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millet crop in Nuh: बाजरे की फसल का मंडी में सही दाम मिलने से किसानों के चेहरे खिले

हरियाणा के नूंह में (millet crop in Nuh) इस बार बाजरे की फसल अच्छी होने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. व्यापारी मंडी से बाजरे की फसल को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. पिछली बार की अपेक्षा किसानों की मांग है कि सरकार उनकी फसल को अच्छे दाम में खरीदकर उनकी मदद करे.

fertilizer of millet crop in Nuh
नूंह में बाजरे की फसल का उत्पादन
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Published : Sep 4, 2022, 2:00 PM IST

नूंह : हरियाणा के नूंह में अनाज मंडी तावडू में बाजरे की आवक शुरू हो चुकी है. पिछले 3 दिन से अनाज मंडी तावडू में व्यापारी प्राइवेट तरीके से बाजरे को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. किसान भी बाजरे के अच्छे दाम मिलने से खुश हैं, लेकिन उनका कहना है कि जिस तरह बीते साल सरकार ने किसानों को भावांतर भरपाई योजना के तहत 600 रुपए प्रति क्विंटल मदद की थी. इस बार भी सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए.


ध्यान रहे की तावडू उपमंडल बाजरा उत्पादन करने में राज्य में सबसे अच्छे स्थान पर गिना जाता है. राजस्थान की सीमा से यह इलाका सटा हुआ है. इस बार इस क्षेत्र में बाजरे की अच्छी पैदावार हुई है. बरसात भले ही इस बार कम हुई हो, लेकिन गुणवत्ता के मामले में तावडू क्षेत्र के बाजरे का अनाज मंडी में डंका बज रहा है. सरकारी खरीद शुरू होने में अभी कुछ समय लग सकता है. सरकार इस बार 2 हजार 3 सौ 50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बाजरा खरीदेगी. लेकिन इससे पहले ही पिछले 3 दिन से अनाज मंडी तावडू में बाजरे के ढेर लगे हैं. अनाज मंडी तावडू में व्यापारी प्राइवेट तरीके से 1 हजार 9 सौ से 2 हजार प्रति क्विंटल की दर से बाजरा खरीद रहे हैं.

नूंह में बाजरे की फसल का उत्पादन

नूंह में बाजरे की फसल का उत्पादन : (fertilizer of millet crop in Nuh) दरअसल नूंह में बाजरे की फसल का उत्पादन होने से किसान खेतों से ही फसल उठाकर सीधा अनाज मंडी ला रहा है और अपनी फसल को बेचकर नगद दाम लेने में ज्यादा विश्वास रखता है. इसलिए सरकारी खरीद शुरू होने से पहले ही किसान बड़ी संख्या में अनाज मंडी तावडू में अपनी बाजरे की फसल बेचने के लिए आ रहे हैं. पहले दिन 1 सितंबर को 500 क्विंटल, दूसरे दिन तकरीबन हजार क्विंटल और 3 सितंबर को तकरीबन 1 हजार 5 सौ क्विंटल बाजरा प्राइवेट तरीके से व्यापारियों की ओर से खरीदा गया.

किसानों की आर्थिक स्थिति फसल के सही दाम मिलने से कहीं तक बेहतर हो रही है. उम्मीद यही की जा रही है कि इस सप्ताह के अंत तक कृषि विभाग बैठक कर सरकारी तौर पर बाजरे की खरीद शुरू करेगा और किसान अपने बाजरे की फसल को 2 हजार 3 सौ 50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बेच सकेंगे. बीते साल बाजरे की खरीद सरकारी कीमत लगभग 2 हजार 2 सौ 50 रुपए प्रति क्विंटल थी, लेकिन सरकारी खरीद शुरू होने से पहले ही प्राइवेट तरीके से बाजरा लगभग 15 सौ से 16 सौ रुपए प्रति क्विंटल खरीद लिया गया था. बीते साल अच्छी खबर सरकार ने किसानों को 600 रुपए प्रति क्विंटल भावांतर भरपाई योजना हरियाणा (Bhavantar Bharpayee Yojana Haryana) के तौर पर दिए थे.

