नूंह: जिले के पुन्हाना-पिनगवां शहर में सीएम की घोषणा के कई वर्ष बाद भी बाइपास का निर्माण नहीं हो सका है. दोनों शहरों में सर्वे भी हुआ, लेकिन किसान भूमि अधिग्रहण के एवज में जो मुआवजा चाहते थे. उसे जिला प्रशासन और सरकार देने के मूड में नहीं थे. यही वजह रही कि सीएम मनोहर लाल खट्टर की इस घोषणा पर कोई अमल नहीं हुआ.
पुन्हाना-पिनगवां दोनों शहर पुन्हाना विधानसभा क्षेत्र के तहत आते हैं. अनाज मंडी पुन्हाना में आयोजित रैली में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दोनों शहरों में बाइपास बनाने की मांग को मंजूर किया था. पुन्हाना शहर के मुख्य मार्ग पर वाहनों की संख्या अधिक होने के साथ-साथ अतिक्रमण, लकड़ी मंडी, क्रेशर-रोड़ी मार्केट, रेहड़ी, ट्रक मिस्त्री इत्यादि की मार्केट होने की वजह से रोजाना जाम जैसे हालात रहते हैं.
नगर पालिका या जिला प्रशासन ने कई बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, लेकिन समस्या सुलझने की बजाय विकराल रूप धारण करती जा रही है. कई बार जाम में फंसकर महिलाओं की डिलीवरी तक रास्ते में हो चुकी है. पिनगवां कस्बे में सब्जी मंडी मुख्य मार्ग पर होने, अतिक्रमण, रेहड़ी इत्यादि होने की वजह से जाम लगा रहता है. जाम की समस्या इन दोनों शहरों की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है.
पुन्हाना-पिनगवां शहर में जिस तरफ से विधायक रहीस खान बाइपास बनवाना चाहते थे, हज कमेटी चेयरमैन औरंगजेब दूसरी तरफ से बाइपास बनवाने की मांग करने लगे. दोनों नेताओं के कारण आज भी बाइपास का काम ऐसे ही पड़ा है.