नूंह: जिले के खेड़ा खलीलपुर गांव के किसान इन दिनों बेहद परेशान हैं. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के नीचे अंडर पास ना होने की वजह से उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है. रविवार को किसानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए खेड़ा खलीलपुर गांव में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य बाधित कर दिया. किसान सड़क के बीच बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
किसानों ने दो टूक कहा कि अगर उनकी मांग को सरकार ने नहीं माना तो वह काम नहीं होने (Farmers protest in Nuh) देंगे. बताया जा रहा है कि किसानों के निर्माण कार्य बाधित करने से कंपनी को एक ही दिन में तकरीबन 20 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है. किसानों को मनाने के लिए रोजका मेव पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने कई घंटे तक किसानों से मान मनव्वल किया. लेकिन किसान दरी बिछाकर सड़क पर बैठे रहे.
छुट्टी का दिन होने की वजह से निर्माण कर रही कंपनी एप्को इंफ्राटेक के इंजीनियर, एनएचएआई के अधिकारियों को फोन मिलाते रहे, लेकिन दोपहर तक भी ना तो जिला प्रशासन और ना ही एनएचएआई का कोई अधिकारी वहां पहुंचा. बता दें कि नूंह जिले का खेड़ा खलीलपुर गांव दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे, डीएनडी मार्ग, कुंडली-मानेसर पलवल मार्ग के नजदीक (Delhi-Mumbai Expressway in Kheda Khalilpur village) है.
इस गांव के किसानों की जमीन इन तीनों मार्गों के दोनों तरफ है. किसानों का कहना है कि पहले खेड़ा खलीलपुर गांव से पलवल जिले के मंडकोला गांव को तकरीबन 5 किलोमीटर की सड़क से सीधा जुड़ा हुआ था, लेकिन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण की वजह से यह रास्ता बंद कर दिया गया. अब किसान अपने खेतों में खेती करने से काफी परेशान हैं. उन्हें तकरीबन 10-15 किलोमीटर चक्कर लगाकर अपने खेतों में जाना पड़ रहा है.
मामले को लेकर खेड़ा खलीलपुर गांव के लोगों ने उपायुक्त अजय कुमार से कुछ दिन पहले मुलाकात भी की थी. जिसके बाद उपायुक्त अजय कुमार ने एनएचएआई के परियोजना निदेशक के साथ इन मसलों को लेकर लंबी बातचीत की थी, जिसमें जिला प्रशासन और किसानों को भरोसा दिलाया गया था कि उनके लिए कोई ना कोई रास्ता खेतों तक जाने के लिए बनाया जाएगा. लेकिन लगातार मिल रहे कोरे आश्वासनों से नाराज होकर किसानों का धैर्य जवाब दे गया.
उन्होंने रविवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम रुकवा दिया. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का काम कर रही एप्को इंफ्राटेक के सीनियर इंजीनियर सुरेश कुमार ने बताया कि उन्होंने काम करने के लिए तकरीबन 15 गाड़ी माल को तैयार किया था. सिर्फ तीन गाड़ी माल की लग पायी था कि इतने में सुबह करीब साढ़े दस बजे खेड़ा खलीलपुर गांव के दर्जनों किसान पहुंचे और उन्होंने निर्माण कार्य रुकवा दिया. कंपनी के मुताबिक उनको काम बंद होने से करीब 20 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.
कंपनी के कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार और जिला प्रशासन ने किसानों को मनाकर कोई बीच का रास्ता शुरू नहीं कराया तो उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ (Farmers protest in Nuh Delhi Mumbai Expressway) सकता है. खेड़ा खलीलपुर गांव के किसानों को मनाने के अलावा सरकार व जिला प्रशासन के पास कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा है. खास बात यह है कि किसानों को कच्चे रास्ते के रूप में एक रास्ता दिया गया है, लेकिन किसान चाहते हैं कि इस रास्ते को पक्का बनाकर पुराने खेड़ा खलीलपुर मडकोला मार्ग नूंह (Kheda Khalilpur Madkola Marg Nuh) से जोड़ा जाए ताकि उनको भविष्य में किसी प्रकार की कोई चिंता खेती को लेकर ना करनी पड़े.