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नूंह से यूपी-एमपी के 74 मजदूर घर भेजे गए, राजस्थान के 3 मजदूर बचे - नूंह प्रवासी मजदूर घर भेजे

नूंह जिले में शेल्टर होम में रह रहे 77 में 74 मजदूरों को उनके घर भेज दिया गया है. अब नूंह में केवल राजस्थान के 3 मजदूर रह रहे हैं.

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Published : Apr 29, 2020, 4:04 PM IST

नूंह: प्रवासी श्रमिकों को इस संकट की घड़ी में जिले के तावडू शहर में बनाए गए शेल्टर होम में रखा गया था. अब इन मजदूरों को उनके राज्य में भेजना शुरू कर दिया है. नूंह में रह रहे कुल 77 मजदूरों में से 73 मजदूरों को यूपी और एमपी में उनके घर के लिए रवाना कर दिया गया है.

डीसी पंकज कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाल तावडू में एकमात्र शेल्टर होम चल रहा है. जिले में 77 प्रवासी श्रमिक रह रहे थे. इन प्रवासी श्रमिकों में 43 व्यक्ति यूपी के थे, जो अपने घरों को भेज दिए गए हैं. एमपी के 31 के मजदूर गत रात्रि घर भेज दिए हैं. अब इस शेल्टर होम में सिर्फ राजस्थान के तीन लोग रखे गए हैं.

नूंह से यूपी-एमपी के 74 मजदूर घर भेजे गए, राजस्थान के 3 मजदूर बचे

ये भी पढ़ें- हरियाणा में 7 नए कोरोना पॉजिटिव मिले, एक्टिव केस 81

डीसी नूंह ने बताया कि जिला प्रशासन एवं सामाजिक संस्थाओं की मदद से इन्हें शेल्टर होम में हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है. प्रवासी श्रमिकों को लिए शेल्टर होम में सुबह के नाश्ते से लेकर रात के भोजन तक की व्यवस्था की गई है. शिविर में विशेषकर बच्चों व महिलाओं के खाने की पौष्टिकता पर विशेष ध्यान दिया जाता है.

शेल्टर होम को प्रतिदिन सैनिटाइज किया जाता है. इसके अतिरिक्त समय-समय पर चिकित्सक भी शिविर में दौरा रहते हैं, यदि किसी भी प्रवासी को स्वास्थ्य संबंधित परेशानी होती है तो दवाई या चिकित्सा पद्धति से उसका उपचार किया जाता है. सोशल डिस्टेंस की पालना करते हुए यह प्रवासी यहां ठहरे हुए हैं और लॉकडाउन समाप्त होने पर अपने काम पर लौट जाएंगे.

ये भी पढ़ें- हरियाणा की फुटवियर इंडस्ट्री पर लॉकडाउन की मार, 5000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

नूंह: प्रवासी श्रमिकों को इस संकट की घड़ी में जिले के तावडू शहर में बनाए गए शेल्टर होम में रखा गया था. अब इन मजदूरों को उनके राज्य में भेजना शुरू कर दिया है. नूंह में रह रहे कुल 77 मजदूरों में से 73 मजदूरों को यूपी और एमपी में उनके घर के लिए रवाना कर दिया गया है.

डीसी पंकज कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाल तावडू में एकमात्र शेल्टर होम चल रहा है. जिले में 77 प्रवासी श्रमिक रह रहे थे. इन प्रवासी श्रमिकों में 43 व्यक्ति यूपी के थे, जो अपने घरों को भेज दिए गए हैं. एमपी के 31 के मजदूर गत रात्रि घर भेज दिए हैं. अब इस शेल्टर होम में सिर्फ राजस्थान के तीन लोग रखे गए हैं.

नूंह से यूपी-एमपी के 74 मजदूर घर भेजे गए, राजस्थान के 3 मजदूर बचे

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डीसी नूंह ने बताया कि जिला प्रशासन एवं सामाजिक संस्थाओं की मदद से इन्हें शेल्टर होम में हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है. प्रवासी श्रमिकों को लिए शेल्टर होम में सुबह के नाश्ते से लेकर रात के भोजन तक की व्यवस्था की गई है. शिविर में विशेषकर बच्चों व महिलाओं के खाने की पौष्टिकता पर विशेष ध्यान दिया जाता है.

शेल्टर होम को प्रतिदिन सैनिटाइज किया जाता है. इसके अतिरिक्त समय-समय पर चिकित्सक भी शिविर में दौरा रहते हैं, यदि किसी भी प्रवासी को स्वास्थ्य संबंधित परेशानी होती है तो दवाई या चिकित्सा पद्धति से उसका उपचार किया जाता है. सोशल डिस्टेंस की पालना करते हुए यह प्रवासी यहां ठहरे हुए हैं और लॉकडाउन समाप्त होने पर अपने काम पर लौट जाएंगे.

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