ETV Bharat / state

Onion Farming In Nuh: नूंह जिले में बढ़ेगा बरसाती प्याज का रकबा, किसानों की होगी बंपर कमाई, एनसीआर की मंडी में सबसे ज्यादा डिमांड

नूंह जिले में इस साल बरसाती प्याज की खेती पिछले सालों की तुलना में इस साल अधिक होने की उम्मीद है. जिला बागवानी अधिकारी डॉ. दीन मोहम्मद ने बताया कि नूंह जिले के बरसाती प्याज की डिमांड एनसीआर की मंडियों में अधिक है. इस प्याज की खेती पर सरकार भी प्रति एकड़ 15,000 की सब्सिडी देती है. (Onion Farming In Nuh )

Onion Farming In Nuh
नूंह में बरसाती प्याज की खेती
author img

By

Published : Jul 30, 2023, 11:56 AM IST

नूंह में बरसाती प्याज की खेती.

नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में पैदा होने वाली बरसाती प्याज गुणवत्ता, उत्पादन, रकबा के मामले में प्रदेश में नंबर वन है. नूंह जिले के खेतों में होने वाली इस प्याज की एनसीआर की मंडी में सबसे ज्यादा डिमांड है. प्रदेश भर में उत्पादन होने वाली बरसाती प्याज का 30 फीसदी अकेला नूंह जिला उत्पादन करता है. इस बार किसानों के लिए अच्छी संभावना दिख रही है. जिला बागवानी विभाग किसानों को जागरूक करने के लिए भरपूर कोशिश कर रहा है.

ये भी पढ़ें: Vegetable Prices In Haryana: हरियाणा में 200 रुपये प्रति किलो पहुंचा टमाटर, दाम बढ़ने से किसान खुश

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. दीन मोहम्मद ने बताया कि, 1 एकड़ पर प्याज की फसल लगाने में लगभग 20-25 हजार रुपये की लागत आती है. अगर 8-10 रुपये किलो भाव बाजार में होता है तो तकरीबन डेढ़ लाख रुपये की प्याज 1 एकड़ में हो जाती है. बागवानी अधिकारी ने बताया कि, इस पर तकरीबन 15,000 की सब्सिडी भी प्रति एकड़ किसानों को बागवानी विभाग देता है, लेकिन उसका मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना जरूरी है. साथ ही ड्रिप सिस्टम भी लगा होना चाहिए. पानी की बचत वाली स्कीम वाले किसान को ही यह लाभ सरकार द्वारा दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि, बीते साल तकरीबन 18,000 एकड़ में प्याज की फसल का उत्पादन किया गया था, लेकिन इस बार किसानों को जागरूक किया जा रहा है और लगभग 30,000 एकड़ में बरसाती प्याज लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि, शुष्क क्षेत्रों जैसे फिरोजपुर झिरका, पिनगवां, नगीना और तावडू, नूंह आदि खंडों में यह फसल लगाई जाती है.

ये भी पढ़ें: नूंह के आईटीसी ग्रैंड भारत होटल में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक संभावित, व्यवस्थाओं को लेकर केंद्रीय दल ने किया निरीक्षण

बागवानी अधिकारी ने बताया कि, जिले की मिट्टी की यही खासियत है कि इसमें पानी नहीं रुकता और प्याज की गांठ में गलन वगैरह नहीं होता. इसलिए इसकी गुणवत्ता भी सबसे बेहतर है. उन्होंने कहा कि, इस प्याज से बनने वाली सब्जियों का जायका लाजवाब होता है, इसलिए ना केवल भाव अच्छा मिलता है बल्कि किसानों की प्याज एनसीआर की मंडियों में हाथों-हाथ बिक जाती है.

डॉ. दीन मोहमद का कहना है कि, जिन इलाकों में बरसाती प्याज जिले के अलावा अन्य क्षेत्रों में होती थी, वहां बाढ़ के हालात हैं. इसलिए प्याज की फसल कम लगाई जाएगी. नूंह जिले के किसानों के लिए अच्छा मुनाफा कमाने का भरपूर अवसर है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा किसान प्याज की फसल लगाएं और अच्छा मुनाफा कर अपनी आजीविका को बेहतर बना सकते हैं.

नूंह में बरसाती प्याज की खेती.

नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में पैदा होने वाली बरसाती प्याज गुणवत्ता, उत्पादन, रकबा के मामले में प्रदेश में नंबर वन है. नूंह जिले के खेतों में होने वाली इस प्याज की एनसीआर की मंडी में सबसे ज्यादा डिमांड है. प्रदेश भर में उत्पादन होने वाली बरसाती प्याज का 30 फीसदी अकेला नूंह जिला उत्पादन करता है. इस बार किसानों के लिए अच्छी संभावना दिख रही है. जिला बागवानी विभाग किसानों को जागरूक करने के लिए भरपूर कोशिश कर रहा है.

ये भी पढ़ें: Vegetable Prices In Haryana: हरियाणा में 200 रुपये प्रति किलो पहुंचा टमाटर, दाम बढ़ने से किसान खुश

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. दीन मोहम्मद ने बताया कि, 1 एकड़ पर प्याज की फसल लगाने में लगभग 20-25 हजार रुपये की लागत आती है. अगर 8-10 रुपये किलो भाव बाजार में होता है तो तकरीबन डेढ़ लाख रुपये की प्याज 1 एकड़ में हो जाती है. बागवानी अधिकारी ने बताया कि, इस पर तकरीबन 15,000 की सब्सिडी भी प्रति एकड़ किसानों को बागवानी विभाग देता है, लेकिन उसका मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना जरूरी है. साथ ही ड्रिप सिस्टम भी लगा होना चाहिए. पानी की बचत वाली स्कीम वाले किसान को ही यह लाभ सरकार द्वारा दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि, बीते साल तकरीबन 18,000 एकड़ में प्याज की फसल का उत्पादन किया गया था, लेकिन इस बार किसानों को जागरूक किया जा रहा है और लगभग 30,000 एकड़ में बरसाती प्याज लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि, शुष्क क्षेत्रों जैसे फिरोजपुर झिरका, पिनगवां, नगीना और तावडू, नूंह आदि खंडों में यह फसल लगाई जाती है.

ये भी पढ़ें: नूंह के आईटीसी ग्रैंड भारत होटल में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक संभावित, व्यवस्थाओं को लेकर केंद्रीय दल ने किया निरीक्षण

बागवानी अधिकारी ने बताया कि, जिले की मिट्टी की यही खासियत है कि इसमें पानी नहीं रुकता और प्याज की गांठ में गलन वगैरह नहीं होता. इसलिए इसकी गुणवत्ता भी सबसे बेहतर है. उन्होंने कहा कि, इस प्याज से बनने वाली सब्जियों का जायका लाजवाब होता है, इसलिए ना केवल भाव अच्छा मिलता है बल्कि किसानों की प्याज एनसीआर की मंडियों में हाथों-हाथ बिक जाती है.

डॉ. दीन मोहमद का कहना है कि, जिन इलाकों में बरसाती प्याज जिले के अलावा अन्य क्षेत्रों में होती थी, वहां बाढ़ के हालात हैं. इसलिए प्याज की फसल कम लगाई जाएगी. नूंह जिले के किसानों के लिए अच्छा मुनाफा कमाने का भरपूर अवसर है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा किसान प्याज की फसल लगाएं और अच्छा मुनाफा कर अपनी आजीविका को बेहतर बना सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.