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नूंह: खिलाड़ियों के साथ क्यों हो रहा 'खेल'? अनदेखी के चलते स्टेडियम बने खंडहर

सरकारी अनदेखी के चलते नूंह इलाके के पांचों स्टेडियम उद्घाटन होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए. हालात ऐसे हो चुके हैं कि स्टेडियम में खिलाड़ियों ने तो रुख करना ही छोड़ दिया. अब ये स्टेडियम शाराबियों और नशेडियों का अड्डा बनने लगा है.

nuh stadium in poor condition
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Published : Jan 1, 2020, 1:41 PM IST

नूंह: सरकार की तरफ से खिलाड़ियों को लेकर किए गए दावें फेल होते दिखाई दे रहे हैं. सबे ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर स्टेडियम बदहाल हो चुके हैं. देखरेख की कमी के चलते स्टेडियम में खिलाड़ियों ने तो रुख करना ही छोड़ दिया. अब ये स्टेडियम शाराबियों और नशेडियों का अड्डा बनने लगा है. आज ईटीवी भारत की टीम नूंह के पनगवां कस्बे में बने खेल स्टेडियम में पहूंची. यहां भी खिलाड़ियों को लिए करोड़ों रुपये की लागत से बनाया गया स्टेडियम खंडहर बन चुका है.

विभाग की लापरवाही से उजड़ रहे हैं स्टेडियम!
पिछली सरकारों में खिलाड़ियों की सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे किये गए. खेल विभाग की लापरवाही के चलते इलाके के पांचों स्टेडियम उद्घाटन होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए. स्टेडियम में उबड़ -खाबड़ जमीन, जंगली घास-फूंस, पीने की पानी की व्यवस्था नहीं, भवन की दीवारों में दरार, छत तो लगभग उजड़ चुकी है. अब इस स्थिति में खिलाड़ी करे भी तो क्या? सुविधा नहीं होने के कारण स्टेडियम की तरफ झांकते भी नहीं है.

खिलाड़ियों के साथ क्यों हो रहा 'खेल', देखिए रिपोर्ट

कौन कर रहा स्टेडियम से खिलवाड़?
ये हाल है उस हरियाणा प्रदेश के मेवात जिले के खेल स्टेडियम का है. जिस प्रदेश के खिलाडी मेडल की भरमार से देश की शान बढ़ा रहे हैं. जिस प्रदेश को खिलाड़ियों की बदोलत दुनियाभर में पहचान मिली हुई है. उसी प्रदेश में स्टेडियम का हाल बेहाल है. इलाके के लोगों का कहना है कि हरियाणा के अन्य जिलों में खेल को लेकर काफी सुविधाएं हैं और युवा नाम कमा रहे हैं, लेकिन मेवात जिले के इस स्टेडियम की बदहाल स्थिति के बाद भी सरकार की आंख नहीं खुली है.

नूंह: सरकार की तरफ से खिलाड़ियों को लेकर किए गए दावें फेल होते दिखाई दे रहे हैं. सबे ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर स्टेडियम बदहाल हो चुके हैं. देखरेख की कमी के चलते स्टेडियम में खिलाड़ियों ने तो रुख करना ही छोड़ दिया. अब ये स्टेडियम शाराबियों और नशेडियों का अड्डा बनने लगा है. आज ईटीवी भारत की टीम नूंह के पनगवां कस्बे में बने खेल स्टेडियम में पहूंची. यहां भी खिलाड़ियों को लिए करोड़ों रुपये की लागत से बनाया गया स्टेडियम खंडहर बन चुका है.

विभाग की लापरवाही से उजड़ रहे हैं स्टेडियम!
पिछली सरकारों में खिलाड़ियों की सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे किये गए. खेल विभाग की लापरवाही के चलते इलाके के पांचों स्टेडियम उद्घाटन होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए. स्टेडियम में उबड़ -खाबड़ जमीन, जंगली घास-फूंस, पीने की पानी की व्यवस्था नहीं, भवन की दीवारों में दरार, छत तो लगभग उजड़ चुकी है. अब इस स्थिति में खिलाड़ी करे भी तो क्या? सुविधा नहीं होने के कारण स्टेडियम की तरफ झांकते भी नहीं है.

