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हरियाणा के इस जिले में डेंगू का कहर, अलग-अलग मेडिकल कॉलेज से बुलाए गए डॉक्टर

मेवात जिले में डेंगू ओर वायरल फीवर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. हालत यह है कि वार्ड में बेड कम पड़ रहे हैं, एक-एक बेड पर कई-कई मरीजों का इलाज किया जा रहा है. हद तो तब हो गई जब बेड की कमी की वजह से मरीजों का इलाज फर्श पर किया जा रहा है.

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हरियाणा के इस जिले में डेंगू का कहर
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Published : Oct 10, 2021, 5:45 PM IST

नूंह: हरियाणा के मेवात इलाके में लगातार वायरल फीवर का कहर देखा जा रहा है. हैरान करने वाली बात है कि अब ये मामले मासूम बच्चों में भी देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में नूंह के राजकीय शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज में डेंगू और वायरल फीवर के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा मेडिकल कॉलेज और खानपुर मेडिकल कॉलेज से छह डॉक्टरों की नियुक्ति की है.

वहीं लगातार छोटे बच्चों की डेंगू और वायरल फीवर से जान जा रही है जो इलाके के लिए चिंता का विषय है. एमएस डॉक्टर महा सिंह ने जानकारी दी कि मेडिकल कॉलेज की दूसरी मंजिल पर स्थित वार्ड 2 व 3 में तकरीबन डेढ़ सौ डेंगू और वायरल फीवर के मरीज भर्ती हैं. इसके अलावा बच्चों के वार्ड निक्कू, पीकू और आपातकालीन विभाग में सैकड़ों की संख्या में मरीज भर्ती हैं. उन्होंने कहा कि लगातार बेड़ों की संख्या बढ़ाई जा रही है.

हरियाणा के इस जिले में डेंगू का कहर, देखिए वीडियो

डॉक्टर महा सिंह ने बताया कि रोजाना दो से 3 बच्चों की जान जा रही है साथ ही उन्होंने कहा कि मरने वाले बच्चों में नवजात शिशु शामिल हैं, जो खून की कमी से मौत के मुंह में समा रहे हैं. एमएस डॉक्टर महा सिंह ने कहा कि आज ही सरकार ने नलहड़ मेडिकल कॉलेज मेंछह डॉक्टरों की नियुक्ति की है. इसके अलावा विधायक आफताब अहमद ने भी मेडिकल कॉलेज नल्हड़ का दौरा किया था और डॉक्टर के साथ-साथ सुविधाओं को बढ़ाने पर फोकस किया.

ये भी पढ़ें- हिसार में बढ़ा डेंगू का प्रकोप, एक हफ्ते में 40 मामले आए सामने

क्यों बढ़ रही है डेंगू से ज्यादा मौतें: जानकारों का कहना है कि जब भी कोई वायरस दोबारा आता है तो वह पहले के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली होता है. जो इंसानों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. फिलहाल डेंगू के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी. हालांकि इस पर टेस्ट किए जा रहे हैं. जिसके बाद ही वजह साफ हो पाएगी, लेकिन डेंगू से बचाव करना सबसे जरूरी है. लोग पूरी बाजू के कपड़े पहनें. शरीर को जितना हो सके ढक कर रखें और मच्छरों से बचाव के लिए भी तरीके अपनाएं. बुखार और सिर दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.

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डेंगू मरीजों का इलाज करते हुए डॉक्टर

कैसे करें डेंगू का बचाव: घरों में पानी इकट्ठा न होने दें. कूलर, खाली पड़े बर्तनों, प्लास्टिक का सामान, टायर आदि में पानी जमा हो जाता है तो उसे साफ कर दें. इसके अलावा लोग गमलों में पानी देते हैं. कई बार गमलों में पानी खड़ा रहता है इसलिए लोग गमलों में थोड़ा-थोड़ा पानी दें. जो मिट्टी में चला जाए. चाहे पौधों को दिन में दो बार पानी दें, लेकिन एक बार में ज्यादा पानी नहीं दें. बारिश के मौसम में अगर घर के आसपास कहीं पर पानी खड़ा है तो वहां पर मिट्टी डलवा दें. अगर मिट्टी नहीं डलवा सकते तो वहां पर मिट्टी के तेल का छिड़काव कर दें. मिट्टी के तेल का छिड़काव करने से उस पानी में मच्छर नहीं पनपेगा.

