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रिपोर्ट: सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट, मंडियों से गायब हुए ग्राहक

पहले बरसात लोगों के लिए आफत बनकर आई. बरसात रुकी तो अब सब्जियों के दाम ने लोगों को रुला दिया है. सब्जियों के दाम इतने बढ़ गए हैं कि आम आदमी को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. सब्जी के दामों में आग लगी हुई है. महंगाई की मार से सब्जी भी अछूती नहीं रही है.

सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट
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Published : Nov 12, 2019, 10:24 PM IST

नूंह: प्याज और लहसुन का जायका तो भाव की वजह से गरीबों की जुबान से गायब हो चला है. रसोई की रौनक बढ़ाने वाली सब्जी के दामों की चर्चा रसोई से बाहर सड़कों पर होने लगी है. आम आदमी मंडियों में जा तो रहा है, लेकिन उन्हें सोच समझकर खर्च करना पड़ रहा है. लोगों ने अब अपने महीने भर के सब्जियों के खर्च को कम कर दिया है.

सब्जियों के दामों ने बढ़ाई परेशानी!
बात चाहे हरी सब्जियों की हो या फिर सूखी सब्जियों की हो, सभी के दाम बढ़ने का असर जेब से लेकर रसोई तक देखने को मिल रहा है. सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से लेकर सब्जी खरीदने वाले ग्राहकों से बात की तो सबने सब्जी के बढे दामों की गाथा बयां की. लहसुन 200 रुपये प्रतिकिलो, तो प्याज 70 रुपये किलो मिल रही है. अदरक 100 रुपये तो मटर भी 100 रुपये प्रतिकिलो के भाव मिल रहे हैं.

रिपोर्ट: सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट, वीडियो देखें

हर वर्ग के लोग हैं परेशान
गरीब हो या फिर अमीर सब्जी के बिना किसी का गुजारा नहीं है. दाम कम होते हैं तो आमजन की रसोई में भी रौनक देखने को मिल जाती है, लेकिन रेट बढ़ने पर तो गरीब से लेकर मध्यम वर्ग तक के लोगों पर इसका असर देखने को मिल जाता है. दाम बढ़ने के कारण अब कम सब्जी खरीदकर लोग गुजारा कर रहे हैं. लगभग सभी सब्जियों में काम आने वाला आलू भी 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है.

ये पढ़ें- 48 घंटों में होगा हरियाणा मंत्रिमंडल का विस्तार, दुष्यंत चौटाला ने सीएम से की मुलाकात

लोगों में सब्जियों के भाव से भय!
सब्जी इन दिनों देखने में तो खूबसूरत लग रही है, लेकिन ग्राहक सब्जियों के भाव देखने से डर रहा है. सब्जी के बढ़े भाव दुकानदारों को प्रभावित कर रहे हैं. मंडियों में ग्राहक कम होने की वजह से दिनभर दुकानदार ग्राहक ताकते रहते हैं. इससे छोटे सब्जी दुकानदारों का गुजारा भी मुश्किल से हो रहा है.

नूंह: प्याज और लहसुन का जायका तो भाव की वजह से गरीबों की जुबान से गायब हो चला है. रसोई की रौनक बढ़ाने वाली सब्जी के दामों की चर्चा रसोई से बाहर सड़कों पर होने लगी है. आम आदमी मंडियों में जा तो रहा है, लेकिन उन्हें सोच समझकर खर्च करना पड़ रहा है. लोगों ने अब अपने महीने भर के सब्जियों के खर्च को कम कर दिया है.

सब्जियों के दामों ने बढ़ाई परेशानी!
बात चाहे हरी सब्जियों की हो या फिर सूखी सब्जियों की हो, सभी के दाम बढ़ने का असर जेब से लेकर रसोई तक देखने को मिल रहा है. सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से लेकर सब्जी खरीदने वाले ग्राहकों से बात की तो सबने सब्जी के बढे दामों की गाथा बयां की. लहसुन 200 रुपये प्रतिकिलो, तो प्याज 70 रुपये किलो मिल रही है. अदरक 100 रुपये तो मटर भी 100 रुपये प्रतिकिलो के भाव मिल रहे हैं.

रिपोर्ट: सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट, वीडियो देखें

हर वर्ग के लोग हैं परेशान
गरीब हो या फिर अमीर सब्जी के बिना किसी का गुजारा नहीं है. दाम कम होते हैं तो आमजन की रसोई में भी रौनक देखने को मिल जाती है, लेकिन रेट बढ़ने पर तो गरीब से लेकर मध्यम वर्ग तक के लोगों पर इसका असर देखने को मिल जाता है. दाम बढ़ने के कारण अब कम सब्जी खरीदकर लोग गुजारा कर रहे हैं. लगभग सभी सब्जियों में काम आने वाला आलू भी 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है.

