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नूंह में पानी की कमी से सूखे 'कंठ', सिंचाई के लिए भी नहीं कोई साधन, भयावह हुई समस्या

हरियाणा के नूंह जिले में जलसंकट गहरा रहा है. यहां तालाब और नहरों का पानी गहरा और खारा हो रहा है. लोग गंदे जोहड़ों का पानी प्रयोग कर रहे हैं.

जल संकट (फाइल फोटो)
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Published : May 18, 2019, 12:59 PM IST

नूंह: बरसात कम होने से देशभर में पानी का संकट गहराता रहा है. इस समय हरियाणा का नूंह जिला पानी की कमी के कारण कई तरह की किल्लतों से जूझ रहा है. यहां आदमी के साथ जानवर भी पानी न मिलने के कारण बैचेन हैं.

नूंह के खंड नगीना में भारी पानी की किल्लत हो रही है. यहां सिंचाई के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है. पानी की कमी से स्थिति भयावह हो गई है. तालाब, नहर सूख गए हैं. लोगों के पास पीने तक का पानी नहीं है. जलस्तर गहरा और खारा होता जा रहा है.

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सेवानिवृत चीफ इंजीनियर एवं पौंड अथॉरिटी हरियाणा के सदस्य सचिव ने बताया कि यहां मीठा पानी अरावली पर्वत की तलहटी के गांवो से निकलता था. अब यह पानी गहरा और खारा होता जा रहा है.

जल संकट से जूझ रहा नूंह

हरियाणा के 50 फीसदी हिस्सों में नहर उपलब्ध हैं. हालात ऐसे रहे तो 2020 से 2025 तक के बीत अच्छे संकेत नहीं रहेंगे. इससे नूंह जिले में सूखा का स्तर और ऊपर आ सकता है.

नूंह: बरसात कम होने से देशभर में पानी का संकट गहराता रहा है. इस समय हरियाणा का नूंह जिला पानी की कमी के कारण कई तरह की किल्लतों से जूझ रहा है. यहां आदमी के साथ जानवर भी पानी न मिलने के कारण बैचेन हैं.

नूंह के खंड नगीना में भारी पानी की किल्लत हो रही है. यहां सिंचाई के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है. पानी की कमी से स्थिति भयावह हो गई है. तालाब, नहर सूख गए हैं. लोगों के पास पीने तक का पानी नहीं है. जलस्तर गहरा और खारा होता जा रहा है.

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सेवानिवृत चीफ इंजीनियर एवं पौंड अथॉरिटी हरियाणा के सदस्य सचिव ने बताया कि यहां मीठा पानी अरावली पर्वत की तलहटी के गांवो से निकलता था. अब यह पानी गहरा और खारा होता जा रहा है.

