नूंह: सोमवार को नूंह जिले के सभी खंडों में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत हो गई. नूंह सीएचसी ने एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने कार्यक्रम की शुरुआत की तो पुन्हाना में बीजेपी उम्मीदवार रही नौक्षम चौधरी, अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में सीएमओ डॉक्टर राजीव बातिश ने कार्यक्रम की शुरुआत की.
21 टीमें बनाई गईं
मिशन इंद्रधनुष की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 21 टीमें बनाई हैं, जो अलग-अलग गांव जाकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीका लगाने का काम करेंगी. कोई भी पात्र महिला-बच्चा वंचित न रहे, इसके लिए विभाग ने कमर कस ली है. नूंह, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका, तावडू क्षेत्रों में अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं.
23 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए जाएंगे
गर्भवती महिलाओं-बच्चों को जानलेवा 11 बिमारियों से बचाने के लिए शुरू किये गए मिशन इंद्रधनुष को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है. दो दिसंबर महीने के पहले सोमवार से शुरू हुए मिशन इंद्रधनुष को चार राउंड में बांटा गया है. 23 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए जाएंगे. 0 - 2 साल तक के बच्चे मिशन इंद्रधनुष के दायरे में आते हैं. इसके अलावा जो गर्भवती महिलाऐं टीका लगने से वंचित रह गई थीं, करीब 5 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को टीका लगाए जाएंगे.
आपको बता दें कि अनपढ़ता-अज्ञानता के चलते मिशन इंद्रधनुष एक चुनौती स्वास्थ्य विभाग के लिए रहा है. महिलाओं-बच्चों की सेहत ठीक रहे और शिशु-मृत्यु दर इत्यादि के आंकड़ों में सुधार किया जा सके. इसमें कोई कोर कसर स्वास्थ्य विभाग इस बार नहीं रखना चाहता.
मिशन इंद्रधनुष करीब तीन-चार महीने तक चलाया जाएगा
दिसंबर महीने के पहले सोमवार से शुरू होने जा रहा मिशन इंद्रधनुष करीब तीन-चार महीने तक चलाया जाएगा. स्टाफ एवं टीका इत्यादि का पूरा इंतजाम रहेगा. कोई भी बच्चा एवं गर्भवती महिला मिशन इंद्रधनुष में टीका लगवाने से वंचित न रहे. इसके लिए हरसंभव मदद ली जाएगी. स्वयं सहायता समूह इत्यादि आशा, आंगनवाड़ी वर्कर भी इसमें सहयोग करेंगी.
जिला नॉडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे अभी से लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि मिशन इंद्रधनुष योजना में 11 बीमारियों के टीके लगाए जाते हैं. जिसमें टीबी, काला पीलिया, पोलियो, गलघोटू, काली खांसी, टेटनस, दस्त, निमोनिया, दिमागी बुखार, खसरा, रुबेला जैसे रोग शामिल हैं.
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