नूंह: रविवार देर रात से ही गरज के साथ आसमान से सोना बरस रहा है. बेमौसम बरसात से भले ही ठंड बढ़ गई है, लेकिन इस बरसात ने किसानों के चेहरों पर रौनक लाने का काम किया है. सरसों-गेहूं की फसल के अलावा दलहन की फसलों को भी इस बरसात से अच्छा खासा लाभ हुआ है.
सबसे अधिक लाभ उन किसानों को हुआ है जिनके पास प्यासी धरती को सिंचाई करने के लिए पानी का कोई इंतजाम नहीं था. हरियाणा के नूंह जिले के हजारों किसानों की भूमि बिना सिंचाई के प्यासी रहती है और फसलों का उत्पादन कम होता है.
नगीना खंड के दर्जनों गांवों में सिंचाई के कोई साधन नहीं है, ये सिर्फ बरसात पर आधारित हैं. कृषि बरसात के साथ-साथ कुछ देर जब ओलावृष्टि हुई तो किसानों की सांसें थम गई, लेकिन ओलावृष्टि से फसलों को कम नुकसान होने की संभावना है क्योंकि ओलावृष्टि कुछ देर बाद ही थम गई.
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सुबह हुई झमाझम बरसात से ना केवल फसलों में रौनक आएगी, बल्कि पेड़ों की धुलाई भी इस बरसात ने पूरी तरह से करने का काम कर किया है. इतना जरूर है कि कई जगह जलभराव व कीचड़ से लोगों को परेशानी हुई है, लेकिन फसलों में बरसात से किसानों को फायदा होगा.
अब किसानों को ठंड में सिंचाई कुछ दिन नहीं करनी पड़ेगी. साथ ही अब धुंध व ठंड पड़ने के आसार हैं. जिससे गेहूं का उत्पादन बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. किसान बरसात रुकने के बाद अपने खेतों की तरफ निकला और खेतों की रौनक देखकर उनके चेहरे की रौनक बढ़ गई.
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