नूंह: देशभर के सबसे पिछड़े जिलों में नूंह ने छलांग लगाई है. स्वास्थ्य क्षेत्र में हरियाणा का नूंह जिला नंबर-1 बन गया है. नूंह उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि नीति आयोग की ओर से देशभर के 112 आकांक्षी जिलों की सूची बनाई गई थी, जिसमें लगभग 49 पैरामीटर तय किए गए थे. इनमें ड्रॉपआउट, संस्थागत डिलीवरी, सिंचाई, कृषि, सेहत सहित अन्य विभागों के बहुत से काम थे. इन सभी में सुधार करने की जरूरत थी. मेवात जिला लगातार डेल्टा रैंकिंग स्वास्थ्य के क्षेत्र में नंबर वन पर पहुंच गया है.
नूंह जिला उपायुक्त ने बताया कि जिले के संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी जिले को पिछड़े जिलों की सूची से बाहर निकालने में भरपूर मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज जिले के नागरिकों की जागरूकता व प्रशासनिक अधिकारियों की मेहनत का ही नतीजा है जो नूंह जिला पूरे देश में आकांक्षी जिलों की डेल्टा रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर आया है. इसके अलावा बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में चौथा स्थान हासिल किया है.
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उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम अपने नागरिकों के जीवन स्तर को बढ़ाने और 'सबका साथ सबका विकास' के उनके दृष्टिकोण के तहत सभी के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करने के सरकार के प्रयास का एक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा और कृषि और जल संसाधन आदि में बड़े पैमाने पर सुधार कर लोगों को इसका लाभ देना है.
उपायुक्त ने कहा कि आज जिला नूंह में संस्थागत डिलीवरी 103 प्रतिशत है. यह दर्शाता है कि जिले के चिकित्सा स्टाफ ने जी-जान से मेहनत कर संस्थागत डिलीवरी को बेहतर किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नूंह में संस्थागत डिलीवरी को लेकर जिले की तारीफ की है. रूटीन टीकाकरण में भी सुधार हुआ है. डीसी ने कहा इस अभियान की शुरुआत 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. चार साल में नूंह जिले में रैंकिंग में तीसरा चौथा और दूसरा पायदान भी हासिल किया, लेकिन इस 4 साल के कार्यकाल में पहली बार नूंह नंबर वन रैंकिंग पर पहुंचा है.