जल संकट से जूझ रहा नूंह

हरियाणा के 50 फीसदी हिस्सों में नहर उपलब्ध हैं. हालात ऐसे रहे तो 2020 से 2025 तक के बीत अच्छे संकेत नहीं रहेंगे. इससे नूंह जिले में सूखा का स्तर और ऊपर आ सकता है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- भूजल देश के साथ - साथ हरियाणा के नूंह जिले के लिए भी चिंता का कारण
बरसात कम होने तथा भूजल दोहन होने की चिंता देशभर के कई बड़े शहरों - राज्यों के साथ - साथ हरियाणा के सबसे पिछड़े जिले नूंह के लोगों के लिए भी कम नहीं है। कई खंड खासकर नगीना में पीने के पानी की किल्लत के साथ - साथ सिंचाई के कोई भी साधन उपलब्ध नहीं हैं। भीषण गर्मी में तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है। तालाब , नहर अगर हैं तो अधिकतर सूखे हुए हैं। यही वजह है कि जलस्तर गहरा और खारा होता जा रहा है। खारा भी इतना की पशु - पक्षियों की भी पीने के बाद जान चली जाये। इस बारे में हमने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सेवानिवृत चीफ इंजीनियर एवं पौंड अथॉरिटी हरियाणा के सदस्य सचिव सुजाना राम बिश्नोई से हरियाणा और खासकर नूंह जिले के भूजल के बारे में सवाल किया। सुजाना राम बोले कि उन्होंने इस इलाके को एक्सईन रहते हुए भी देखा है , जहां उस समय मीठा पानी खासकर अरावली पर्वत की तलहटी के गांवों में निकलता था। वहां अब पानी गहरा और खारा हो गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति तो भयावह है , लेकिन जिस तरह की डराने वाली रिपोर्ट आ रही हैं। उस तरह के हालात अभी नहीं है। हरियाणा के 50 फीसदी हिस्से में नहरी संसाधन उपलब्ध हैं , हालात ऐसे ही रहे तो 2020 - 25 तक अच्छे संकेत नहीं हैं। जहां तक नूंह जिले की बात है तो यहां सूखे तालाबों को भरने के बाद जलस्तर ऊपर आ सकता है। नहरों में पानी छोड़कर तालाबों को भरा जायेगा। 2020 में तालाबों को लबालब भरने की दिशा में कारगर कदम उठाये जा रहे हैं। कुछ तालाबों तक नहर या रजवाहों का पानी कैसे ले जाया जाये और नहरों में पानी कैसे लाया जाये। इसके लिए वे दो दिन के दौरे पर हैं। नगीना खंड की अगर बात करें तो उन्होंने रिटायर्ड होने से पहले रैनीवेल स्कीम फिरोजपुर झिरका शहर और 80 गांवों के लिए बनाई थी। जिस पर करीब 265 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। उस पर काम चल रहा है। मेवात के किसी भी गांव में पानी की किल्लत नहीं रहने दी जाएगी। मेवात की स्थिति से पहले ही पूरी तरह परिचित हैं। कुल मिलाकर देर से ही सही भूजल को लेकर हरियाणा सरकार कुछ गंभीर दिखाई देने लगी है।
बाइट;- सुजाना राम बिश्नोई जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग चीफ इंजीनियर सेवानिवृत
बाइट;- अब्दुल रज्जाक ग्रामीण
बाइट;- हवीब ग्रामीण
बाइट ;- इल्यास ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- भूजल देश के साथ - साथ हरियाणा के नूंह जिले के लिए भी चिंता का कारण
बरसात कम होने तथा भूजल दोहन होने की चिंता देशभर के कई बड़े शहरों - राज्यों के साथ - साथ हरियाणा के सबसे पिछड़े जिले नूंह के लोगों के लिए भी कम नहीं है। कई खंड खासकर नगीना में पीने के पानी की किल्लत के साथ - साथ सिंचाई के कोई भी साधन उपलब्ध नहीं हैं। भीषण गर्मी में तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है। तालाब , नहर अगर हैं तो अधिकतर सूखे हुए हैं। यही वजह है कि जलस्तर गहरा और खारा होता जा रहा है। खारा भी इतना की पशु - पक्षियों की भी पीने के बाद जान चली जाये। इस बारे में हमने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सेवानिवृत चीफ इंजीनियर एवं पौंड अथॉरिटी हरियाणा के सदस्य सचिव सुजाना राम बिश्नोई से हरियाणा और खासकर नूंह जिले के भूजल के बारे में सवाल किया। सुजाना राम बोले कि उन्होंने इस इलाके को एक्सईन रहते हुए भी देखा है , जहां उस समय मीठा पानी खासकर अरावली पर्वत की तलहटी के गांवों में निकलता था। वहां अब पानी गहरा और खारा हो गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति तो भयावह है , लेकिन जिस तरह की डराने वाली रिपोर्ट आ रही हैं। उस तरह के हालात अभी नहीं है। हरियाणा के 50 फीसदी हिस्से में नहरी संसाधन उपलब्ध हैं , हालात ऐसे ही रहे तो 2020 - 25 तक अच्छे संकेत नहीं हैं। जहां तक नूंह जिले की बात है तो यहां सूखे तालाबों को भरने के बाद जलस्तर ऊपर आ सकता है। नहरों में पानी छोड़कर तालाबों को भरा जायेगा। 