नूंह: नूंह में करीब एक वर्ष पूर्व जलभराव के कारण करीब 6 गांवों के किसानों की फसलें खराब हो गई थी. इसका मुआवजा अभी तक किसानों को नहीं मिला है. मुआवजे की राशि नहीं मिलने के कारण किसानों की हालत दयनीय स्थिति में है. परिवार का खर्चा चलाने के लिए इन गांवों के किसान कर्ज में डूबते जा रहे हैं. गुरुवार को गुलालता गांव में प्रभावित किसानों ने जिला प्रशासन व सरकार के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए मुआवजा राशि जल्द से जल्द देने की मांग की.
नूंह का गुलालता गांव के लोगों ने बताया कि गुलालता के साथ ही सिरौली, कुहकबान, रसूलपुर, जालिका, जहटाना सहित करीब आधा दर्जन गांवों के किसानों की फसलें वर्षों से जलभराव के कारण खराब हो जाती हैं. किसान किसी तरह कर्ज लेकर फसल की बिजाई करते हैं, लेकिन जब फसल पकने के लिए तैयार होती है तो जलभराव के कारण खराब हो जाती है.
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नूंह में प्रदर्शन कर रहे इन किसानों ने बताया कि वर्ष 2022 में जलभराव के कारण इन गांवों के किसानों की फसल पूरी तरह खराब हो गई थी. किसानों ने आवाज उठाई तो उस दौरान पुन्हाना उपमंडल अधिकारी मनीषा शर्मा ने मौके का मुआयना कर हल्का पटवारी को फसल की विशेष गिरदावरी करने के आदेश दिए थे. किसानों ने बताया कि दो महीने पूर्व हल्का पटवारी ने किसानों से उनकी आईडी ली व मुआवजे की राशि को जल्द ही उनके खातों में डालने की बात कही थी. लेकिन, अभी तक नूंह में किसानों को मुआवजा नहीं मिला है.
किसानों का कहना है कि उन्हें गत वर्ष के मुआवजे की राशि नहीं मिली है और ना ही इस वर्ष नूंह में फसल की गिरदावरी की गई है. किसानों ने आरोप लगाया कि बार बार पटवारी के पास चक्कर लगाने के बाद भी उन्हें कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिल रहा है. किसानों ने जिला प्रशासन व सरकार से खराब हुई फसल की मुआवजा राशि को जल्द से जल्द दिलाने की मांग की है. वहीं, जब इस संबंध में पुन्हाना एसडीएम मनीषा शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि किसी कारणवश मुआवजा राशि किसानों तक नहीं पहुंची है. वो जल्द ही इसकी जांच कराकर किसानों की खराब हुई फसल की मुआवजा राशि का वितरण कराएगीं.
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