नूंह: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को ब्रज मंडल यात्रा के दौरान 2 समुदायों के बीच हिंसा के बाद क्षेत्र में शांति बहाली के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. 13 अगस्त को पोंडरी गांव में हिंदू महापंचायत में फैसला लिया गया था कि आगामी 28 अगस्त को शोभायात्रा दोबारा निकाली जाएगी. लेकिन जिला प्रशासन ने शोभायात्रा करने की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है. जी-20 सम्मेलन आईटीसी ग्रैंड भारत होटल में होने वाली बैठकों के साथ-साथ कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है.
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जिला प्रशासन के इस फैसले पर नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि जहां तक कोई भी यात्रा का सवाल है. उसको निकालना है, ना पहले कभी किसी बात का एतराज किया था और न ही इलाके के लोगों का कोई विरोध था. आफताब अहमद ने कहा कि आगे भी कोई विरोध नहीं किया जाएगा. लेकिन यह विषय राज्य सरकार का है. जिला प्रशासन का है.
कांग्रेस नेता आफताब अहमद ने कहा कि गत 31 तारीख की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद जो हालात बने हैं. उससे मैं समझता हूं कि धारा 144 लगी हुई है. इसलिए तीन जुम्मे की नमाज में शांति होने के बावजूद हमसे व उलेमाओं से मस्जिदों में कम भीड़ करने की अपील कर रहे हैं. घरों में नमाज पढ़ने की बात कह रहे हैं. आफताब अहमद ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो प्रशासन की कवायद है, सभी लोग कर रहे हैं.
नूंह विधायक ने कहा की स्थिति का आंकलन कर वातावरण का आकलन करें, शांति दिख रही है. लेकिन लोगों में अविश्वास की भावना पैदा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई पर कहा कि हजारों लोगों के घरों को, आशियाने को, ढाबों को उजाड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि बिना किसी जांच के गिरफ्तारियों में निर्दोष लोगों को गिरफ्तार करने की शिकायत मिल रही है.
विधायक ने कहा कि पुलिस गलत गिरफ्तारियां कर रही है. अविश्वास का माहौल यहां बना हुआ है. सरकार प्रयास करे, जो भी सामाजिक संस्थाएं हैं. सभी धर्म के लोग हैं. खाप पंचायत हैं, वह भी अपने-अपने तरीके से इस इलाके के भाईचारे को कायम करने के लिए आगे आएं.
बीजेपी जिला अध्यक्ष नरेंद्र पटेल ने कहा कि पीछे गत 13 अगस्त को पोंडरी में हिंदू महापंचायत हुई थी. उसमें निर्णय लिया था कि खंडित यात्रा को दोबारा 28 अगस्त से शुरू किया जाए. लेकिन जो हमारे संज्ञान में आया है कि प्रशासन इस चीज के लिए तैयार नहीं है. इसके लिए मुझे मैसेज है कि उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठकों का भी मामला है और हालात को देखते हुए भी जिला प्रशासन ने इलाके व आम जनता के हित को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया है.