नूंह: ओएलएक्स, पेटीएम जैसे ऐप्स से होने वाले साइबर अपराध पर कई राज्यों की पुलिस एक साथ नकेल कसने की तैयारी में है. हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों ने साइबर क्राइम को रोकने के लिए बैठक की. बैठक की अध्यक्षता साउथ रेंज आईजी विकास अरोड़ा ने की.
कई घंटे तक चली इस बैठक का अहम मकसद तेजी से बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकना था. खास बात तो ये है कि तीनों राज्यों की पुलिस कैसे एकजुट होकर इस अपराध को कंट्रोल करें इस पर तीनों राज्यों के आईपीएस स्तर के दर्जनभर के करीब अधिकारियों ने मंथन किया.
तीनों राज्यों में तालमेल बैठाने के लिए हुई बैठक
साउथ रेंज आईजी विकास अरोड़ा ने कहा कि बैठक का मकसद साइबर क्राइम को रोकना है. नूंह जिले में साइबर क्राइम को बढ़ावा देने में बहुत लोग शामिल हैं और तीनों राज्यों के पुलिस का आपसी तालमेल बेहतर नहीं होने की वजह से अपराधियों पर सख्ती से नकेल नहीं कसी जा रही थी. अब मित्रता पूर्वक बैठक हुई है और सभी राज्यों की पुलिस ने एक दूसरे की मदद करने का भरोसा दिलाया है. इसके लिए सभी राज्यों के साइबर क्राइम के अधिकारियों को एक दूसरे से कॉन्टैक्ट किया गया है.
साइबर अपराधियों पर नकेल
कुल मिलाकर ओएलएक्स, पेटीएम से बड़ी ठगी करने वाले गिरोह का खात्मा होना लगभग तय है. एक दूसरे के आलीशान कोठियों और लग्जरी गाड़ियों को देखकर साइबर क्राइम की दुनिया में पैर पसार रहे अपराधियों की नींद हराम होने वाली है. ओएलएक्स और पेटीएम इत्यादि से जिन लोगों ने भारी-भरकम रकम कमाई है, अब उन पर पुलिस की छापेमारी शुरू होने वाली है.
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आईजी विकास अरोड़ा ने ये भी कहा कि जिस तरह जामताड़ा में एक दूसरे राज्य की सीमा की वजह से अपराध कंट्रोल नहीं होने में दिक्कत आती है. ठीक इसी तरह से नूंह जिले की सीमाएं राजस्थान के अलवर, भरतपुर जिलों के अलावा यूपी के मथुरा जिले से मिली हुई है. इसके अलावा पलवल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ के पुलिस कप्तान को भी गुरुवार को हुई बैठक में बुलाया गया. इतना ही नहीं, जिले की सीमा से दूसरे राज्यों के डीएसपी, एसएचओ को भी इस बैठक में बुलाया गया. साथ ही साइबर क्राइम देखने वाले पुलिस अधिकारियों को भी बैठक में शामिल किया गया.