नूंह: हरियाणा के नूंह खंड के बारोटा गांव के चुने गए सरपंच इन दिनों बेहद परेशान हैं. इनकी परेशानी की वजह पंचायत का रिकॉर्ड नहीं मिलना है. पूर्व सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड नहीं देने के कारण विकास कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. ग्रामीण सरपंच के रिकॉर्ड नहीं देने की शिकायत उपायुक्त अजय कुमार से लेकर पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली से कर चुके हैं. इसके बावजूद उन्हें अभी तक ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है.
नवनियुक्त सरपंचों को रिकॉर्ड नहीं देने और विकास कार्य समय पर नहीं होने से सरपंच ही नहीं, ग्रामीण भी नाराज हैं. बारोटा गांव के ग्रामीण सोमवार को नूंह उपायुक्त अजय कुमार से मिले और उनसे पूर्व सरपंच को जल्द से जल्द रिकॉर्ड जमा कराने के निर्देश देने की मांग की है. ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व सरपंच नियम व कानून को ठेंगा दिखाकर मनमानी कर रहा है और रिकॉर्ड नहीं सौंप रहा है.
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बारोटा गांव के लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत के चुनाव पहले ही करीब 2 साल देरी से हुए हैं. जिसके कारण विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं और अब पूर्व सरपंच द्वारा मौजूदा सरपंच को रिकॉर्ड नहीं देने के कारण गांव का विकास पूरी तरह से ठप हो चुका है. अधिकारी भी पूर्व सरपंच से अभी तक रिकॉर्ड नहीं दिला पाए हैं. मौजूदा सरपंच को विकास कार्य कराने की बजाय रिकॉर्ड लेने के लिए अधिकारियों व राजनेताओं के चक्कर लगाने पड़े रहे हैं.
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पूर्व सरपंच द्वारा रिकॉर्ड नहीं देने के पीछे ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में बड़ा गड़बड़झाला होने से इनकार नहीं किया जा सकता. यह नूंह जिले के सिर्फ एक गांव का यह मामला नहीं है, दर्जनों गांवों में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं कि चुनाव होने के कई माह बाद भी पूर्व सरपंच मौजूदा सरपंचों को रिकॉर्ड नहीं सौंप रहे हैं. जिला प्रशासन भी अब ऐसे लोगों पर मुकदमें दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है.