ये पढ़ें- 48 घंटों में होगा हरियाणा मंत्रिमंडल का विस्तार, दुष्यंत चौटाला ने सीएम से की मुलाकात

लोगों में सब्जियों के भाव से भय!
सब्जी इन दिनों देखने में तो खूबसूरत लग रही है, लेकिन ग्राहक सब्जियों के भाव देखने से डर रहा है. सब्जी के बढ़े भाव दुकानदारों को प्रभावित कर रहे हैं. मंडियों में ग्राहक कम होने की वजह से दिनभर दुकानदार ग्राहक ताकते रहते हैं. इससे छोटे सब्जी दुकानदारों का गुजारा भी मुश्किल से हो रहा है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी ;- मौसम की मार सब्जियों के दामों तक 
सब्जी के दामों में आग लगी हुई है। महंगाई की मार से सब्जी भी अछूती नहीं रही है। प्याज और लहसुन का जायका तो भाव की वजह से गरीबों की जबान से गायब हो चला है। रसोई की रौनक बढ़ाने वाली सब्जी के दामों की चर्चा सब्जी मंडी से रसोई तक ही नहीं बल्कि सरकारों तक में हो रही है । बात चाहे हरी सब्जियों की हो या फिर सूखी सब्जियों की हो , सभी के दाम बढ़ने का असर जेब से लेकर रसोई तक देखने को मिल रहा है। सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से लेकर सब्जी खरीदने वाले ग्राहकों से बात की तो सबने सब्जी के बढे दामों की गाथा ब्यान की। जानकारी के मुताबिक टमाटर का रंग और लाल हुआ है तो हरी मिर्च तीखी हुई है। टमाटर  , हरी मिर्च, भिंडी आलू , नींबू  , शिमला मिर्च  तोरी  इत्यादि सब्जियों के दाम पिछले सप्ताह भर से डबल बढे हैं। लहसुन 200 रुपये प्रतिकिलो तो प्याज 70 रुपये किलो मिल रही है। अदरक 100 रुपये तो मटर भी 100 रुपये प्रतिकिलो के भाव मिल रही है। गरीब हो या फिर अमीर सब्जी के बिना किसी का गुजारा नहीं है। दाम कम होते हैं तो गरीब की रसोई में भी रौनक देखने को मिल जाती है ,लेकिन रेट बढ़ने पर तो गरीब से माध्यम वर्ग के लोगों पर भी इसका असर देखने को मिल जाता है। दाम बढ़ने के कारण अब कम सब्जी खरीदकर लोग गुजारा कर रहे हैं। लगभग सभी सब्जियों में काम आने वाला आलू भी 25 -30 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है। सब्जी इन दिनों देखने में तो खूबसूरत लगने के अलावा मन खुश कर रही है , लेकिन खरीदना तो दूर भाव ज्यादा सुनकर ग्राहक छूने से भी बच रहा है। सब्जी के बढे भाव की वजह से ग्राहक ही नहीं दुकानदार भी कहीं न कहीं प्रभावित हो रहा है। ग्राहक कम होने की वजह से सब्जी दिनभर में कम ही बिक पाती है , जिससे दुकानदार का गुजारा भी मुश्किल से हो रहा है। 
बाइट ;- हरिओम सब्जी दुकानदार बाइट ;- भूपेश खरीददार बाइट ;- फजरुद्दीन झारपड़ी समाजसेवी 
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।  Body:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी ;- मौसम की मार सब्जियों के दामों तक 
सब्जी के दामों में आग लगी हुई है। महंगाई की मार से सब्जी भी अछूती नहीं रही है। प्याज और लहसुन का जायका तो भाव की वजह से गरीबों की जबान से गायब हो चला है। रसोई की रौनक बढ़ाने वाली सब्जी के दामों की चर्चा सब्जी मंडी से रसोई तक ही नहीं बल्कि सरकारों तक में हो रही है । बात चाहे हरी सब्जियों की हो या फिर सूखी सब्जियों की हो , सभी के दाम बढ़ने का असर जेब से लेकर रसोई तक देखने को मिल रहा है। सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से लेकर सब्जी खरीदने वाले ग्राहकों से बात की तो सबने सब्जी के बढे दामों की गाथा ब्यान की। जानकारी के मुताबिक टमाटर का रंग और लाल हुआ है तो हरी मिर्च तीखी हुई है। टमाटर  , हरी