नूंह: केंद्र सरकार द्वारा लाए 3 कृषि विधेयक अब सरकार के गले की फांस बनते नजर आ रहे हैं. हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान सहित उत्तर भारत के किसान अब सड़क पर उतरकर केंद्र सरकार का विरोध कर रहे हैं. नूंह विधानसभा से विधायक और कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने किसान अधिकार यात्रा की शुरुआत करके मेवात के किसानों को तेज गति से लामबंद करना शुरू कर दिया है.
रविवार को कांग्रेस विधायक आफताब अहमद अपनी किसान अधिकार यात्रा के तहत जिले के आकेड़ा गांव पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में किसानों के साथ खड़ी है. किसान, मजदूर के हितेषी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा सहित सभी नेता किसान मजदूर की लड़ाई लड़ रहे हैं.
आफताब अहमद ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास किसान, मजदूर, गरीब का साथ देने का रहा है. उदाहरण 1960 के दशक में हरित क्रांति, 1970 में दुग्ध क्रांति लाना सामने है. किसान का कर्ज माफ और लोन देने का काम कांग्रेस ने शुरू किया था. उन्होंने कहा कि नए कृषि बिलों के जरिए किसानों से एमएसपी छीन ली जाएगी.
किसानों को कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए अरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा, न दाम मिलेगा, न सम्मान मिलेगा, बल्कि किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा. उन्होंने भाजपा राज की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी राज से करते हुए कहा कि ये किसान मजदूर गरीब के साथ बीजेपी सरकार की राजनीतिक बेइमानी है, जो किसान खून पसीना बहा रहा कर देश के लिए अन्न पैदा करता है, मोदी सरकार उसे खून के आंसू रुला रही है.
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आफताब ने बताया कि किसान अधिकार यात्रा का मकसद किसान, मजदूर को न्याय दिलाना है. ये यात्रा मेवात सहित कई अन्य जिलों में जारी रहेगी और इस गूंगी, बहरी किसान मजदूर विरोधी सरकार के आंख-कान खोलने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी की मोदी सरकार भूमि अधिग्रहण कानून लाई थी, लेकिन कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में किसान की लड़ाई लड़ी और बीजेपी सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे. अब इन बिलों को भी कांग्रेस वापस करा कर ही दम लेगी.