नूंह: फिरोजपुर झिरका के पास अरावली पर्वत की तलहटी में नूंह हिंसा के बाद बुलडोजर की कार्रवाई की गई थी. जो लोग इस कार्रवाई में बेघर हो गए थे. उन्हें शुक्रवार को मौलाना मदनी कॉलोनी में स्थापित किया गया. तकरीबन 20 परिवारों को 100 गज के प्लॉट इस कॉलोनी में दिए गए.इन 20 लाभार्थियों में तीन महिलाओं को मकान बनाने के लिए एक-एक लाख रुपये के चेक भी दिए गए.
इतना ही नहीं तीन हिंदू परिवारों को मनपसंद स्थान पर जमीन खरीदने तथा मकान बनाने के लिए एक-एक लाख रुपये के चेक दिए गए. जमीयत उलेमा ए हिंद ने इस काम को किया है. जमीयत उलेमा ए हिंद के मुताबिक मुस्लिम परिवारों के लिए यहां तकरीबन 200 गज जमीन में मस्जिद भी भविष्य में बनाई जाएगी. कार्यक्रम स्थल पर मौलाना सैयद अरशद मदनी राष्ट्रीय अध्यक्ष जमीयत ने मुल्क में अमन - शांति के लिए दुआ भी मांगी.
उन्होंने कहा कि हम सब लंबे समय से मिलजुल कर रहे थे. रह रहे हैं और आगे भी मिलजुल कर रहेंगे. इस मौके पर पीड़ित परिवारों ने कहा कि जब नूंह हिंसा के दौरान उनके आशियाने को तोड़ा गया था, तो उस समय उन्हें किसी प्रकार का कोई नोटिस नहीं दिया गया था. उसके बाद से ही गरीब परिवार खुले आसमान के नीचे या फिर तंबू लगाकर रहने को मजबूर थे. अब मौलाना मदनी कॉलोनी में जल्द ही इन परिवारों को आशियाना मिल जाएगा.
जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इससे पहले जामा मस्जिद फिरोजपुर झिरका में जुमे की नमाज अदा कराई. जिसमें बड़ी संख्या में लोग एकजुट हुए. उसके बाद दोपहर बाद करीब 3 बजे दूध की घाटी में पहुंचकर विस्थापितों को प्लॉट की रजिस्ट्री के कागजात व चेक वितरित किए. उन्होंने लोगों से कहा कि ये गंगा जमुनी तहजीब का देश है. जिस तरह हमारे पूर्वज सदियों से मिलजुल कर रहते आए हैं.
ठीक उसी तरह हमें भी रहना है. अपने सुख में हिंदू समाज के लोगों को बुलाना है, तो उनके दुख में शामिल होना है. लिहाजा इसमें भाईचारा पहले की तरह ही मजबूत रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां भी कोई आपदा या हिंसा होती है, वहां जमीयत उलेमा ए हिंद किसी धर्म व जाति को नहीं देखकर पीड़ितों की मदद करता है.