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मेवात में सूखे जैसे हालात, मवेशियों को भी नसीब नहीं हो रहा पानी, उपायुक्त ने दिए तालाब भरने के आदेश - DC Nuh Ajay Kumar

हरियाणा के मेवात जिले में सूखे जैसे हालात पैदा हो (Drought like situation in Mewat) गए हैं. दिन भर दिन बढ़ रही गर्मी के चलते आसमान आग उगल रहा है और पारा 42 डिग्री के पार जा चुका है. आलम यह है कि फसलें भी अब सूखने लगी पड़ हैं और नहरों और तालाबों में पानी सूख चुका है. जिससे स्थिति और भयावह होती जा रही है. तालाबों के सूख जाने से मेवात के लोगों को ही नहीं मवेशियों के लिए भी जंल संकट खड़ा हो गया है. नूंह के उपायुक्त अजय कुमार ने माना कि तो जिले में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते पानी का संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि जिला के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर पानी की समस्याओं के समाधान करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े.

Drought like situation in Mewat
मेवात में सूखे जैसे हालात
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Published : May 9, 2022, 3:12 PM IST

नूंह: हरियाणा के मेवात जिले में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए (Drought like situation in Mewat) हैं. दिन भर दिन बढ़ रही गर्मी के चलते आसमान आग उगल रहा है और पारा 42 डिग्री के पार जा चुका है. आलम यह है कि फसलें भी अब सूखने लगी पड़ हैं और नहरों और तालाबों में पानी सूख चुका है. जिससे स्थिति और भयावह होती जा रही है. तालाबों के सूख जाने से मेवात के लोगों को ही नहीं मवेशियों के लिए भी जंल संकट खड़ा हो गया है.

मेवात जिले के भादस, मालब, गंडूरी, असाइसीका, नगीना, घाघस, खेड़ी कंकर, हसनपुर सहित सैकड़ों गांवों में सभी तालाब सूख गए हैं. जंगली जानवरों और पशु पक्षियों के लिए भी चोंच भर पानी मिलना मुश्किल हो रहा है. इकसा प्रमूख कारण भीषण गर्मी और बरसात न होना है. नूंह जिले में बरसात ही लोगों का सबसे बड़ा सहारा है. इसी से नहरों में पानी भरता है और जमीन का जलस्तर भी ऊपर आता है.

मेवात में सूखे जैसे हालात.

भीषण गर्मी के चलते लोगों की जान पर बन आई है. ऐसे में बरसात ही अब लोगों को इस गर्मी से निजात दिला सकती है. आसमान में पिछले 2 दिनों से बादल तो जरूर छाए हुए हैं, लेकिन बारिश की एक बूंद नहीं गिर रही है. गर्मी में न केवल फसलें सूख रही हैं, बल्कि पशुओं में दूध की मात्रा में भी कमी आई है. सबसे खास बात यह है कि प्यास बुझाने के लिए लोग रोजाना लाखों रुपए का पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं.

यहां एक टैंकर 1200 रुपये से अधिक का आता है. जिसे तकरीबन 15 दिन तक इस्तेमाल किया जाता है. हर महीने पानी खरीद कर पीने की वजह से लोगों की जेब पर भी बोझ बढ़ रहा है. जिले में आज भी ऐसे सैकड़ों गांव हैं, जहां पानी की भीषण किल्लत है. कुल मिलाकर रोजाना हालात और विकराल होते जा रही हैं. नूंह के उपायुक्त अजय कुमार (DC Nuh Ajay Kumar) ने माना कि तो जिले में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते पानी का संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि जिला के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर पानी की समस्याओं के समाधान करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़ें: REWARI: ऑफिस में ही लटका मिला कर्मचारी का शव, आत्महत्या की आशंका, जांच में जुटी पुलिस

नूंह: हरियाणा के मेवात जिले में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए (Drought like situation in Mewat) हैं. दिन भर दिन बढ़ रही गर्मी के चलते आसमान आग उगल रहा है और पारा 42 डिग्री के पार जा चुका है. आलम यह है कि फसलें भी अब सूखने लगी पड़ हैं और नहरों और तालाबों में पानी सूख चुका है. जिससे स्थिति और भयावह होती जा रही है. तालाबों के सूख जाने से मेवात के लोगों को ही नहीं मवेशियों के लिए भी जंल संकट खड़ा हो गया है.

मेवात जिले के भादस, मालब, गंडूरी, असाइसीका, नगीना, घाघस, खेड़ी कंकर, हसनपुर सहित सैकड़ों गांवों में सभी तालाब सूख गए हैं. जंगली जानवरों और पशु पक्षियों के लिए भी चोंच भर पानी मिलना मुश्किल हो रहा है. इकसा प्रमूख कारण भीषण गर्मी और बरसात न होना है. नूंह जिले में बरसात ही लोगों का सबसे बड़ा सहारा है. इसी से नहरों में पानी भरता है और जमीन का जलस्तर भी ऊपर आता है.

मेवात में सूखे जैसे हालात.

भीषण गर्मी के चलते लोगों की जान पर बन आई है. ऐसे में बरसात ही अब लोगों को इस गर्मी से निजात दिला सकती है. आसमान में पिछले 2 दिनों से बादल तो जरूर छाए हुए हैं, लेकिन बारिश की एक बूंद नहीं गिर रही है. गर्मी में न केवल फसलें सूख रही हैं, बल्कि पशुओं में दूध की मात्रा में भी कमी आई है. सबसे खास बात यह है कि प्यास बुझाने के लिए लोग रोजाना लाखों रुपए का पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं.

यहां एक टैंकर 1200 रुपये से अधिक का आता है. जिसे तकरीबन 15 दिन तक इस्तेमाल किया जाता है. हर महीने पानी खरीद कर पीने की वजह से लोगों की जेब पर भी बोझ बढ़ रहा है. जिले में आज भी ऐसे सैकड़ों गांव हैं, जहां पानी की भीषण किल्लत है. कुल मिलाकर रोजाना हालात और विकराल होते जा रही हैं. नूंह के उपायुक्त अजय कुमार (DC Nuh Ajay Kumar) ने माना कि तो जिले में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते पानी का संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि जिला के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर पानी की समस्याओं के समाधान करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े.

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