नूंह: रमजान का पवित्र महीना शुरू होने जा रहा है. उम्मीद है कि इसी महीने के 25 अप्रैल को चांद नजर आने के बाद रमजान के महीने की शुरुआत हो जाएगी. वैसे तो मुसलमान इस महीने में अन्य महीनों के मुकाबले ज्यादा इबादत करता है और मस्जिदों के अलावा दावते ए इफ्तार में एकत्रित होकर नमाज पढ़ते हैं और रोजा खोलते हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से किसी को भी लॉकडाउन के नियमों को नहीं तोड़ना है.
घरों में करें इबादत- मुफ्ती
बड़ा मदरसा नूंह के संचालक मुफ्ती जाहिद हुसैन ने बताया कि कोराना महामारी से दूरी बनाकर ही जंग जीती जा सकती है. लिहाजा रमजान के महीने में पांचों वक्त की नमाज के अलावा तराबीह की नमाज अपने घरों में ही पढ़े, दावते ए इफ्तार भी अपने घरों में ही करें. उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में दुआ करनी है कि हमारे देश -प्रदेश तथा संसार से इस कोरोना महामारी का सफाया हो जाए.
सैंपल लेने से नहीं टूटता रोजा- मुफ्ती
उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के दौरान अगर केंद्र राज्य सरकार की कोई गाइडलाइंस आती है तो उसी के हिसाब से काम करना है. इसके अलावा अगर स्वास्थ्य विभाग की टीमें रमजान के महीने में किसी का सैंपल लेती है, या जांच करती है तो उससे रोजा नहीं टूटता. लिहाजा रमजान के महीने में किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं देना है किसी भी मशवरा के लिए धार्मिक उलेमाओं से बात करनी है.
एक जगह इकट्ठा न हो- मुफ्ती
मुफ्ती जाहिद हुसैन ने कहा कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करने से ही कोरोना से जंग जीती जा सकती है. लिहाजा हर एक मुसलमान रमजान के महीने में कहीं भी इकट्ठा होने से बचे इसी में सबकी भलाई है.
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