नूंह: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर एमडीआर 134 नौरंगाबाद पर इंटरचेज (Delhi-Mumbai Expressway interchange in Nuh) नहीं होने से जिले के दर्जनभर गांवों के किसान परेशान हैं. किसान इंटरचेज बनाने की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसानों ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह (Union Minister Inderjit Singh) से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांग से अवगत कराया. किसानों का आरोप है कि इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान उनसे इंटरचेज बनाने को लेकर वायदा किया गया था. अब यहां पर कोई इंटरचेंज नहीं बनाया गया है.
किसानों का कहना है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे उनके गांव के समीप से गुजर रहा है. नूंह- पलवल स्टेट हाईवे, सोहना-मंडकोला रोड के ऊपर से यह राष्ट्रीय राजमार्ग गुजर रहा है. जबकि इस एक्सप्रेस वे के लिए यहां इंटरचेज की सुविधा नहीं है. गांव के लोगों को इससे वंचित रखा जा रहा है. इस मार्ग पर इंटरचेज नहीं होने से इंडरी, गांगोली, दुबालू, खेड़ा खलीलपुर, कुतुबगढ़, मेलावास, खेड़ली दौसा, छपेड़ा, छछेड़ा, आलदोका, किरा, बेंसी, हसनपुर और उलेटा आदि गांव के लोग परेशान हैं. अगर यहां इंटरचेज की सुविधा मिलती है तो इन गांवों के लोगों को भी इस एक्सप्रेस वे का लाभ मिलेगा.
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इस एक्सप्रेस वे के निर्माण में आसपास के गांवों की जमीन एक्वायर की गई है. प्रदर्शनकारी किसानों ने शुक्रवार को केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह (Minister Inderjit Singh in Nuh ) से मुलाकात कर उन्हें इस समस्या से अवगत कराया. केंद्रीय मंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि वह जल्दी ही इस मामले में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का समाधान कराएंगे.
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करीब दर्जन भर गांवों के किसान इंटरचेंज की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. सर्दी के दौरान भी सैकड़ों किसान रोजाना केएमपी पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे पहले सितंबर महीने में भी किसानों ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम कई दिनों तक रोका था. किसानों का कहना है कि उनके गांव के आसपास तीन राजमार्ग आपस में मिलते हैं. राजमार्गों के दोनों तरफ किसानों की जमीन हैं, लेकिन उनके खेतों तक आने-जाने के लिए अब कोई रास्ता नहीं बचा है. किसानों को कई किलोमीटर घूम कर अपने खेतों में जाना पड़ रहा है.