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नूंह में शुरू हुआ मिशन इंद्रधनुष, स्वास्थ्य विभाग ने बनाई 21 टीमें - hindi latest news nuh

मिशन इंद्रधनुष की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 21 टीमें बनाई हैं, जो अलग-अलग गांव जाकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीका लगाने का काम करेंगी. कोई भी पात्र महिला-बच्चा वंचित न रहे, इसके लिए विभाग ने कमर कस ली है

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नूंह में शुरू हुआ मिशन इंद्रधनुष
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Published : Dec 2, 2019, 11:03 PM IST

नूंह: सोमवार को नूंह जिले के सभी खंडों में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत हो गई. नूंह सीएचसी ने एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने कार्यक्रम की शुरुआत की तो पुन्हाना में बीजेपी उम्मीदवार रही नौक्षम चौधरी, अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में सीएमओ डॉक्टर राजीव बातिश ने कार्यक्रम की शुरुआत की.

21 टीमें बनाई गईं

मिशन इंद्रधनुष की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 21 टीमें बनाई हैं, जो अलग-अलग गांव जाकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीका लगाने का काम करेंगी. कोई भी पात्र महिला-बच्चा वंचित न रहे, इसके लिए विभाग ने कमर कस ली है. नूंह, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका, तावडू क्षेत्रों में अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं.

नूंह में शुरू हुआ मिशन इंद्रधनुष, देखें वीडियो

23 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए जाएंगे

गर्भवती महिलाओं-बच्चों को जानलेवा 11 बिमारियों से बचाने के लिए शुरू किये गए मिशन इंद्रधनुष को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है. दो दिसंबर महीने के पहले सोमवार से शुरू हुए मिशन इंद्रधनुष को चार राउंड में बांटा गया है. 23 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए जाएंगे. 0 - 2 साल तक के बच्चे मिशन इंद्रधनुष के दायरे में आते हैं. इसके अलावा जो गर्भवती महिलाऐं टीका लगने से वंचित रह गई थीं, करीब 5 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को टीका लगाए जाएंगे.

आपको बता दें कि अनपढ़ता-अज्ञानता के चलते मिशन इंद्रधनुष एक चुनौती स्वास्थ्य विभाग के लिए रहा है. महिलाओं-बच्चों की सेहत ठीक रहे और शिशु-मृत्यु दर इत्यादि के आंकड़ों में सुधार किया जा सके. इसमें कोई कोर कसर स्वास्थ्य विभाग इस बार नहीं रखना चाहता.

मिशन इंद्रधनुष करीब तीन-चार महीने तक चलाया जाएगा

दिसंबर महीने के पहले सोमवार से शुरू होने जा रहा मिशन इंद्रधनुष करीब तीन-चार महीने तक चलाया जाएगा. स्टाफ एवं टीका इत्यादि का पूरा इंतजाम रहेगा. कोई भी बच्चा एवं गर्भवती महिला मिशन इंद्रधनुष में टीका लगवाने से वंचित न रहे. इसके लिए हरसंभव मदद ली जाएगी. स्वयं सहायता समूह इत्यादि आशा, आंगनवाड़ी वर्कर भी इसमें सहयोग करेंगी.

जिला नॉडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे अभी से लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि मिशन इंद्रधनुष योजना में 11 बीमारियों के टीके लगाए जाते हैं. जिसमें टीबी, काला पीलिया, पोलियो, गलघोटू, काली खांसी, टेटनस, दस्त, निमोनिया, दिमागी बुखार, खसरा, रुबेला जैसे रोग शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- बढ़ते महिला अपराध पर हरियाणा महिला आयोग गंभीर, लिखा मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र

नूंह: सोमवार को नूंह जिले के सभी खंडों में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत हो गई. नूंह सीएचसी ने एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने कार्यक्रम की शुरुआत की तो पुन्हाना में बीजेपी उम्मीदवार रही नौक्षम चौधरी, अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में सीएमओ डॉक्टर राजीव बातिश ने कार्यक्रम की शुरुआत की.

21 टीमें बनाई गईं

मिशन इंद्रधनुष की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 21 टीमें बनाई हैं, जो अलग-अलग गांव जाकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीका लगाने का काम करेंगी. कोई भी पात्र महिला-बच्चा वंचित न रहे, इसके लिए विभाग ने कमर कस ली है. नूंह, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका, तावडू क्षेत्रों में अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं.

