लोग प्रवासियों की मदद कर रहे हैं.

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सिर्फ इंसान ही नहीं समाजसेवी बंदरों और कुत्तों को भी खाना खिला रहे हैं. ताकि कोई भी भूखे पेट ना रहे. जरूरतमंद लोगों ने सामाजिक संगठनों का आभार जताया. समाजसेवियों ने कहा कि जब तक लॉक डाउन रहेगा तब तक वो जरूरतमंदों की सेवा करते रहेंगे.

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