नूंह: राजस्थान-हरियाणा की सीमा पर अरावली पर्वत से लगते गांव में लंबे समय से चल रहे क्रेशरों पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. लॉकडाउन की वजह से क्रेशर पर पत्थरों की गाड़ियां नहीं आ रही. जिसके चलते मजदूर खाली रहने लगे हैं.इसके अलावा मजदूर लॉकडाउन की वजह से काम नहीं कर पा रहे हैं और जो मजदूर दूरदराज इलाकों से आकर यहां मजदूरी करते थे वो भी अब घर लौट चुके हैं.
क्रेशर बंद होने से नूंह जिले में ही नहीं बल्कि एनसीआर के जिलों में बिल्डिंग मैटेरियल सप्लाई नहीं हो पा रही है. पत्थरों की पिसाई क्रेशर बंद होने की वजह से नहीं हो पा रही है. जिससे रोड़ी, पत्थर की सप्लाई नहीं हो रही है. अगर थोड़ा बहुत क्रेशर-रोड़ी मशीन पर पड़ी हुई है, तो वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है.
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इससे मिस्त्री और बेलदारी करने वाले मजदूरों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है . अभी लॉकडाउन को 4 दिन हुए हैं. अभी भी 17 दिन तक और लॉकडाउन रहेगा. इसके बाद भी अगर हालात सामान्य नहीं हुए तो लॉकडाउन की सीमा बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. देश की अर्थव्यवस्था कोरोना की महामारी से पूरी तरह से डामाडोल हो गई है.