नूंह: हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. बारिश के कारण सरसों और गेहूं की फसल बर्बाद होने से किसान चिंतित हैं. वहीं, कांग्रेस विधायक दल उप नेता एवं नूंह से कांग्रेस विधायक चौधरी आफताब अहमद ने बेमौसम बारिश के कारण खराब हुई फसलों का निरीक्षण करने के लिए शनिवार को उजीना, इण्डरी, हिलालपुर, राऊका, उदाका, भिरावटी, खानपुर, रायपुरी, अडबर, जयसिंहपुर, नौशेरा, घासेड़ा, हिरमथला, रेवासन, बडेलाकी, बारोटा आदि गांवों में स्थानीय किसानों संग पहुंचे.
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि, बेमौसम बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है, गेहूं में ज्यादा नुकसान है और सरसों की फसल भी प्रभावित हुई है. किसानों को भारी नुकसान हुआ है इसकी भरपाई के लिए सरकार पहले विशेष गिरदावरी कराए फिर सरकार को 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए. पहले का मुआवजा भी अभी लंबित हैं, ऐसे में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रकृति तो दूसरी तरफ सरकार भी किसानों की सुध नहीं ले रही है. कुछ दिनों पहले भी भारी ओलावृष्टि, तेज हवाओं व बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ था और अब लगातार बारिश से नुकसान ज्यादा बढ़ गया है.
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है. खराब हुई फसल की ना सही तरीके से और ना सही समय पर गिरदावरी होती और ना ही किसानों को मुआवजा दिया जाता है.उन्होंने कहा कि, अगर गिरदावरी होती भी है तो फसल नुकसान को कम करके दर्शाया जाता है. इसके साथ ही कांग्रेस विधायक ने कहा कि मेवात के किसानों से सरकार सौतेला जैसे व्यवहार ही करती है. मेवात जिले के किसानों के पूर्व के मुआवजे भी लंबित हैं और जो मिले हैं उनके लिए सदन में काफी आवाज उठानी पड़ती है. बीते दो साल में बेमौसम बारिश ने फसलों को नुकसान अधिक पहुंचाया है, लेकिन प्रदेश सरकार उचित मुआवजा देने में विफल साबित हुई है.
विधायक आफताब अहमद ने सरकार के पोर्टल पर भी निशाना साधते हुए कहा कहा कि कई जगह ना तो पोर्टल चल रहा है और ना ही टोल फ्री नंबर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि, किसानों को नुकसान की जानकारी अपलोड करने में भी परेशानी पेश आ रही है. क्योंकि एक तरफ मौसम तो दूसरी तरफ सरकारी अनदेखी किसानों के लिए घातक साबित हो रही है.
कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो चुकी है. सरकारी खरीद शुरू होने के साथ आवक और बढ़ेगी. इसलिए सरकार को मंडियों में फसल खरीद से लेकर उसके रखरखाव, उठान, बारदाना, तिरपाल समेत तमाम व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करनी चाहिए. ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो. खराब मौसम के कारण फसल खरीद प्रभावित न हो इसके लिए सरकार उपयुक्त कदम उठाए. बता दें कि एक अप्रैल से गेहूं फसल खरीद शुरू होनी थी, लेकिन मेवात में कहीं भी खरीद शुरू नहीं हो सकी है. सरसों की खरीद भी नहीं हो पाई है.
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