नूंह: हरियाणा के सबसे पिछड़े जिला नूंह में बड़े पैमाने पर हो रही होम डिलीवरी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब निजी अस्पताल चला रहे डॉक्टरों की मदद लेगा. गुरुवार को अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. लोकवीर एवं महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोनिका यादव ने प्राइवेट डॉक्टरों की बैठक बुलाकर परिवार कल्याण कार्यक्रम के साथ-साथ संस्थागत डिलीवरी में सहयोग करने की अपील की.
घर में प्रसव से महिलाओं को जान का खतरा
इस दौरान सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने परिवार कल्याण कार्यक्रम के साथ-साथ संस्थागत डिलीवरी को बढ़ावा देने के लिए बनवाए गए पंपलेट देकर प्राइवेट डॉक्टरों से हर संभव मदद की बात कही. पत्रकारों से बातचीत के दौरान डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर लोकबीर सिंह ने कहा कि होम डिलिवरी की संख्या बढ़ी है. डिलीवरी के दौरान गर्भवती महिला खतरे में होती है और कई बार मौत तक हो जाती है. डिलीवरी के दौरान सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का पालन करें. डिलीवरी के दौरान इंफेक्शन फैलने, स्वच्छता उपकरणों का गर्भवती महिला की जांच और दवाई का ख्याल रखें.
कई डॉक्टर भी नहीं करते ऑनलाइन डाटा अपलोड
डिलीवरी के बाद डाटा अपलोड करने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें, ताकि अच्छे नतीजे सामने आ सके. ऐसा देखने में भी आया है कि बच्चों के जन्म का डाटा निजी क्लीनिक अपलोड कम करवाते हैं. महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोनिका यादव ने कहा कि परिवार कल्याण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए पहले भी प्राइवेट डॉक्टरों की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन उसका कोई खास असर नहीं हुआ.
डॉ. मोनिका यादव ने कहा कि लोगों को इस बात के लिए जागरूक करें कि बच्चों में पैदाइश के समय गैप रहे. अब देखना यह है कि प्राइवेट डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग नूंह का संस्थागत डिलीवरी से लेकर परिवार कल्याण कार्यक्रम को सफल बनाने में कितना योगदान कर पाते हैं.
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