नूंह में शुरू हुआ मिशन इंद्रधनुष, देखें वीडियो

23 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए जाएंगे

गर्भवती महिलाओं-बच्चों को जानलेवा 11 बिमारियों से बचाने के लिए शुरू किये गए मिशन इंद्रधनुष को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है. दो दिसंबर महीने के पहले सोमवार से शुरू हुए मिशन इंद्रधनुष को चार राउंड में बांटा गया है. 23 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए जाएंगे. 0 - 2 साल तक के बच्चे मिशन इंद्रधनुष के दायरे में आते हैं. इसके अलावा जो गर्भवती महिलाऐं टीका लगने से वंचित रह गई थीं, करीब 5 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को टीका लगाए जाएंगे.

आपको बता दें कि अनपढ़ता-अज्ञानता के चलते मिशन इंद्रधनुष एक चुनौती स्वास्थ्य विभाग के लिए रहा है. महिलाओं-बच्चों की सेहत ठीक रहे और शिशु-मृत्यु दर इत्यादि के आंकड़ों में सुधार किया जा सके. इसमें कोई कोर कसर स्वास्थ्य विभाग इस बार नहीं रखना चाहता.

मिशन इंद्रधनुष करीब तीन-चार महीने तक चलाया जाएगा

दिसंबर महीने के पहले सोमवार से शुरू होने जा रहा मिशन इंद्रधनुष करीब तीन-चार महीने तक चलाया जाएगा. स्टाफ एवं टीका इत्यादि का पूरा इंतजाम रहेगा. कोई भी बच्चा एवं गर्भवती महिला मिशन इंद्रधनुष में टीका लगवाने से वंचित न रहे. इसके लिए हरसंभव मदद ली जाएगी. स्वयं सहायता समूह इत्यादि आशा, आंगनवाड़ी वर्कर भी इसमें सहयोग करेंगी.

जिला नॉडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे अभी से लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि मिशन इंद्रधनुष योजना में 11 बीमारियों के टीके लगाए जाते हैं. जिसमें टीबी, काला पीलिया, पोलियो, गलघोटू, काली खांसी, टेटनस, दस्त, निमोनिया, दिमागी बुखार, खसरा, रुबेला जैसे रोग शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- बढ़ते महिला अपराध पर हरियाणा महिला आयोग गंभीर, लिखा मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र