2020 में तालाबों को लबालब भरने की दिशा में कारगर कदम उठाये जा रहे हैं। कुछ तालाबों तक नहर या रजवाहों का पानी कैसे ले जाया जाये और नहरों में पानी कैसे लाया जाये। इसके लिए वे दो दिन के दौरे पर हैं। नगीना खंड की अगर बात करें तो उन्होंने रिटायर्ड होने से पहले रैनीवेल स्कीम फिरोजपुर झिरका शहर और 80 गांवों के लिए बनाई थी। जिस पर करीब 265 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। उस पर काम चल रहा है। मेवात के किसी भी गांव में पानी की किल्लत नहीं रहने दी जाएगी। मेवात की स्थिति से पहले ही पूरी तरह परिचित हैं। कुल मिलाकर देर से ही सही भूजल को लेकर हरियाणा सरकार कुछ गंभीर दिखाई देने लगी है।
बाइट;- सुजाना राम बिश्नोई जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग चीफ इंजीनियर सेवानिवृत
बाइट;- अब्दुल रज्जाक ग्रामीण
बाइट;- हवीब ग्रामीण
बाइट ;- इल्यास ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- भूजल देश के साथ - साथ हरियाणा के नूंह जिले के लिए भी चिंता का कारण
बरसात कम होने तथा भूजल दोहन होने की चिंता देशभर के कई बड़े शहरों - राज्यों के साथ - साथ हरियाणा के सबसे पिछड़े जिले नूंह के लोगों के लिए भी कम नहीं है। कई खंड खासकर नगीना में पीने के पानी की किल्लत के साथ - साथ सिंचाई के कोई भी साधन उपलब्ध नहीं हैं। भीषण गर्मी में तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है। तालाब , नहर अगर हैं तो अधिकतर सूखे हुए हैं। यही वजह है कि जलस्तर गहरा और खारा होता जा रहा है। खारा भी इतना की पशु - पक्षियों की भी पीने के बाद जान चली जाये। इस बारे में हमने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सेवानिवृत चीफ इंजीनियर एवं पौंड अथॉरिटी हरियाणा के सदस्य सचिव सुजाना राम बिश्नोई से हरियाणा और खासकर नूंह जिले के भूजल के बारे में सवाल किया। सुजाना राम बोले कि उन्होंने इस इलाके को एक्सईन रहते हुए भी देखा है , जहां उस समय मीठा पानी खासकर अरावली पर्वत की तलहटी के गांवों में निकलता था। वहां अब पानी गहरा और खारा हो गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति तो भयावह है , लेकिन जिस तरह की डराने वाली रिपोर्ट आ रही हैं। उस तरह के हालात अभी नहीं है। हरियाणा के 50 फीसदी हिस्से में नहरी संसाधन उपलब्ध हैं , हालात ऐसे ही रहे तो 2020 - 25 तक अच्छे संकेत नहीं हैं। जहां तक नूंह जिले की बात है तो यहां सूखे तालाबों को भरने के बाद जलस्तर ऊपर आ सकता है। नहरों में पानी छोड़कर तालाबों को भरा जायेगा। 2020 में तालाबों को लबालब भरने की दिशा में कारगर कदम उठाये जा रहे हैं। कुछ तालाबों तक नहर या रजवाहों का पानी कैसे ले जाया जाये और नहरों में पानी कैसे लाया जाये। इसके लिए वे दो दिन के दौरे पर हैं। नगीना खंड की अगर बात करें तो उन्होंने रिटायर्ड होने से पहले रैनीवेल स्कीम फिरोजपुर झिरका शहर और 80 गांवों के लिए बनाई थी। जिस पर करीब 265 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। उस पर काम चल रहा है। मेवात के किसी भी गांव में पानी की किल्लत नहीं रहने दी जाएगी। मेवात की स्थिति से पहले ही पूरी तरह परिचित हैं। कुल मिलाकर देर से ही सही भूजल को लेकर हरियाणा सरकार कुछ गंभीर दिखाई देने लगी है।
बाइट;- सुजाना राम बिश्नोई जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग चीफ इंजीनियर सेवानिवृत
बाइट;- अब्दुल रज्जाक ग्रामीण
बाइट;- हवीब ग्रामीण
बाइट ;- इल्यास ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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