नूंह: नियम कानून को ताक पर रख कर्मचारियों के साथ गाली गलौज करने, मारपीट करने, रिश्वत लेने, रिश्वत नहीं देने पर कार्रवाई करने की धमकी देने, सस्पेंड कराने जैसे आरोपों से घिरे बीडीपीओ नरेंद्र ढुल पर सख्ती की चाबुक अब चलने लगा है. डीडीपीओ कुमारी नवनीत कौर की शिकायत पर इंडरी खंड के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र ढुल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
बता दें कि इससे पहले भी 25 फरवरी को नरेंद्र ढुल के खिलाफ पंचायत विभाग के कर्मचारी के साथ मारपीट करने, जातिसूचक शब्द कहने के मामले में मुकदमा दर्ज है. नूंह पुलिस, बीडीपीओ नरेंद्र ढुल को सलाखों के पीछे भेजने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है, लेकिन बीडीपीओ ढुल इस समय भूमिगत बताए जा रहे हैं.
ये है पूरा मामला: डीडीपीओ कुमारी नवनीत कौर द्वारा रोजका मेव पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि बीडीपीओ नरेंद्र ढुल के पास इंडरी खंड के अलावा फिरोजपुर झिरका और पुनहाना खंड का अतिरिक्त कार्यभार भी है. बीडीपीओ नरेंद्र ढुल ने जावेद ग्राम सचिव खंड फिरोजपुर झिरका से पैसे मांगे, लेकिन पैसे ना देने पर उसे बार-बार टॉर्चर किया गया. इतना ही नहीं उससे चार्ज छीन लेने तक की धमकी दी गई. एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पत्र भी जारी किया गया. बीडीपीओ ने शराब का सेवन कर ग्राम सचिव को भद्दी-भद्दी गालियां दी और उल्टे-सीधे मैसेज किए गए लेकिन उन्हें तुरंत डिलीट कर दिया गया. हर दिन रुपए की डिमांड की गई, ग्राम सचिव जावेद ने मानसिक परेशानी से बचने के लिए ऑनलाइन 15,000 रुपए उनके अकाउंट में भी डाले, लेकिन 3 दिन बाद फिर 35,000 रुपए की डिमांड की गई. 35,000 रुपए नहीं डालने पर ग्राम सचिव की ड्यूटी बदल दी गई.
एफआईआर के अनुसार, बीडीपीओ नरेंद्र ढुल कर्मचारियों से कहता था कि उपायुक्त नूंह और निदेशक पंचायत विभाग तक उसका हफ्ता जाता है. अगर किसी कर्मचारी ने उसे रिश्वत नहीं दी तो उस पर कार्रवाई करवाने में देरी नहीं होगी. इसके अलावा नरेंद्र ढुल ने सुंदर सिंह ग्राम सचिव से भी रिश्वत की डिमांड की और बात नहीं बनी तो उसे सस्पेंड तक करवा दिया गया. बीडीपीओ के नैतिक आचरण को लेकर लिपिक राम सिंह ने भी शिकायत की दर्ज कराई थी.
नरेंद्र ढुल के कारण संतरी से लेकर मंत्री तक परेशान: इस मामले में जिले के सरपंचों ने इस संबंध में पिछले नूंह दौरे के दौरान पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली को एक शिकायत दी थी. जिसमें कहा गया था कि बीडीपीओ नरेंद्र ढुल ब्लैकमेल करता है, गाली देता है, सरपंचों को चोर तक कहता है. अपनी इसी कार्यशैली की वजह से नरेंद्र ढुल के कारनामों से संतरी से लेकर मंत्री तक परेशान हो गए थे.
आखिरकार बेलगाम बीडीपीओ नरेंद्र ढुल पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है. मुकदमा दर्ज होने से पंचायत विभाग के कर्मचारियों और इलाके के सरपंचों ने राहत की सांस ली है. साथ ही पुलिस विभाग से मांग की है कि ऐसे बेलगाम पंचायत अधिकारी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाए ताकि फिर कोई इस तरह की मनमानी इस विभाग में ना कर सके. जब इस बारे में कुमारी नवनीत कौर डीडीपीओ नूंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुकदमा दर्ज करा दिया गया है. पुलिस विभाग अपना काम कर रहा है.
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