Intro:-संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- मिशन इंद्रधनुष के तहत मेवात में 23 हजार से अधिक बच्चों व 5 हजार से अधिक गर्भवती महिला को ठीके लगाए जायेंगे।
सोमवार को नूह जिले के सभी खंडों में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत हो गई। नूंह सीएचसी ने एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने कार्यक्रम की शुरुआत की , तो पुन्हाना में भाजपा उम्मीदवार रही नौक्षम चौधरी , अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में सीएमओ डॉक्टर राजीव बातिश ने कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मिशन इंद्रधनुष की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 21 टीमें बनाई हैं , जो अलग -अलग गांव जाकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीका लगाने का काम करेंगी। कोई भी पात्र महिला - बच्चा वंचित न रहे , इसके लिए विभाग ने कमर कस ली है। नूह , पुन्हाना , फिरोजपुर झिरका , तावडू क्षेत्रों में अलग -अलग टीमें बनाई गई हैं।
गर्भवती महिलाओं - बच्चों को जानलेवा 11 बिमारियों से बचाने के लिए शुरू किये गए मिशन इंद्रधनुष को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। दो दिसंबर माह के पहले सोमवार से शुरू हुए मिशन इंद्रधनुष को चार राउंड में बांटा गया है। 23 हजार से अधिक बच्चों को ठीके लगाए जायेंगे। 0 - 2 वर्ष तक के बच्चे मिशन इंद्रधनुष के दायरे में आते हैं। इसके अलावा जो गर्भवती महिलाऐं टीका लगने से वंचित रह गई थी , करीब 5 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को टीका लगाए जाएंगे ,
आपको बता दें कि अनपढ़ता -अज्ञानता के चलते मिशन इंद्रधनुष एक चुनौती स्वास्थ्य विभाग के लिए रहा है। महिलाओं - बच्चों की सेहत ठीक रहे और शिशु - मृत्यु दर इत्यादि के आंकड़ों में सुधार किया जा सके। इसमें कोई कोर कसर स्वास्थ्य विभाग इस बार नहीं रखना चाहता। दिसंबर माह के पहले सोमवार से शुरू होने जा रहा मिशन इंद्रधनुष करीब तीन - चार माह तक चलाया जायेगा। .स्टाफ एवं टीका इत्यादि का पूरा इंतजाम रहेगा। कोई भी बच्चा एवं गर्भवती महिला मिशन इंद्रधनुष में टीका लगवाने से वंचित न रहे। इसके लिए हरसंभव मदद ली जाएगी। स्वयं सहायता समूह इत्यादि आशा , आंगनवाड़ी वर्कर भी इसमें सहयोग करेंगी।
जिला नॉडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे अभी से लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि मिशन इंद्रधनुष योजना में 11 बिमारियों के टीके लगाए जाते हैं। जिसमें टीबी , काला पीलिया , पोलियो , गलघोटू , काली खांसी , टेटनस , दस्त , निमोनिया , दिमागी बुखार , खसरा , रुबेला जैसे रोग शामिल हैं। इन बिमारियों में बड़ी संख्या में नूह जिले में मौत होती रही हैं। प्रदेश में आज भी गलघोटू बीमारी से सबसे ज्यादा दर्जनों बच्चों की मौत नूह जिले में हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण अभियान को पूरी तरह सफल नहीं होने को इसका कारण बताता रहा है। टीबी रोग हो या शिशु - मृत्यु दर के आंकड़े यहां चौकाने वाले तथा स्वास्थ्य विभाग को शर्मसार करने वाले रहे हैं।चिंता में किसलिए डूबा हुआ है स्वास्थ्य विभाग :- स्वास्थ्य विभाग नूह टीकाकरण अभियान को लोगों की अनपढ़ता - अज्ञानता के चलते अभी तक पूरी तरह सफल नहीं कर पाया है। इसमें स्टाफ भी कहीं न कहीं रोड़ा अटकाता रहा है। कई बार टीकाकरण करने वाली टीमों की गांवों में पिटाई तक की नौबत आई है। मुस्लिम बाहुल्य जिला होने की वजह से कुछ अफवाहें टीकाकरण को लेकर गलत फैला दी जाती हैं। स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन के सामने यह समस्या किसी चुनौती से कम नहीं रही है। अबकि बार लोग विरोध करने की बजाय सहयोग डॉक्टरों की टीमों का करें ताकि कोई भी गर्भवती महिला और पात्र बच्चा टीका लगने से वंचित न रहे , इसलिए उलेमाओं की मदद भी बढ़ - चढ़कर ली जा रही है। अब देखना है कि अपनी पिछली कमजोरियों से स्वास्थ्य विभाग कैसे निपटता है और लोगों का कितना सहयोग मिशन इंद्रधनुष को मिलता है , लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तैयारी काबिले तारीफ जरूर है।
बाइट ;- डॉक्टर बसंत दुबे ,जिला नॉडल अधिकारी
बाइट ;-डॉक्टर गोविंद शरण एसएमओ नूह

