नूंह: नूंह में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोषी को दस साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी को नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसका दुष्कर्म करने का दोषी मानते हुए सजा का ऐलान किया है. दोषी के खिलाफ जिले के तावडू थाने में केस दर्ज था. कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों के आधार पर सजा सुनाते हुए दोषी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. नूंह में नाबालिग से दुष्कर्म की यह वारदात 2019 में हुई थी.
नूंह अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी के जुर्माना नहीं देने पर उसे 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. सरकारी वकील आकाश तंवर ने बताया कि जून 2019 में सदर थाना तावडू नूंह के अंतर्गत एक गांव के व्यक्ति ने पुलिस को इस संबंध में शिकायत दी थी. जिसमें बताया गया कि वे जब एक शादी के कार्यक्रम से देर रात घर लौटे तो उनकी 16 वर्षीय बेटी घर से लापता थी.
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पुलिस ने नाबालिग लड़की के पिता की शिकायत पर 5 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस जांच में चार आरोपियों पर कोई दोष नहीं पाया गया. मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे घटनास्थल पर ले गई, जहां निशानदेही कराई गई. नूंह पुलिस की जांच और सरकारी वकील आकाश तंवर द्वारा रखे गए तथ्यों के आधार पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की अदालत में मोजिम पुत्र फखरुद्दीन निवासी चाहलका को दोषी ठहराया गया. कोर्ट ने उन्हें 10 वर्ष के कारावास और दस हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना नहीं भरने की सूरत में दोषी को 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी.