नूंह: एनएचएम कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष रिहान रजा ने मनोहर सरकार से अपनी नाराजगी जताई है. प्रदेश अध्यक्ष रिहान रजा का कहना है कि सरकार कोरोना काल में मारे गए एनएचएम कर्मचारियों को शहीद का दर्जा दे, साथ ही उनके परिजनों को सरकार नौकरी दे.
इतना ही नहीं सरकार कर्मचारियों को घोषित 50 लाख रुपए की राशि और एनएचएम की तरफ से 3 लाख रुपए की राशि तत्काल मृतक के परिजनों को दी जाए. उनकी मांग है कि एनएचएम कर्मचारियों की लंबित मांगों पर जल्द से जल्द विचार किया जाए, नहीं एनएचएम कर्मचारियों को हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ेगा.
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प्रदेश अध्यक्ष रजा ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए एनएचएम कर्मचारी योद्धा की तरह दिन-रात हर मोर्चे पर डटे हुए हैं. सर्वे करने की बात हो, एंबुलेंस की बात हो, सैंपल लेने की बात हो या फिर जांच करने की बात हो, सभी जगह अपनी ड्यूटी को कर्मचारी बखूबी अंजाम दे रहे हैं. लेकिन सरकार एनएचएम कर्मचारियों के साथ दोगला बर्ताव कर रही है.
रिहान रजा ने कहा कि सरकार ने कहा था 50 साल की उम्र से अधिक के कर्मचारी घर से ही काम करेंगे, इसके अलावा गर्भवती महिला घर से ही काम करेंगी, पुरानी बीमारी से ग्रस्त कर्मचारी भी वर्क फ्रॉम होम से अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहा है. कर्मचारियों से काम कार्यालय में बुलाकर लिया जा रहा है.
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रजा ने मांग की है कि जो कर्मचारी संक्रमित होता है, उसके लिए बेड रिजर्व होना चाहिए ताकि उसकी जान बचाई जा सके. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वो हड़ताल पर ऐसे समय में जाना नहीं चाहते, लेकिन उन्हें सरकार और अधिकारी उकसाने का काम कर रहे हैं. बार-बार अपनी मांगे रखने के बावजूद भी कोई रिस्पांस सरकार से नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही एनएचएम कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बैठक कराई जानी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली वेव में एनएचएम कर्मचारियों ने दो गुना बढ़ा हुआ वेतन लेने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा कि उनका मकसद ऐसे कठिन समय में हड़ताल पर जाना नहीं है, लेकिन अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो मजबूरन उन्हें हड़ताल का कदम भी उठाना पड़ सकता है.