नूंह: हरियाणा के जिला नूंह में नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म के दोषी को एडिशनल सेशन जज ने 10 साल कैद की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है. नूंह में दुष्कर्म की यह वारदात जून 2019 में हुई थी. जिसके बाद मामला फिरोजपुर झिरका थाना में दर्ज करवाया गया था. कोर्ट के मुताबिक जून 2019 फिरोजपुर झिरका थाना के अंतर्गत एक गांव के व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी की गुमशुदगी की शिकायत कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी थी.
उन्होंने बताया कि एक महीने बाद पंजाब हाई कोर्ट से एक आदेश प्राप्त हुआ था. जिसमें पलवल रजपुरा निवासी दोषी अकबर ने पुलिस सुरक्षा की गुहार लगाई. साथ ही दोषी की ओर से कोर्ट मैरिज की भी अर्जी लगाई गई. लेकिन नाबालिग होने के चलते कोर्ट ने शादी की अर्जी को नामंजूर कर दिया. दोषी अकबर पीड़ित नाबालिग का रिश्ते में मौसा लगता है और पांच बच्चों का पिता भी है. पीड़ित नाबालिग के पिता की ओर से एक और शिकायत दी गई. जिसमें अकबर सहित अन्य पर नाबालिग को जबरन अगवा कर दुष्कर्म का आरोप लगा.
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पुलिस जांच में अन्य दोषमुक्त कर दिए गए. जबकि दोषी अकबर की गिरफ्तारी के बाद यह मामला एडीशनल सेशन जज नरेंद्र पाल की कोर्ट में लगभग साढ़े 3 साल तक चला. अभियोग में दमदार उत्कृष्ट पैरवी के चलते अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अकबर को गत 17 फरवरी को दोषी ठहराया. वहीं, कोर्ट ने दस वर्ष कारावास की सजा व दस हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुना दी. लेकिन अगर दोषी जुर्माना नहीं भरता तो उसे 6 महीने ज्यादा कारावास काटनी होगी.
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