नूंह: हरियाणा के जिला नूंह में अंग्रेजों के जमाने में बना बंगला बदहाली के आंसू बहा रहा है. ऐतिहासिक पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि यहां पर बारिश होते ही सीवर का पानी भर जाता है. जो कि सबसे बड़ी समस्या है. लेकिन शासन-प्रशासन की नजरें रेस्ट हाउस की तरफ इनायत नहीं हो रही है. रेस्ट हाउस परिसर में पुराने पेड़ गिर चुके हैं, घास, फूल और कई प्रकार के पौधे खराब हो चुके हैं. रेस्ट हाउस को लेकर लोक निर्माण विभाग बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है.
बता दें कि शहर के बीचों-बीच बना पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस 1940 में अंग्रेजों के जमाने में बना था. देश की आजादी से पहले बने इस बंगले में आज भी कहीं न कहीं पुरानी पद्धति दिखाई देती है. लेकिन इस रेस्ट हाउस को जिला प्रशासन व सरकार भूल चुकी है. रेस्ट हाउस की दीवारों में सीलन है तो दरवाजे भी दीमक की भेंट चढ़ चुके हैं.
कांग्रेस विधायक आफताब अहमद के आवास से सटे इस रेस्ट हाउस में अब विश्राम करना तो दूर 1 मिनट रुकना तक मुनासिब नहीं है. बदबू की वजह से यहां पर घुटन का एहसास होने लगता है. आलम ये है कि जब लोक निर्माण विभाग नूंह का कार्यालय भी इसी बंगले की दीवार से बिल्कुल सटा हुआ है. बरसात के दिनों में तो रेस्ट हाउस परिसर तालाब से कम नजर नहीं आता. यहां तक कि शहर की ज्यादातर गंदा पानी इसी परिसर में आकर ठहरता है. एक बार पानी भर जाने के बाद मुश्किल से ही सूखता है. जिसकी वजह से यहां बीमारियां फैलने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है.
यहां पर रह रहे कर्मचारी तो परेशान है ही लेकिन जो भी राहगीर यहां से गुजरते हैं वो भी खासे परेशान हैं, नेताओं और अधिकारियों ने तो अब इस रेस्ट हाउस से पूरी तरह से किनारा कर लिया है. जब इस बारे में स्थानीय कांग्रेस विधायक एवं सीएलपी उपनेता आफताब अहमद से बातचीत की गई तो उन्होंने इसके लिए मनोहर लाल सरकार को ही कसूरवार ठहरा दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन काल में नूंह में सर्किट हाउस तथा कैनाल रेस्ट हाउस का निर्माण किया गया था.
कांग्रेस विधायक ने कहा कि पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस की हालत भी अच्छी थी. लेकिन इस सरकार के समय में रेस्ट हाउस की हालत बद से बदतर हो गई है. कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जिस ऐतिहासिक रेस्ट हाउस को हेरिटेज बनाना चाहिए था, उस पर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार पूरी तरह से फेल सरकार है.
नूंह शहर में इलाके में इस सरकार ने कोई विकास का काम नहीं किया है. पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आसपास की आबादी के लोग कभी हरियाली व खूबसूरती को देखकर सुबह-शाम टहलने के लिए आते थे. लेकिन अब इस परिसर में टहलने के लिए तो दूर अंदर कोई प्रवेश तक करके भी राजी नहीं होता. लोक निर्माण विभाग नूंह बदतर हो चुके इस बंगले को लेकर कब गंभीर होगा, यह एक बड़ा सवाल है.