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवातBody:-संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- मिशन इंद्रधनुष के तहत मेवात में 23 हजार से अधिक बच्चों व 5 हजार से अधिक गर्भवती महिला को ठीके लगाए जायेंगे।
सोमवार को नूह जिले के सभी खंडों में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत हो गई। नूंह सीएचसी ने एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने कार्यक्रम की शुरुआत की , तो पुन्हाना में भाजपा उम्मीदवार रही नौक्षम चौधरी , अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में सीएमओ डॉक्टर राजीव बातिश ने कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मिशन इंद्रधनुष की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 21 टीमें बनाई हैं , जो अलग -अलग गांव जाकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीका लगाने का काम करेंगी। कोई भी पात्र महिला - बच्चा वंचित न रहे , इसके लिए विभाग ने कमर कस ली है। नूह , पुन्हाना , फिरोजपुर झिरका , तावडू क्षेत्रों में अलग -अलग टीमें बनाई गई हैं।
गर्भवती महिलाओं - बच्चों को जानलेवा 11 बिमारियों से बचाने के लिए शुरू किये गए मिशन इंद्रधनुष को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। दो दिसंबर माह के पहले सोमवार से शुरू हुए मिशन इंद्रधनुष को चार राउंड में बांटा गया है। 23 हजार से अधिक बच्चों को ठीके लगाए जायेंगे। 0 - 2 वर्ष तक के बच्चे मिशन इंद्रधनुष के दायरे में आते हैं। इसके अलावा जो गर्भवती महिलाऐं टीका लगने से वंचित रह गई थी , करीब 5 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को टीका लगाए जाएंगे ,
आपको बता दें कि अनपढ़ता -अज्ञानता के चलते मिशन इंद्रधनुष एक चुनौती स्वास्थ्य विभाग के लिए रहा है। महिलाओं - बच्चों की सेहत ठीक रहे और शिशु - मृत्यु दर इत्यादि के आंकड़ों में सुधार किया जा सके। इसमें कोई कोर कसर स्वास्थ्य विभाग इस बार नहीं रखना चाहता। दिसंबर माह के पहले सोमवार से शुरू होने जा रहा मिशन इंद्रधनुष करीब तीन - चार माह तक चलाया जायेगा। .स्टाफ एवं टीका इत्यादि का पूरा इंतजाम रहेगा। कोई भी बच्चा एवं गर्भवती महिला मिशन इंद्रधनुष में टीका लगवाने से वंचित न रहे। इसके लिए हरसंभव मदद ली जाएगी। स्वयं सहायता समूह इत्यादि आशा , आंगनवाड़ी वर्कर भी इसमें सहयोग करेंगी।
जिला नॉडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे अभी से लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि मिशन इंद्रधनुष योजना में 11 बिमारियों के टीके लगाए जाते हैं। जिसमें टीबी , काला पीलिया , पोलियो , गलघोटू , काली खांसी , टेटनस , दस्त , निमोनिया , दिमागी बुखार , खसरा , रुबेला जैसे रोग शामिल हैं। इन बिमारियों में बड़ी संख्या में नूह जिले में मौत होती रही हैं। प्रदेश में आज भी गलघोटू बीमारी से सबसे ज्यादा दर्जनों बच्चों की मौत नूह जिले में हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण अभियान को पूरी तरह सफल नहीं होने को इसका कारण बताता रहा है। टीबी रोग हो या शिशु - मृत्यु दर के आंकड़े यहां चौकाने वाले तथा स्वास्थ्य विभाग को शर्मसार करने वाले रहे हैं।चिंता में किसलिए डूबा हुआ है स्वास्थ्य विभाग :- स्वास्थ्य विभाग नूह टीकाकरण अभियान को लोगों की अनपढ़ता - अज्ञानता के चलते अभी तक पूरी तरह सफल नहीं कर पाया है। इसमें स्टाफ भी कहीं न कहीं रोड़ा अटकाता रहा है। कई बार टीकाकरण करने वाली टीमों की गांवों में पिटाई तक की नौबत आई है। मुस्लिम बाहुल्य जिला होने की वजह से कुछ अफवाहें टीकाकरण को लेकर गलत फैला दी जाती हैं। स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन के सामने यह समस्या किसी चुनौती से कम नहीं रही है। अबकि बार लोग विरोध करने की बजाय सहयोग डॉक्टरों की टीमों का करें ताकि कोई भी गर्भवती महिला और पात्र बच्चा टीका लगने से वंचित न रहे , इसलिए उलेमाओं की मदद भी बढ़ - चढ़कर ली जा रही है। अब देखना है कि अपनी पिछली कमजोरियों से स्वास्थ्य विभाग कैसे निपटता है और लोगों का कितना सहयोग मिशन इंद्रधनुष को मिलता है , लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तैयारी काबिले तारीफ जरूर है।
बाइट ;- डॉक्टर बसंत दुबे ,जिला नॉडल अधिकारी
बाइट ;-डॉक्टर गोविंद शरण एसएमओ नूह