क्या है भावांतर भरपाई योजना : भावांतर भरपाई योजना हरियाणा 2022 (Bhavantar Bharpayee Yojana Haryana 2022) के तहत सरकार उन किसानों को मुआवजे के तौर पर फसल में हुए घाटे को कम करने के लिए राशि देती है, इस प्रोत्साहन राशि को ही भावांतर भरपाई योजना हरियाणा 2022 का नाम दिया गया है.

नूंह : हरियाणा के नूंह में अनाज मंडी तावडू में बाजरे की आवक शुरू हो चुकी है. पिछले 3 दिन से अनाज मंडी तावडू में व्यापारी प्राइवेट तरीके से बाजरे को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. किसान भी बाजरे के अच्छे दाम मिलने से खुश हैं, लेकिन उनका कहना है कि जिस तरह बीते साल सरकार ने किसानों को भावांतर भरपाई योजना के तहत 600 रुपए प्रति क्विंटल मदद की थी. इस बार भी सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए.


ध्यान रहे की तावडू उपमंडल बाजरा उत्पादन करने में राज्य में सबसे अच्छे स्थान पर गिना जाता है. राजस्थान की सीमा से यह इलाका सटा हुआ है. इस बार इस क्षेत्र में बाजरे की अच्छी पैदावार हुई है. बरसात भले ही इस बार कम हुई हो, लेकिन गुणवत्ता के मामले में तावडू क्षेत्र के बाजरे का अनाज मंडी में डंका बज रहा है. सरकारी खरीद शुरू होने में अभी कुछ समय लग सकता है. सरकार इस बार 2 हजार 3 सौ 50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बाजरा खरीदेगी. लेकिन इससे पहले ही पिछले 3 दिन से अनाज मंडी तावडू में बाजरे के ढेर लगे हैं. अनाज मंडी तावडू में व्यापारी प्राइवेट तरीके से 1 हजार 9 सौ से 2 हजार प्रति क्विंटल की दर से बाजरा खरीद रहे हैं.

नूंह में बाजरे की फसल का उत्पादन

नूंह में बाजरे की फसल का उत्पादन : (fertilizer of millet crop in Nuh) दरअसल नूंह में बाजरे की फसल का उत्पादन होने से किसान खेतों से ही फसल उठाकर सीधा अनाज मंडी ला रहा है और अपनी फसल को बेचकर नगद दाम लेने में ज्यादा विश्वास रखता है. इसलिए सरकारी खरीद शुरू होने से पहले ही किसान बड़ी संख्या में अनाज मंडी तावडू में अपनी बाजरे की फसल बेचने के लिए आ रहे हैं. पहले दिन 1 सितंबर को 500 क्विंटल, दूसरे दिन तकरीबन हजार क्विंटल और 3 सितंबर को तकरीबन 1 हजार 5 सौ क्विंटल बाजरा प्राइवेट तरीके से व्यापारियों की ओर से खरीदा गया.

किसानों की आर्थिक स्थिति फसल के सही दाम मिलने से कहीं तक बेहतर हो रही है. उम्मीद यही की जा रही है कि इस सप्ताह के अंत तक कृषि विभाग बैठक कर सरकारी तौर पर बाजरे की खरीद शुरू करेगा और किसान अपने बाजरे की फसल को 2 हजार 3 सौ 50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बेच सकेंगे. बीते साल बाजरे की खरीद सरकारी कीमत लगभग 2 हजार 2 सौ 50 रुपए प्रति क्विंटल थी, लेकिन सरकारी खरीद शुरू होने से पहले ही प्राइवेट तरीके से बाजरा लगभग 15 सौ से 16 सौ रुपए प्रति क्विंटल खरीद लिया गया था. बीते साल अच्छी खबर सरकार ने किसानों को 600 रुपए प्रति क्विंटल भावांतर भरपाई योजना हरियाणा (Bhavantar Bharpayee Yojana Haryana) के तौर पर दिए थे.

क्या है भावांतर भरपाई योजना : भावांतर भरपाई योजना हरियाणा 2022 (Bhavantar Bharpayee Yojana Haryana 2022) के तहत सरकार उन किसानों को मुआवजे के तौर पर फसल में हुए घाटे को कम करने के लिए राशि देती है, इस प्रोत्साहन राशि को ही भावांतर भरपाई योजना हरियाणा 2022 का नाम दिया गया है.

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