ये पढ़ें- क्यों बढ़ रहे हरियाणा में डेंगू के मामले, कैसे पहचाने डेंगू है या सामान्य बुखार, जानिए डॉक्टर से

नूंह: हरियाणा के मेवात इलाके में लगातार वायरल फीवर का कहर देखा जा रहा है. हैरान करने वाली बात है कि अब ये मामले मासूम बच्चों में भी देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में नूंह के राजकीय शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज में डेंगू और वायरल फीवर के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा मेडिकल कॉलेज और खानपुर मेडिकल कॉलेज से छह डॉक्टरों की नियुक्ति की है.

वहीं लगातार छोटे बच्चों की डेंगू और वायरल फीवर से जान जा रही है जो इलाके के लिए चिंता का विषय है. एमएस डॉक्टर महा सिंह ने जानकारी दी कि मेडिकल कॉलेज की दूसरी मंजिल पर स्थित वार्ड 2 व 3 में तकरीबन डेढ़ सौ डेंगू और वायरल फीवर के मरीज भर्ती हैं. इसके अलावा बच्चों के वार्ड निक्कू, पीकू और आपातकालीन विभाग में सैकड़ों की संख्या में मरीज भर्ती हैं. उन्होंने कहा कि लगातार बेड़ों की संख्या बढ़ाई जा रही है.

हरियाणा के इस जिले में डेंगू का कहर, देखिए वीडियो

डॉक्टर महा सिंह ने बताया कि रोजाना दो से 3 बच्चों की जान जा रही है साथ ही उन्होंने कहा कि मरने वाले बच्चों में नवजात शिशु शामिल हैं, जो खून की कमी से मौत के मुंह में समा रहे हैं. एमएस डॉक्टर महा सिंह ने कहा कि आज ही सरकार ने नलहड़ मेडिकल कॉलेज मेंछह डॉक्टरों की नियुक्ति की है. इसके अलावा विधायक आफताब अहमद ने भी मेडिकल कॉलेज नल्हड़ का दौरा किया था और डॉक्टर के साथ-साथ सुविधाओं को बढ़ाने पर फोकस किया.

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क्यों बढ़ रही है डेंगू से ज्यादा मौतें: जानकारों का कहना है कि जब भी कोई वायरस दोबारा आता है तो वह पहले के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली होता है. जो इंसानों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. फिलहाल डेंगू के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी. हालांकि इस पर टेस्ट किए जा रहे हैं. जिसके बाद ही वजह साफ हो पाएगी, लेकिन डेंगू से बचाव करना सबसे जरूरी है. लोग पूरी बाजू के कपड़े पहनें. शरीर को जितना हो सके ढक कर रखें और मच्छरों से बचाव के लिए भी तरीके अपनाएं. बुखार और सिर दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.

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डेंगू मरीजों का इलाज करते हुए डॉक्टर

कैसे करें डेंगू का बचाव: घरों में पानी इकट्ठा न होने दें. कूलर, खाली पड़े बर्तनों, प्लास्टिक का सामान, टायर आदि में पानी जमा हो जाता है तो उसे साफ कर दें. इसके अलावा लोग गमलों में पानी देते हैं. कई बार गमलों में पानी खड़ा रहता है इसलिए लोग गमलों में थोड़ा-थोड़ा पानी दें. जो मिट्टी में चला जाए. चाहे पौधों को दिन में दो बार पानी दें, लेकिन एक बार में ज्यादा पानी नहीं दें. बारिश के मौसम में अगर घर के आसपास कहीं पर पानी खड़ा है तो वहां पर मिट्टी डलवा दें. अगर मिट्टी नहीं डलवा सकते तो वहां पर मिट्टी के तेल का छिड़काव कर दें. मिट्टी के तेल का छिड़काव करने से उस पानी में मच्छर नहीं पनपेगा.

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