नूंह: जिले के ट्रक ड्राइवरों के लिए अच्छी खबर है. पिछले करीब एक दशक से लाइसेंस नहीं बनने एवं नवीनीकरण नहीं होने की वजह से बेरोजगार हो चुके 40-50 हजार ड्राइवरों के लाइसेंस बनने तथा रिन्यू होने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो चुका है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मेवात विकास बोर्ड की बैठक में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने तथा उनको रिन्यू करने के आदेश संबंधित विभाग को दे दिए गए हैं. इतना ही नहीं अब लाइसेंस नवीनीकरण इत्यादि के लिए होने वाले ड्राइवरों की ट्रेनिंग प्रदेश के सभी जिलों से ली जा सकती है.
बता दें कि, सरकार ने लाइसेंस बनाने के लिए आठवीं पास की योग्यता की शर्त करीब एक दशक पहले रखी थी. इसके अलावा आरटीओ कार्यालय नूंह में मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम ने करीब एक दशक पहले छापेमारी की थी. जिसके बाद उनके द्वारा रिकॉर्ड को अपने कब्जे में ले लिया गया था. मुख्यमंत्री उड़नदस्ते को उस समय शिकायत मिली थी कि दूसरे राज्यों से बनवाए गए फर्जी लाइसेंस को यहां पर रिन्यू किया जा रहा है.
सीएम फ्लाइंग की छापेमारी के बाद रिकॉर्ड को कब्जे में लेने की वजह से उसी समय से लाइसेंस बनने और रिन्यू होने पर लगातार रोक लगी हुई है. बीच-बीच में लाइसेंस का मुद्दा मुख्यमंत्री तक पहुंचा, लेकिन आठवीं पास की योग्यता की शर्त मेवात के ड्राइवरों के नवीनीकरण में बाधा बन गई. सरकार ने आठवीं पास की योग्यता को भी पिछले कुछ माह पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात के बाद वापस ले लिया गया था, लेकिन उसके बावजूद भी चालकों के लाइसेंस बनाने तथा नवीनीकरण होने के मामले में रफ्तार नहीं पकड़ी.
जिले के तीनों विधायकों तथा मेवात विकास बोर्ड के सदस्य एवं अधिकारियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा. ताकि बेरोजगार हो चुके 40-50 हजार लोगों के परिवार उजड़ने से बच जाए और उन्हें लाइसेंस बनने तथा नवीनीकरण होने के बाद फिर से रोजगार के अवसर प्रदान हो सके. इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया.
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उपायुक्त धीरेंद्र खड़खटा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस बात की पुष्टि कर दी है कि अब जल्द ही नूंह जिले के चालकों के लाइसेंस ना केवल नए बनाए जाएंगे बल्कि जिन चालकों के लाइसेंस रिन्यू नहीं हो पा रहे थे. उनको भी जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा.