नूंह: गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने के भारत सरकार ने मिशन इंद्रधनुष अभियान चलाया है. जिसको सफल बनाने के लिए नूंह जिले के डीसी ने बैठक कर सभी अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं.
4 राउंडों में होगा मिशन
जिले के डीसी ने बताया कि इसबार मिशन इंद्रधनुष को चार राउंडों में बांटा गया है. दिसंबर महीने के पहले सोमवार से मिशन की शुरुवात की जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि मिशन इंद्रधनुष जिले में पिछले बार 90 फीसदी तक सफल रहा लेकिन इसके बाद भी जिले में नवजात शिशुओं की गंभीर बीमारी की समस्या 30-40 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है.
सभी विभागों के जोड़कर बनाया विभाग
डीसी पंकज ने बताया कि इसबार मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने के लिए सभी विभागों को एकत्रित कर एक विभाग बनाया गया है और सभी जिले के सभी विभागों को इसके साथ जोड़ा गया है. इस बार मिशन में स्वंय सहायता समूह की महलिओं को भी शामिल किया गया है.
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जानकारी के मुताबिक सरकार का मकसद है कि साल 2020 तक ऐसे बच्चों को टीकाकरण हो सके, जिन्हें अभी तक टीके नहीं लग सके हैं या फिर आशिंक रूप से लगे हैं.
इन सात बीमारियों के लगाए जाएंगे टीके
- डिप्थीरिया
- बलगम
- टेटनेस
- पोलियो
- खसरा
- तपेदिक (क्षय टीबी)
- हेपिटाइटिस बी
इन सात बीमारियों के अलावा जापानी इन्सेफेलाइटिस और इन्फलूएंजा टाइप बी के लिए भी बच्चों को टीके लगाए जाएंगे.
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