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नूंह: अन्नदाता पर कहर बनकर टूटी बारिश, पानी में बहा किसानों का 'सोना'

दो दिनों से हो रही बारिश से उत्तर भारत में ठंड बढ़ गई है. दूसरी तरफ यही बारिश किसानों पर कहर बनकर टूटी है. नूंह अनाज मंडी भी इसके चपेट में आ गई है. कैसे इस खबर में पढ़िए.

paddy kept in nuh grain market
अन्नदाता पर कहर बनकर टूटी बारिश
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Published : Dec 13, 2019, 3:24 PM IST

नूंह: जहां बारिश ने सूबे में ठंड बढ़ा दी है तो वहीं ये बारिश अब अन्नदाताओं पर कहर बनकर बरस रही है. यकीन नहीं आता तो जरा नूंह की अनाज मंडी से सामने आई तस्वीरों पर नजर दौड़ा लीजिए. इन तस्वीरों को देखने के बाद आपको भी पता चल जाएगा कि कैसे से बारिश किसानों के लिए मुसीबतों का पहाड़ लेकर आई है.

बारिश ने फेरा किसानों की मेहनत पर पानी
खुले आसमान के नीचे खेतों में तो किसान की फसलों को नुकसान हुआ ही, लेकिन अनाज मंडी में भी किसानों के अनाज को काफी नुकान पहुंचा. बारिश के बाद न सिर्फ अनाज भीग गया, बल्कि पानी की निकासी नहीं होने की वजह से धान की बोरियां भी पानी में तैरने लगी.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट.

अनाज मंडी में भीगा हजारों क्विंटल धान
अनुमान लगाया जा रहा है नूंह अनाज मंडी में हजारों क्विंटल धान बर्बाद हुआ है. शेड व्यवस्था और तिरपाल नहीं होने की वजह से अनाज मंडी में लगे बोरियों के फड़ पूरी तरह भीग गए. ऐसे हालात में धान की फसल के खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता. पुन्हाना अनाज मंडी में भी धान की फसल भीगने की खबर मिल रही है. जिले की दोनों बड़ी अनाज मंडी में गोदामों का इंतजाम नहीं है , तो बाकि जगहों की अनाज मंडियों का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं.

ये भी पढ़िए: जेबीटी भर्ती घोटालाः हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा जब अधिकारियों को सेवानिवृत्ति लाभ नहीं तो नेताओं को पेंशन क्यों ?

और ज्यादा बढ़ सकता है नुकसान!

शुक्रवार सुबह जब आढ़तियों से बात की गई तो उन्होंने अनाज मंडी के इंतजामों को नाकाफी बताया. वहीं मौसम विभाग की माने तो अभी तीन दिन और बारिश की संभावना है. ऐसे में अगर अनाज मंडी में सही व्यवस्था नहीं की गई तो नुकसान और भी ज्यादा बढ़ सकता है.

नूंह: जहां बारिश ने सूबे में ठंड बढ़ा दी है तो वहीं ये बारिश अब अन्नदाताओं पर कहर बनकर बरस रही है. यकीन नहीं आता तो जरा नूंह की अनाज मंडी से सामने आई तस्वीरों पर नजर दौड़ा लीजिए. इन तस्वीरों को देखने के बाद आपको भी पता चल जाएगा कि कैसे से बारिश किसानों के लिए मुसीबतों का पहाड़ लेकर आई है.

बारिश ने फेरा किसानों की मेहनत पर पानी
खुले आसमान के नीचे खेतों में तो किसान की फसलों को नुकसान हुआ ही, लेकिन अनाज मंडी में भी किसानों के अनाज को काफी नुकान पहुंचा. बारिश के बाद न सिर्फ अनाज भीग गया, बल्कि पानी की निकासी नहीं होने की वजह से धान की बोरियां भी पानी में तैरने लगी.

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अनाज मंडी में भीगा हजारों क्विंटल धान
अनुमान लगाया जा रहा है नूंह अनाज मंडी में हजारों क्विंटल धान बर्बाद हुआ है. शेड व्यवस्था और तिरपाल नहीं होने की वजह से अनाज मंडी में लगे बोरियों के फड़ पूरी तरह भीग गए. ऐसे हालात में धान की फसल के खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता. पुन्हाना अनाज मंडी में भी धान की फसल भीगने की खबर मिल रही है. जिले की दोनों बड़ी अनाज मंडी में गोदामों का इंतजाम नहीं है , तो बाकि जगहों की अनाज मंडियों का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं.

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और ज्यादा बढ़ सकता है नुकसान!