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवातConclusion:-संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- मिशन इंद्रधनुष के तहत मेवात में 23 हजार से अधिक बच्चों व 5 हजार से अधिक गर्भवती महिला को ठीके लगाए जायेंगे।
सोमवार को नूह जिले के सभी खंडों में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत हो गई। नूंह सीएचसी ने एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने कार्यक्रम की शुरुआत की , तो पुन्हाना में भाजपा उम्मीदवार रही नौक्षम चौधरी , अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में सीएमओ डॉक्टर राजीव बातिश ने कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मिशन इंद्रधनुष की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 21 टीमें बनाई हैं , जो अलग -अलग गांव जाकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीका लगाने का काम करेंगी। कोई भी पात्र महिला - बच्चा वंचित न रहे , इसके लिए विभाग ने कमर कस ली है। नूह , पुन्हाना , फिरोजपुर झिरका , तावडू क्षेत्रों में अलग -अलग टीमें बनाई गई हैं।
गर्भवती महिलाओं - बच्चों को जानलेवा 11 बिमारियों से बचाने के लिए शुरू किये गए मिशन इंद्रधनुष को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। दो दिसंबर माह के पहले सोमवार से शुरू हुए मिशन इंद्रधनुष को चार राउंड में बांटा गया है। 23 हजार से अधिक बच्चों को ठीके लगाए जायेंगे। 0 - 2 वर्ष तक के बच्चे मिशन इंद्रधनुष के दायरे में आते हैं। इसके अलावा जो गर्भवती महिलाऐं टीका लगने से वंचित रह गई थी , करीब 5 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को टीका लगाए जाएंगे ,
आपको बता दें कि अनपढ़ता -अज्ञानता के चलते मिशन इंद्रधनुष एक चुनौती स्वास्थ्य विभाग के लिए रहा है। महिलाओं - बच्चों की सेहत ठीक रहे और शिशु - मृत्यु दर इत्यादि के आंकड़ों में सुधार किया जा सके। इसमें कोई कोर कसर स्वास्थ्य विभाग इस बार नहीं रखना चाहता। दिसंबर माह के पहले सोमवार से शुरू होने जा रहा मिशन इंद्रधनुष करीब तीन - चार माह तक चलाया जायेगा। .स्टाफ एवं टीका इत्यादि का पूरा इंतजाम रहेगा। कोई भी बच्चा एवं गर्भवती महिला मिशन इंद्रधनुष में टीका लगवाने से वंचित न रहे। इसके लिए हरसंभव मदद ली जाएगी। स्वयं सहायता समूह इत्यादि आशा , आंगनवाड़ी वर्कर भी इसमें सहयोग करेंगी।
जिला नॉडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे अभी से लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि मिशन इंद्रधनुष योजना में 11 बिमारियों के टीके लगाए जाते हैं। जिसमें टीबी , काला पीलिया , पोलियो , गलघोटू , काली खांसी , टेटनस , दस्त , निमोनिया , दिमागी बुखार , खसरा , रुबेला जैसे रोग शामिल हैं। इन बिमारियों में बड़ी संख्या में नूह जिले में मौत होती रही हैं। प्रदेश में आज भी गलघोटू बीमारी से सबसे ज्यादा दर्जनों बच्चों की मौत नूह जिले में हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण अभियान को पूरी तरह सफल नहीं होने को इसका कारण बताता रहा है। टीबी रोग हो या शिशु - मृत्यु दर के आंकड़े यहां चौकाने वाले तथा स्वास्थ्य विभाग को शर्मसार करने वाले रहे हैं।चिंता में किसलिए डूबा हुआ है स्वास्थ्य विभाग :- स्वास्थ्य विभाग नूह टीकाकरण अभियान को लोगों की अनपढ़ता - अज्ञानता के चलते अभी तक पूरी तरह सफल नहीं कर पाया है। इसमें स्टाफ भी कहीं न कहीं रोड़ा अटकाता रहा है। कई बार टीकाकरण करने वाली टीमों की गांवों में पिटाई तक की नौबत आई है। मुस्लिम बाहुल्य जिला होने की वजह से कुछ अफवाहें टीकाकरण को लेकर गलत फैला दी जाती हैं। स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन के सामने यह समस्या किसी चुनौती से कम नहीं रही है। अबकि बार लोग विरोध करने की बजाय सहयोग डॉक्टरों की टीमों का करें ताकि कोई भी गर्भवती महिला और पात्र बच्चा टीका लगने से वंचित न रहे , इसलिए उलेमाओं की मदद भी बढ़ - चढ़कर ली जा रही है। अब देखना है कि अपनी पिछली कमजोरियों से स्वास्थ्य विभाग कैसे निपटता है और लोगों का कितना सहयोग मिशन इंद्रधनुष को मिलता है , लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तैयारी काबिले तारीफ जरूर है।
बाइट ;- डॉक्टर बसंत दुबे ,जिला नॉडल अधिकारी
बाइट ;-डॉक्टर गोविंद शरण एसएमओ नूह

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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