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नूंह: ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के मुआवजे को लेकर किसानों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

नूंह में ओलावृष्टि और बारिश की वजह से दर्जनों गांवों की सरसों और गेहूं की फसल बर्बाद हो गई. जिसके कारण किसानों ने नूंह लघु सचिवालय पर जाकर प्रदर्शन किया.

farmers protest for compensation in nuh
फसलों के मुआवजे को लेकर किसानों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
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Published : Mar 16, 2020, 5:24 PM IST

नूंह: शनिवार देर रात हुई बे मौसम बरसात और ओलावृष्टि से पुनहाना खंड के दर्जनों गांवों की सरसों और गेंहूं की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई. जिसके मुआवजे के लिए किसानों ने लघु सचिवायल पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

किसानों का कहना है कि पहले भी उनकी फसल बर्बाद हो गई थी. जिसका मुआवजा सरकार ने अभीतक नहीं दिया है.

इस संबंध में समाजसेवी रसीद अहमद ने कहा कि शनिवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण उनकी पके हुए गेहूं और सरसों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. उन्होंने कहा कि गेहूं के खेतों में कई - कई फुट तक पानी भरा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रुपये का मुआवजा दे. इसके अलावा जिन किसानों पर बैंकों का कर्जा है, उसे माफ किया जाए.

फसलों के मुआवजे को लेकर किसानों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

रसीद अहमद ने कहा कि अगर जिला प्रशासन ने किसानों के दर्ज को समझते हुए तत्काल स्पेशल गिरदावरी के आदेश नहीं दिए तो किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो सकता है.

इस संबंध में एसडीएम वैशाली शर्मा ने कहा कि महज दो तीन दिनों में गिरदावरी करने के आदेश सभी पटवारियों को दे दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि गिरदावरी कराकर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को चंडीगढ़ भेज दी जाएगी. जिसके बाद ही मुआवजे के बारे में स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो पाएगी.

वहीं किसान शमसुद्धिन ने कहा कि किसानों से फर्द निकलवाते समय दस की सरकार फीस लेने के बजाए भारी-भरकम रकम वसूल की जा रही है.

ये भी पढ़िए: CORONA EFFECT: हरियाणा में मास्क, हैंड सेनिटाइजर आवश्यक वस्तु घोषित

नूंह: शनिवार देर रात हुई बे मौसम बरसात और ओलावृष्टि से पुनहाना खंड के दर्जनों गांवों की सरसों और गेंहूं की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई. जिसके मुआवजे के लिए किसानों ने लघु सचिवायल पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

किसानों का कहना है कि पहले भी उनकी फसल बर्बाद हो गई थी. जिसका मुआवजा सरकार ने अभीतक नहीं दिया है.

इस संबंध में समाजसेवी रसीद अहमद ने कहा कि शनिवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण उनकी पके हुए गेहूं और सरसों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. उन्होंने कहा कि गेहूं के खेतों में कई - कई फुट तक पानी भरा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रुपये का मुआवजा दे. इसके अलावा जिन किसानों पर बैंकों का कर्जा है, उसे माफ किया जाए.

फसलों के मुआवजे को लेकर किसानों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

रसीद अहमद ने कहा कि अगर जिला प्रशासन ने किसानों के दर्ज को समझते हुए तत्काल स्पेशल गिरदावरी के आदेश नहीं दिए तो किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो सकता है.

इस संबंध में एसडीएम वैशाली शर्मा ने कहा कि महज दो तीन दिनों में गिरदावरी करने के आदेश सभी पटवारियों को दे दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि गिरदावरी कराकर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को चंडीगढ़ भेज दी जाएगी. जिसके बाद ही मुआवजे के बारे में स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो पाएगी.

वहीं किसान शमसुद्धिन ने कहा कि किसानों से फर्द निकलवाते समय दस की सरकार फीस लेने के बजाए भारी-भरकम रकम वसूल की जा रही है.

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