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नूंह में मिशन इंद्रधनुष को लेकर डीसी ने की बैठक, चार भागों में बांटा अभियान

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Published : Nov 14, 2019, 8:58 AM IST

गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने के भारत सरकार ने मिशन इंद्रधनुष अभियान चलाया है. जिसको सफल बनाने के लिए नूंह जिले के डीसी ने बैठक कर मिशन को चार भागों में बांटा है. जिससे टीकाकारण के दौरान कोई परेशानी ना हो.

मिशन इंद्रधनुष

नूंह: गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने के भारत सरकार ने मिशन इंद्रधनुष अभियान चलाया है. जिसको सफल बनाने के लिए नूंह जिले के डीसी ने बैठक कर सभी अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं.

4 राउंडों में होगा मिशन
जिले के डीसी ने बताया कि इसबार मिशन इंद्रधनुष को चार राउंडों में बांटा गया है. दिसंबर महीने के पहले सोमवार से मिशन की शुरुवात की जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि मिशन इंद्रधनुष जिले में पिछले बार 90 फीसदी तक सफल रहा लेकिन इसके बाद भी जिले में नवजात शिशुओं की गंभीर बीमारी की समस्या 30-40 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है.

मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने के लिए की बैठक

सभी विभागों के जोड़कर बनाया विभाग
डीसी पंकज ने बताया कि इसबार मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने के लिए सभी विभागों को एकत्रित कर एक विभाग बनाया गया है और सभी जिले के सभी विभागों को इसके साथ जोड़ा गया है. इस बार मिशन में स्वंय सहायता समूह की महलिओं को भी शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ें:महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर बोले शाह - 'हमें मंजूर नहीं शिवसेना की नई मांगें'


जानकारी के मुताबिक सरकार का मकसद है कि साल 2020 तक ऐसे बच्चों को टीकाकरण हो सके, जिन्हें अभी तक टीके नहीं लग सके हैं या फिर आशिंक रूप से लगे हैं.

इन सात बीमारियों के लगाए जाएंगे टीके

  • डिप्थीरिया
  • बलगम
  • टेटनेस
  • पोलियो
  • खसरा
  • तपेदिक (क्षय टीबी)
  • हेपिटाइटिस बी

इन सात बीमारियों के अलावा जापानी इन्सेफेलाइटिस और इन्फलूएंजा टाइप बी के लिए भी बच्चों को टीके लगाए जाएंगे.

ये भी पढ़े:सीएम और डिप्टी सीएम के बीच हुआ विभागों का बंटवारा, दुष्यंत के हिस्से ये 11 विभाग

नूंह: गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने के भारत सरकार ने मिशन इंद्रधनुष अभियान चलाया है. जिसको सफल बनाने के लिए नूंह जिले के डीसी ने बैठक कर सभी अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं.

4 राउंडों में होगा मिशन
जिले के डीसी ने बताया कि इसबार मिशन इंद्रधनुष को चार राउंडों में बांटा गया है. दिसंबर महीने के पहले सोमवार से मिशन की शुरुवात की जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि मिशन इंद्रधनुष जिले में पिछले बार 90 फीसदी तक सफल रहा लेकिन इसके बाद भी जिले में नवजात शिशुओं की गंभीर बीमारी की समस्या 30-40 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है.

मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने के लिए की बैठक

सभी विभागों के जोड़कर बनाया विभाग
डीसी पंकज ने बताया कि इसबार मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने के लिए सभी विभागों को एकत्रित कर एक विभाग बनाया गया है और सभी जिले के सभी विभागों को इसके साथ जोड़ा गया है. इस बार मिशन में स्वंय सहायता समूह की महलिओं को भी शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ें:महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर बोले शाह - 'हमें मंजूर नहीं शिवसेना की नई मांगें'


जानकारी के मुताबिक सरकार का मकसद है कि साल 2020 तक ऐसे बच्चों को टीकाकरण हो सके, जिन्हें अभी तक टीके नहीं लग सके हैं या फिर आशिंक रूप से लगे हैं.

इन सात बीमारियों के लगाए जाएंगे टीके

  • डिप्थीरिया
  • बलगम
  • टेटनेस
  • पोलियो
  • खसरा
  • तपेदिक (क्षय टीबी)
  • हेपिटाइटिस बी

इन सात बीमारियों के अलावा जापानी इन्सेफेलाइटिस और इन्फलूएंजा टाइप बी के लिए भी बच्चों को टीके लगाए जाएंगे.