मिर्च, भिंडी आलू , नींबू  , शिमला मिर्च  तोरी  इत्यादि सब्जियों के दाम पिछले सप्ताह भर से डबल बढे हैं। लहसुन 200 रुपये प्रतिकिलो तो प्याज 70 रुपये किलो मिल रही है। अदरक 100 रुपये तो मटर भी 100 रुपये प्रतिकिलो के भाव मिल रही है। गरीब हो या फिर अमीर सब्जी के बिना किसी का गुजारा नहीं है। दाम कम होते हैं तो गरीब की रसोई में भी रौनक देखने को मिल जाती है ,लेकिन रेट बढ़ने पर तो गरीब से माध्यम वर्ग के लोगों पर भी इसका असर देखने को मिल जाता है। दाम बढ़ने के कारण अब कम सब्जी खरीदकर लोग गुजारा कर रहे हैं। लगभग सभी सब्जियों में काम आने वाला आलू भी 25 -30 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है। सब्जी इन दिनों देखने में तो खूबसूरत लगने के अलावा मन खुश कर रही है , लेकिन खरीदना तो दूर भाव ज्यादा सुनकर ग्राहक छूने से भी बच रहा है। सब्जी के बढे भाव की वजह से ग्राहक ही नहीं दुकानदार भी कहीं न कहीं प्रभावित हो रहा है। ग्राहक कम होने की वजह से सब्जी दिनभर में कम ही बिक पाती है , जिससे दुकानदार का गुजारा भी मुश्किल से हो रहा है। 
बाइट ;- हरिओम सब्जी दुकानदार बाइट ;- भूपेश खरीददार बाइट ;- फजरुद्दीन झारपड़ी समाजसेवी 
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।  Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी ;- मौसम की मार सब्जियों के दामों तक 
सब्जी के दामों में आग लगी हुई है। महंगाई की मार से सब्जी भी अछूती नहीं रही है। प्याज और लहसुन का जायका तो भाव की वजह से गरीबों की जबान से गायब हो चला है। रसोई की रौनक बढ़ाने वाली सब्जी के दामों की चर्चा सब्जी मंडी से रसोई तक ही नहीं बल्कि सरकारों तक में हो रही है । बात चाहे हरी सब्जियों की हो या फिर सूखी सब्जियों की हो , सभी के दाम बढ़ने का असर जेब से लेकर रसोई तक देखने को मिल रहा है। सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से लेकर सब्जी खरीदने वाले ग्राहकों से बात की तो सबने सब्जी के बढे दामों की गाथा ब्यान की। जानकारी के मुताबिक टमाटर का रंग और लाल हुआ है तो हरी मिर्च तीखी हुई है। टमाटर  , हरी मिर्च, भिंडी आलू , नींबू  , शिमला मिर्च  तोरी  इत्यादि सब्जियों के दाम पिछले सप्ताह भर से डबल बढे हैं। लहसुन 200 रुपये प्रतिकिलो तो प्याज 70 रुपये किलो मिल रही है। अदरक 100 रुपये तो मटर भी 100 रुपये प्रतिकिलो के भाव मिल रही है। गरीब हो या फिर अमीर सब्जी के बिना किसी का गुजारा नहीं है। दाम कम होते हैं तो गरीब की रसोई में भी रौनक देखने को मिल जाती है ,लेकिन रेट बढ़ने पर तो गरीब से माध्यम वर्ग के लोगों पर भी इसका असर देखने को मिल जाता है। दाम बढ़ने के कारण अब कम सब्जी खरीदकर लोग गुजारा कर रहे हैं। लगभग सभी सब्जियों में काम आने वाला आलू भी 25 -30 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है। सब्जी इन दिनों देखने में तो खूबसूरत लगने के अलावा मन खुश कर रही है , लेकिन खरीदना तो दूर भाव ज्यादा सुनकर ग्राहक छूने से भी बच रहा है। सब्जी के बढे भाव की वजह से ग्राहक ही नहीं दुकानदार भी कहीं न कहीं प्रभावित हो रहा है। ग्राहक कम होने की वजह से सब्जी दिनभर में कम ही बिक पाती है , जिससे दुकानदार का गुजारा भी मुश्किल से हो रहा है। 
बाइट ;- हरिओम सब्जी दुकानदार बाइट ;- भूपेश खरीददार बाइट ;- फजरुद्दीन झारपड़ी समाजसेवी 
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।  
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