प्रेमी जोड़ा के परिजन भिड़े , अपहरण की कोशिश
गाड़ी के शीशे क्षतिग्रस्त , नहीं हुई पुलिस में शिकायत
कासिम खान
नूंह। सोमवार को दोपहर बाद लघु सचिवालय - कोर्ट परिसर के ठीक सामने नूंह - पलवल मार्ग पर प्रेमी जोड़ा के परिजनों की आपस में कहसुनी के बाद नौबत मारपीट से लेकर अपहरण तक पहुंच गई। इस झगड़े में कुछ लोगों को मामूली चोट आई , तो स्कॉर्पियों के गाड़ी के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए। एक - दूसरे के परिजनों ने लड़का - लड़की के अपहरण की कोशिश भी की , लेकिन पुलिस के पहुंचने के बाद न केवल मामला शांत हो गया बल्कि प्रेमी जोड़ा को सुरक्षित स्थान तक नूंह पुलिस ने पहुंचा दिया। सिटी पुलिस चौकी नूंह इंचार्ज के मुताबिक उन्हें इस बारे में खबर लिखे जाने तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली। लेकिन झगड़ा होने की खबर के बाद पुलिस की कई गाड़ियां पहुंची और मामला शांत कराते हुए प्रेमी जोड़ा को सुरक्षित स्थान तक छोड़कर आई। गाड़ी लड़का - लड़की किस पक्ष की है ,यह तो पता नहीं चला , लेकिन गाड़ी को मौके पर ही छोड़कर फरार हो गए।
जानकारी के मुताबिक अलवर राजस्थान जिले की रहने वाली लड़की ने पलवल जिले के एक लड़के के साथ प्रेम विवाह किया। प्रेम विवाह के बाद प्रेमी जोड़ा को पुलिस प्रोटेक्शन पुलिस लाइन नूंह में रखा गया। प्रेमी जोड़ा की इस हरकत से परिजन खासे नाराज थे। सोमवार को प्रेमी जोड़ा को सेशन कोर्ट नूंह में पेश किया। कोर्ट में पेश होने की खबर लड़का - लड़की पक्ष के लोगों को लगी तो दोनों के परिजन गाड़ियों में भरकर वहां पहुंच गए। कुछ हरकत तो कोर्ट परिसर में अंदर भी हुई , लेकिन प्रेमी जोड़ा ने जब कहां कि अब वे प्रोटेक्शन हाउस के बजाय बाहर रहना पसंद करेंगे। उसके बाद प्रेमी जोड़ा , जब लघु सचिवालय स्थित एसपी ऑफिस से बाहर निकला तो सड़क पर पहुंचते ही झगड़ा - अपहरण की कोशिश हुई। गनीमत रही कि कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ और न ही किसी के अपहरण की खबर आई। पुलिस झगड़ा और प्रेम विवाह की बात तो कबूल रहा है , लेकिन अपहरण जैसी वारदात से इंकार कर रहा है। सवाल लाख टके का यह कि जब गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई और उसे छोड़कर भागने हुए तो हालात ठीक कतई नहीं कहे जा सकते। गाड़ी का नंबर डीएल एनबी 5172 है। पुलिस ने अभी गाड़ी को कब्जे में नहीं लिया है और दबी जबान से घटना की जानकारी दे रही है।
अधिकारियों की नाक के नीचे अपहरण - मारपीट की कोशिश :- लघु सचिवालय नूंह में पुलिस आला अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी बैठते हैं। साथ ही कोर्ट परिसर है , जहां न्यायपालिका से जुड़े सेशन जज सहित कई जज बैठते हैं। अगर ऐसी जगह पर भी अपहरण - मारपीट की नौबत आती है , तो सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल लाजमी है। जब प्रेमी जोड़ा को पुलिस लाइन नूंह में बने प्रोटेक्शन हाउस की बजाय कहीं दूसरी जगह जाना था , तो पुलिस विभाग मुस्तैद क्यों नहीं था। कुल मिलाकर सोमवार को सुरक्षित स्थान माने जाने वाली जगह पर जो वारदात हुई , वह चिंता का विषय है।
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कैप्शन : प्रेमी जोड़ा के परिजनों के झगड़े में क्षतिग्रस्त हुई स्कॉर्पियो गाड़ी।
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मेडिकल कालेज नल्हड में रोजगार के लिए चुकानी पड़ती है कीमत
कासिम खान
नूंह। राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कालेज में ऑउटसोर्सिंग के तहत नौकरी देने वाली कंपनी नियमों को दरकिनार कर इलाके के युवाओं की बेरोजगारी का लोकल दलालों और मेडिकल कालेज प्रशासन की मिलीभगत के चलते शोषण कर रही हैं । एक तो भारी भरकम रिश्वत लेकर नौकरी पर रखना , ऊपर से वेतन पूरा नहीं देने के साथ - साथ अन्य सुविधाओं में कटौती से लेकर समय पर वेतन नहीं देने का अब चलन बन चुका है। भ्र्ष्टाचार का गढ़ बनी इन कंपनियों के खिलाफ मेडिकल कालेज प्रशासन तो आंख बंद करके बैठा हुआ है , लेकिन जब बड़ी मुश्किल से कंपनियों का भ्र्ष्टाचार का मुद्दा पुलिस के पास पहुंचा तो एफआईआर दर्ज करने के बाद गिरफ्तारी को पुलिस महकमा भी भूल गया । इसी का लाभ उठाकर बीएसएस तथा एसआईएस कंपनी प्रबंधन मनमानी करने पर उतारू हैं ।