ये भी पढ़े:सीएम और डिप्टी सीएम के बीच हुआ विभागों का बंटवारा, दुष्यंत के हिस्से ये 11 विभाग

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- डीसी नूह ने ली मिशन इंद्रधनुष की बैठक
गर्भवती महिलाओं - बच्चों को जानलेवा 11 बिमारियों से बचाने के लिए शुरू किये गए मिशन इंद्रधनुष को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। दिसंबर माह के पहले सोमवार से शुरू होने जा रहे मिशन इंद्रधनुष को चार राउंड में बांटा गया है। एक भी लाभपात्र टीकाकरण से वंचित न रहे इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ डीसी पंकज ने बैठक ली। अनपढ़ता -अज्ञानता के चलते मिशन इंद्रधनुष एक चुनौती स्वास्थ्य विभाग के लिए रहा है।
पत्रकारवार्ता दौरान जिला उपायुक्त पंकज ने कहा कि गत वर्ष मिशन इंद्रधनुष 90 फीसदी तक सफल रहा। पिछले दो साल में प्रगति हुई है। 30 - 40 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत के करीब पहुंच गए हैं। डीसी नूह ने कहा कि सभी विभागों को मिशन इंद्रधनुष की सफलता के लिए जोड़ा गया है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी शामिल किया गया है।
कौन से रोगों के लगते हैं टिके ;-
स्वास्थ्य विभाग मिशन इंद्रधनुष के तहत गर्भवती महिलाओं तथा 0 - 2 वर्ष तक के बच्चों को टीका लगाया जाता है। टीकाकरण के अन्य राउंड में 10 वर्ष तक के बच्चों को भी काली खांसी , पीलिया , टेटनेस , दस्त , गलघोटू जैसे खतरनाक रोगों से बचाने के लिए टीके लगाए जाते हैं। यहां यह बताना जरुरी है कि गलघोटू से सबसे ज्यादा मौत राज्य में पिछले दो वर्षों में देखने को मिली हैं।
बाइट;- पंकज डीसी नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- डीसी नूह ने ली मिशन इंद्रधनुष की बैठक
गर्भवती महिलाओं - बच्चों को जानलेवा 11 बिमारियों से बचाने के लिए शुरू किये गए मिशन इंद्रधनुष को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। दिसंबर माह के पहले सोमवार से शुरू होने जा रहे मिशन इंद्रधनुष को चार राउंड में बांटा गया है। एक भी लाभपात्र टीकाकरण से वंचित न रहे इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ डीसी पंकज ने बैठक ली। अनपढ़ता -अज्ञानता के चलते मिशन इंद्रधनुष एक चुनौती स्वास्थ्य विभाग के लिए रहा है।
पत्रकारवार्ता दौरान जिला उपायुक्त पंकज ने कहा कि गत वर्ष मिशन इंद्रधनुष 90 फीसदी तक सफल रहा। पिछले दो साल में प्रगति हुई है। 30 - 40 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत के करीब पहुंच गए हैं। डीसी नूह ने कहा कि सभी विभागों को मिशन इंद्रधनुष की सफलता के लिए जोड़ा गया है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी शामिल किया गया है।
कौन से रोगों के लगते हैं टिके ;-
स्वास्थ्य विभाग मिशन इंद्रधनुष के तहत गर्भवती महिलाओं तथा 0 - 2 वर्ष तक के बच्चों को टीका लगाया जाता है। टीकाकरण के अन्य राउंड में 10 वर्ष तक के बच्चों को भी काली खांसी , पीलिया , टेटनेस , दस्त , गलघोटू जैसे खतरनाक रोगों से बचाने के लिए टीके लगाए जाते हैं। यहां यह बताना जरुरी है कि गलघोटू से सबसे ज्यादा मौत राज्य में पिछले दो वर्षों में देखने को मिली हैं।
बाइट;- पंकज डीसी नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- डीसी नूह ने ली मिशन इंद्रधनुष की बैठक
गर्भवती महिलाओं - बच्चों को जानलेवा 11 बिमारियों से बचाने के लिए शुरू किये गए मिशन इंद्रधनुष को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। दिसंबर माह के पहले सोमवार से शुरू होने जा रहे मिशन इंद्रधनुष को चार राउंड में बांटा गया है। एक भी लाभपात्र टीकाकरण से वंचित न रहे इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ डीसी पंकज ने बैठक ली। अनपढ़ता -अज्ञानता के चलते मिशन इंद्रधनुष एक चुनौती स्वास्थ्य विभाग के लिए रहा है।
पत्रकारवार्ता दौरान जिला उपायुक्त पंकज ने कहा कि गत वर्ष मिशन इंद्रधनुष 90 फीसदी तक सफल रहा। पिछले दो साल में प्रगति हुई है। 30 - 40 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत के करीब पहुंच गए हैं। डीसी नूह ने कहा कि सभी विभागों को मिशन इंद्रधनुष की सफलता के लिए जोड़ा गया है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी शामिल किया गया है।
कौन से रोगों के लगते हैं टिके ;-
स्वास्थ्य विभाग मिशन इंद्रधनुष के तहत गर्भवती महिलाओं तथा 0 - 2 वर्ष तक के बच्चों को टीका लगाया जाता है। टीकाकरण के अन्य राउंड में 10 वर्ष तक के बच्चों को भी काली खांसी , पीलिया , टेटनेस , दस्त , गलघोटू जैसे खतरनाक रोगों से बचाने के लिए टीके लगाए जाते हैं। यहां यह बताना जरुरी है कि गलघोटू से सबसे ज्यादा मौत राज्य में पिछले दो वर्षों में देखने को मिली हैं।
बाइट;- पंकज डीसी नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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