नूंह: प्याज और लहसुन का जायका तो भाव की वजह से गरीबों की जुबान से गायब हो चला है. रसोई की रौनक बढ़ाने वाली सब्जी के दामों की चर्चा रसोई से बाहर सड़कों पर होने लगी है. आम आदमी मंडियों में जा तो रहा है, लेकिन उन्हें सोच समझकर खर्च करना पड़ रहा है. लोगों ने अब अपने महीने भर के सब्जियों के खर्च को कम कर दिया है.
सब्जियों के दामों ने बढ़ाई परेशानी!
बात चाहे हरी सब्जियों की हो या फिर सूखी सब्जियों की हो, सभी के दाम बढ़ने का असर जेब से लेकर रसोई तक देखने को मिल रहा है. सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से लेकर सब्जी खरीदने वाले ग्राहकों से बात की तो सबने सब्जी के बढे दामों की गाथा बयां की. लहसुन 200 रुपये प्रतिकिलो, तो प्याज 70 रुपये किलो मिल रही है. अदरक 100 रुपये तो मटर भी 100 रुपये प्रतिकिलो के भाव मिल रहे हैं.
हर वर्ग के लोग हैं परेशान
गरीब हो या फिर अमीर सब्जी के बिना किसी का गुजारा नहीं है. दाम कम होते हैं तो आमजन की रसोई में भी रौनक देखने को मिल जाती है, लेकिन रेट बढ़ने पर तो गरीब से लेकर मध्यम वर्ग तक के लोगों पर इसका असर देखने को मिल जाता है. दाम बढ़ने के कारण अब कम सब्जी खरीदकर लोग गुजारा कर रहे हैं. लगभग सभी सब्जियों में काम आने वाला आलू भी 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है.
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लोगों में सब्जियों के भाव से भय!
सब्जी इन दिनों देखने में तो खूबसूरत लग रही है, लेकिन ग्राहक सब्जियों के भाव देखने से डर रहा है. सब्जी के बढ़े भाव दुकानदारों को प्रभावित कर रहे हैं. मंडियों में ग्राहक कम होने की वजह से दिनभर दुकानदार ग्राहक ताकते रहते हैं. इससे छोटे सब्जी दुकानदारों का गुजारा भी मुश्किल से हो रहा है.