नूंहः गांधी ग्राम घासेड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नदारद (Doctors absent in PHC Ghaseda of Nuh) रहते हैं और मरीज इलाज के लिए भटकते रहते हैं. अस्पताल में दवाइयों का भी टोटा है और रोगियों को बाहर से दवाईयां खरीदनी पड़ती हैं. जब मीडिया की टीम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो डॉक्टरों की कुर्सी खाली पड़ी थी और कुछ नर्स अस्पताल में आए रोगियों का इलाज कर रही थी.
मेडिकल ऑफिसर न होने के कारण आयुष विभाग के डॉक्टर भी मरीजों का इलाज करते दिखाई दिए. जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य केंद्र में डॉ. प्रियंका गोयल और डॉक्टर राजदीप मेडिकल ऑफिसर हैं और डॉ. भुवन डेंटल सर्जन हैं. शुक्रवार को तीनों ही डॉक्टर अस्पताल में नहीं मिले. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएचसी में तैनात डॉक्टर अधिकतर समय गायब रहते हैं. इसके अलावा कागजों में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 4 कर्मचारियों की ड्यूटी गांव-गांव जाकर स्वास्थय जांच की लगाई गई है, लेकिन ये भी हाजिरी लगाकर गायब हो जाते हैं.
अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीजों का कहना है कि अधिकतर दवाईयां उन्हें मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ती है. अस्पताल में बिजली की व्यवस्था भी नही है. हालांकि अस्पताल में जरनेटर है लेकिन वो बंद ही रहता है. जब मरीजों की शिकायतों के बारे में सिविल सर्जन डॉ.सुरेंद्र यादव से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में वो एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण से बातचीत करेंगे.
तीनों चिकित्सक गैरहाजिर किसलिए हैं, इस बारे में जानकारी जुटाई जाएगी. अगर डॉक्टर बिना जानकारी के अनुपस्थित हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जब एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण से संपर्क किया तो उनका फोन बंद मिला.