नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में बरसाती प्याज की खेती सबसे ज्यादा होती है. नूंह जिले की बरसाती प्याज का गुणवत्ता के मामले में भी कोई सानी नहीं है. दिल्ली , गुरुग्राम, फरीदाबाद और समेत पूरे एनसीआर की सब्जी मंडियों में नूंह जिले की प्याज की भारी डिमांड रहती है. हर साल की तरह इस बार भी नूंह में किसानों ने बड़े पैमाने पर प्याज की खेती की है.
प्याज की खेती का रकबा बढ़ा- इस साल नूंह में 19 हजार 500 एकड़ जमीन में प्याज की फसल किसानों ने लगाई है. प्याज की खेती नवंबर महीने में मंडियों में पहुंचने लगती है. खास बात यह है कि ड्रिप सिस्टम से किसान इस प्याज की सिंचाई करते हैं. जिससे बिजली, डीजल, समय, समेत लेबर के लागत की भी बचत होती है. इस साल कई राज्यों में आई बाढ़ को देखते हुए किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलने की उम्मीद है.
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प्याज के बाद गेहूं की बिजाई- जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद ने बताया कि अच्छे भाव को देखते हुए इस बार किसानों ने प्याज का रकबा जिले में बढ़ा दिया है. इस बार बीमारी भी प्याज में नहीं है. लिहाजा किसानों को अच्छा भाव मिलेगा. एक एकड़ में लाखों रुपए की आमदनी होती है. बाजार में जितना अच्छा रेट होगा किसानों को भी उतना ही फायदा होगा. बरसाती प्याज की खास बात ये है कि इसके बाद किसान गेहूं की बिजाई भी कर सकते हैं.
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अच्छा दाम मिलने की उम्मीद- इस बार कई राज्यों में बरसाती प्याज की खेती को बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है. ऐसी स्थिति में नूंह जिले के बरसाती प्याज उगाने वाले किसानों को प्याज के दाम अच्छे खासे मिल सकते हैं. बेमौसम बरसात या बीमारी की वजह से नूंह जिले की बरसाती प्याज खराब होती है तो प्याज के दाम एनसीआर में आसमान छूने लगते हैं.
मंडी में आने वाली है नूंह की प्याज- किसानों की प्याज फिलहाल खेत में लगभग तैयार है. करीब 20 दिन बाद स्वाद से भरपूर प्याज सब्जी मंडी में आ जायेगी. नूंह की बरसाती प्याज के मंडियों में आने के बाद आम लोगों को भी दाम से थोड़ी राहत मिलती है. हलांकि पैदावार ज्यादा होने के बाद गई बार दाम गिर जाते हैं, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसी स्थिति में किसान सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं.
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