शुक्रवार सुबह जब आढ़तियों से बात की गई तो उन्होंने अनाज मंडी के इंतजामों को नाकाफी बताया. वहीं मौसम विभाग की माने तो अभी तीन दिन और बारिश की संभावना है. ऐसे में अगर अनाज मंडी में सही व्यवस्था नहीं की गई तो नुकसान और भी ज्यादा बढ़ सकता है.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- नूह अनाज मंडी में भीगी धान की फसल
खुले आसमान के नीचे खेतों में तो किसान की फसलों को नुकसान हुआ ही , लेकिन अनाज मंडी में भी किसान - आढ़ती की फसल ओलावृष्टि - बरसात से न केवल भीगी बल्कि पानी की निकासी नहीं होने के कारण धान की बोरियां पानी में तैरने लगी। गुरुवार देर शाम से लेकर रात में हुई बरसात से अनाज मंडी नूह में हजारों क्विंटल धान की फसल पानी में पूरी तरह भीग गई। अभी भी मौसम का मिजाज ठीक नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले करीब 3 दिन तक धूप नहीं खिलने की बात कह रहा है। अनाज मंडी में रखरखाव या टीन - शेड व्यवस्था नहीं होने या तिरपाल नहीं होने की वजह से अनाज मंडी में लगे बोरियों के फड़ पूरी तरह भीग गए। ऐसे हालात में धान की फसल के खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता। पुन्हाना अनाज मंडी में भी धान की फसल भीगने की खबर मिल रही है। जिले की दोनों बड़ी अनाज मंडी में गोदामों का इंतजाम नहीं है , तो बाकि शहरों की अनाज मंडियों का अंदाजा आप स्वयं लगा सकते हैं। शुक्रवार सुबह आढ़ती - पल्लेदार भीगी हुई धान की फसल को देखने में व्यस्त और उदास दिखाई दिया। अनाज मंडी के आढ़ती एवं किसान मार्केटिंग एवं अन्य संबंधित विभागों के इंतजामों को नाकाफी बता रहे हैं। आपको बता दें कि धान की खरीद पिछले काफी लम्बे समय से हो रही है , लेकिन उठान एवं रखरखाव कितना बेहतर है , इसका अंदाजा अनाज मंडी में भीगी हुई इन हजारों बोरियों को देखकर लगाया जा सकता है। किसान तो किसान अब तो व्यापारी भी इंतजामों का रोना रो रहे हैं।
बाइट;- कुंदनलाल आढ़ती अनाज मंडी नूह
बाइट;- हरिकिशन आढ़ती
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- नूह अनाज मंडी में भीगी धान की फसल
खुले आसमान के नीचे खेतों में तो किसान की फसलों को नुकसान हुआ ही , लेकिन अनाज मंडी में भी किसान - आढ़ती की फसल ओलावृष्टि - बरसात से न केवल भीगी बल्कि पानी की निकासी नहीं होने के कारण धान की बोरियां पानी में तैरने लगी। गुरुवार देर शाम से लेकर रात में हुई बरसात से अनाज मंडी नूह में हजारों क्विंटल धान की फसल पानी में पूरी तरह भीग गई। अभी भी मौसम का मिजाज ठीक नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले करीब 3 दिन तक धूप नहीं खिलने की बात कह रहा है। अनाज मंडी में रखरखाव या टीन - शेड व्यवस्था नहीं होने या तिरपाल नहीं होने की वजह से अनाज मंडी में लगे बोरियों के फड़ पूरी तरह भीग गए। ऐसे हालात में धान की फसल के खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता। पुन्हाना अनाज मंडी में भी धान की फसल भीगने की खबर मिल रही है। जिले की दोनों बड़ी अनाज मंडी में गोदामों का इंतजाम नहीं है , तो बाकि शहरों की अनाज मंडियों का अंदाजा आप स्वयं लगा सकते हैं। शुक्रवार सुबह आढ़ती - पल्लेदार भीगी हुई धान की फसल को देखने में व्यस्त और उदास दिखाई दिया। अनाज मंडी के आढ़ती एवं किसान मार्केटिंग एवं अन्य संबंधित विभागों के इंतजामों को नाकाफी बता रहे हैं। आपको बता दें कि धान की खरीद पिछले काफी लम्बे समय से हो रही है , लेकिन उठान एवं रखरखाव कितना बेहतर है , इसका अंदाजा अनाज मंडी में भीगी हुई इन हजारों बोरियों को देखकर लगाया जा सकता है। किसान तो किसान अब तो व्यापारी भी इंतजामों का रोना रो रहे हैं।
बाइट;- कुंदनलाल आढ़ती अनाज मंडी नूह
बाइट;- हरिकिशन आढ़ती
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- नूह अनाज मंडी में भीगी धान की फसल
खुले आसमान के नीचे खेतों में तो किसान की फसलों को नुकसान हुआ ही , लेकिन अनाज मंडी में भी किसान - आढ़ती की फसल ओलावृष्टि - बरसात से न केवल भीगी बल्कि पानी की निकासी नहीं होने के कारण धान की बोरियां पानी में तैरने लगी। गुरुवार देर शाम से लेकर रात में हुई बरसात से अनाज मंडी नूह में हजारों क्विंटल धान की फसल पानी में पूरी तरह भीग गई। अभी भी मौसम का मिजाज ठीक नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले करीब 3 दिन तक धूप नहीं खिलने की बात कह रहा है। अनाज मंडी में रखरखाव या टीन - शेड व्यवस्था नहीं होने या तिरपाल नहीं होने की वजह से अनाज मंडी में लगे बोरियों के फड़ पूरी तरह भीग गए। ऐसे हालात में धान की फसल के खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता। पुन्हाना अनाज मंडी में भी धान की फसल भीगने की खबर मिल रही है। जिले की दोनों बड़ी अनाज मंडी में गोदामों का इंतजाम नहीं है , तो बाकि शहरों की अनाज मंडियों का अंदाजा आप स्वयं लगा सकते हैं। शुक्रवार सुबह आढ़ती - पल्लेदार भीगी हुई धान की फसल को देखने में व्यस्त और उदास दिखाई दिया। अनाज मंडी के आढ़ती एवं किसान मार्केटिंग एवं अन्य संबंधित विभागों के इंतजामों को नाकाफी बता रहे हैं। आपको बता दें कि धान की खरीद पिछले काफी लम्बे समय से हो रही है , लेकिन उठान एवं रखरखाव कितना बेहतर है , इसका अंदाजा अनाज मंडी में भीगी हुई इन हजारों बोरियों को देखकर लगाया जा सकता है। किसान तो किसान अब तो व्यापारी भी इंतजामों का रोना रो रहे हैं।
बाइट;- कुंदनलाल आढ़ती अनाज मंडी नूह
बाइट;- हरिकिशन आढ़ती
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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