आपको बता दें कि सुरक्षा गार्ड का टेंडर एसआईएस कंपनी के पास है और करीब 500 सुरक्षा गार्ड यहां नियुक्त किये हुए हैं। गार्ड समय पर वेतन नहीं मिलने से लेकर नियुक्तियों में 30 - 50 हजार रुपये देने का आरोप एक बार नहीं बल्कि कई बार लगा चुके हैं , लेकिन उनकी यह आवाज किसी को सुनाई नहीं देती। नल्हड मेडिकल कालेज प्रबंधन तो उन्हें सुनने को ही तैयार नहीं है। कई बार मीडिया के सामने जबान खोलने पर नौकरी तक गंवानी पड़ जाती है। कुछ ऐसा ही हाल वार्ड ब्वायज से लेकर नर्स इत्यादि का ठेका लेने वाली कंपनी बीएसएस का है। यहां टेलेंट वाले बच्चों को नौकरी मिले या न मिले , लेकिन 50 से अधिक रिश्वत देने वाले को बड़ी आसानी से नौकरी मिल जाती है। कंपनियों ने अपने इस भ्र्ष्टाचार को दीमक की तरह फैलाने के लिए कुछ दलालों का सहारा लिया हुआ है। जिनमें से कुछ नौकरी करते हैं , तो कुछ नौकरी कुछ दिन करने के बाद छोड़ चुके हैं। जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली मनोहर लाल सरकार की खाकी , अधिकारी , कालेज प्रशासन , भाजपा नेता , कार्यकर्ता इस गड़बड़झाले पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। यह बात किसी की समझ में नहीं आ रही है। कंपनी के लोग खूब मनमानी कर रहे हैं , लेकिन कुछ एजेंसियों की मिल रही मदद के चलते उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगती। ताज्जुब इस बात का है कि ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सिस्टम को परेशानी क्यों हो रही है। विधानसभा चुनाव में कई राजनैतिक दल खट्टर सरकार में बढ़ रहे भ्र्ष्टाचार को चुनावी मुद्दा भी बना सकती हैं।
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कैप्शन ;- मेडिकल कालेज नल्हड का नजारा।
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बढते तापमान के कारण लू से बचने के लिए आमजन से एहतियात बरतने: उपायुक्त
कासिम खान
नूंह। बढते तापमान के कारण लू से बचने के लिए आमजन से एहतियात बरतने की अपील करते हुए उपायुक्त पंकज ने कहा है कि गर्म हवाएं व लूं से शारीरिक तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। उन्होंने बताया कि गर्म हवाएं व लूं के प्रभाव को कम करने तथा गर्मी स्ट्रोक की वजह से गंभीर बीमारी या मृत्यु को रोकने में कई उपाय उपयोगी होते है। उन्होंने गर्म हवाएं व लूं से बचने के लिए क्या करें तथा क्या न करें इसके बारे में जानकरी दी है।
क्या करें:- स्थानीय मौसम की भविष्यवाणी के लिए रेडियो सुने, टीवी देखे, समाचार पत्र पढे, जिसमें गर्म हवाएं/लूं के आने के बारे में सूचना मिल सकें। पर्याप्त पानी पिये तथा जितनी बार संभव हो पानी पियें भले ही प्यास न हो। धूप में बाहर जाने के दौरान हल्कें रंगो के ढीले फीटिंग के तथा सूती कपडे पहने। सूरक्षात्मक चश्में, छाता पगडी, दुपट्टï, टोपी जूते या चप्पलों का उपयोग करें। यात्रा करते समय पानी साथ में रखें। यदि आप बाहर काम करते है तो टोपी या छाते का उपयोग करें तथा अपने सिर, गर्दन, चेहरे और अंगो पर नम कपडा रखें। शरीर को पुन: हाईड्रेट करने के लिए ओआरएस , घर का बना पेय जैसे लस्सी, नींबू पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें। गर्मी के स्ट्रोक, गर्मी के दाने या गर्मी से ऐंठन जैसे कि कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, मितली और दौरे के लक्षणों को पहचाने तथा यदि आप बेहोश या बीमार महसूस कर रहे है तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श करें। जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने का पर्याप्त पानी दें। अपना घर ठण्डा रखें दिन के दौरान पर्दे, शटर का उपयोग करें। रात में खिडकियां खुली रखें। पखों, नम कपडों का प्रयोग करें। ठंडे पानी से स्नान करें। कार्यस्थल के पास ठण्डा पेयजल उपलब्ध करवाये। श्रमिकों को प्रत्यक्ष सूर्य के समक्ष होने वाले कार्यो से बचायें। श्रमयुक्त कार्यो को दिन के ठंडे समय के दौरान करें। बाहरी गतिविधियों के दौरान आराम के समय को बढायें। गर्भवती, मजदूरो का चिकित्सकीय परामर्श की स्थिति में अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए।
क्या न करें:- खडे किये हुए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोडे। दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचे। भारी काले व तंग कपडे पहनने से बचे। तापमान अधिक होने की स्थिति में श्रमयुक्त कार्य करने से बचें। दिन के गर्म समय में खाना पकाने से बचें व खाना बनाते समय दरवाजे और खिडकियां खोलें। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचे जो शरीर में पानी की कमी करते है। उच्च प्रोटीनयुक्त व बासी भोजन न खाये।
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कैप्शन : भीषण गर्मी में ठंडा पानी पिता बच्चा , मुंह पर कपडा का प्रयोग करती महिलाएं।
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