खिलाड़ियों के साथ क्यों हो रहा 'खेल', देखिए रिपोर्ट

कौन कर रहा स्टेडियम से खिलवाड़?
ये हाल है उस हरियाणा प्रदेश के मेवात जिले के खेल स्टेडियम का है. जिस प्रदेश के खिलाडी मेडल की भरमार से देश की शान बढ़ा रहे हैं. जिस प्रदेश को खिलाड़ियों की बदोलत दुनियाभर में पहचान मिली हुई है. उसी प्रदेश में स्टेडियम का हाल बेहाल है. इलाके के लोगों का कहना है कि हरियाणा के अन्य जिलों में खेल को लेकर काफी सुविधाएं हैं और युवा नाम कमा रहे हैं, लेकिन मेवात जिले के इस स्टेडियम की बदहाल स्थिति के बाद भी सरकार की आंख नहीं खुली है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी ;-  सुविधाओं को तरसता स्टेडियम  
नूंह के पिनगवां कस्बे में बनाया गया खंड स्तरीय स्टेडियम सुविधाओं को तरस रहा है। करीब सात एकड़ भूमि में लाखों रुपये की लागत से पूर्व की सरकार के समय में खिलाड़ियों की सुविधाओं को लेकर बड़े - बड़े दावे किये गए ,लेकिन मेवात जिले के खेल विभाग ने स्टाफ की कमी के चलते जिले में बने करीब पांच स्टेडियम उदघाटन होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए। उबड़ -खाबड़ जमीन है। मैदान में घास -फूंस खड़ा है। आज तक कोच स्टेडियम की शक्ल तक नहीं देख पाए हैं। बिजली -पानी का आभाव है। कांच टूटे हुए हैं ,भवन में दरार पडी हुई हैं। खिलाडी सुविधा नहीं होने के कारण स्टेडियम की तरफ झांकते भी नहीं है। खेल व खिलाडी सुविधा नहीं होने के कारण अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। चारदीवारी भी शरारती तत्वों द्वारा गिराई जा रही है। जंगला ,चौखट उखाड़े जा चुके हैं। ये हाल उस हरियाणा प्रदेश के मेवात जिले के खेल स्टेडियम का है ,जिस प्रदेश के खिलाडी मेडल की भरमार से देश की शान बढ़ा रहे हैं। 
बाइट ;- फजरुद्दीन झरपडी। बाइट ;-  इश्लाम खान बाइट ;- संजीत कुमार संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी ;-  सुविधाओं को तरसता स्टेडियम  
नूंह के पिनगवां कस्बे में बनाया गया खंड स्तरीय स्टेडियम सुविधाओं को तरस रहा है। करीब सात एकड़ भूमि में लाखों रुपये की लागत से पूर्व की सरकार के समय में खिलाड़ियों की सुविधाओं को लेकर बड़े - बड़े दावे किये गए ,लेकिन मेवात जिले के खेल विभाग ने स्टाफ की कमी के चलते जिले में बने करीब पांच स्टेडियम उदघाटन होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए। उबड़ -खाबड़ जमीन है। मैदान में घास -फूंस खड़ा है। आज तक कोच स्टेडियम की शक्ल तक नहीं देख पाए हैं। बिजली -पानी का आभाव है। कांच टूटे हुए हैं ,भवन में दरार पडी हुई हैं। खिलाडी सुविधा नहीं होने के कारण स्टेडियम की तरफ झांकते भी नहीं है। खेल व खिलाडी सुविधा नहीं होने के कारण अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। चारदीवारी भी शरारती तत्वों द्वारा गिराई जा रही है। जंगला ,चौखट उखाड़े जा चुके हैं। ये हाल उस हरियाणा प्रदेश के मेवात जिले के खेल स्टेडियम का है ,जिस प्रदेश के खिलाडी मेडल की भरमार से देश की शान बढ़ा रहे हैं। 
बाइट ;- फजरुद्दीन झरपडी। बाइट ;-  इश्लाम खान बाइट ;- संजीत कुमार संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी ;-  सुविधाओं को तरसता स्टेडियम  
नूंह के पिनगवां कस्बे में बनाया गया खंड स्तरीय स्टेडियम सुविधाओं को तरस रहा है। करीब सात एकड़ भूमि में लाखों रुपये की लागत से पूर्व की सरकार के समय में खिलाड़ियों की सुविधाओं को लेकर बड़े - बड़े दावे किये गए ,लेकिन मेवात जिले के खेल विभाग ने स्टाफ की कमी के चलते जिले में बने करीब पांच स्टेडियम उदघाटन होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए। उबड़ -खाबड़ जमीन है। मैदान में घास -फूंस खड़ा है। आज तक कोच स्टेडियम की शक्ल तक नहीं देख पाए हैं। बिजली -पानी का आभाव है। कांच टूटे हुए हैं ,भवन में दरार पडी हुई हैं। खिलाडी सुविधा नहीं होने के कारण स्टेडियम की तरफ झांकते भी नहीं है। खेल व खिलाडी सुविधा नहीं होने के कारण अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। चारदीवारी भी शरारती तत्वों द्वारा गिराई जा रही है। जंगला ,चौखट उखाड़े जा चुके हैं। ये हाल उस हरियाणा प्रदेश के मेवात जिले के खेल स्टेडियम का है ,जिस प्रदेश के खिलाडी मेडल की भरमार से देश की शान बढ़ा रहे हैं। 
बाइट ;- फजरुद्दीन झरपडी। बाइट ;-  इश्लाम खान बाइट ;- संजीत कुमार संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात 
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