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मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी नूंह में नहीं बन पाया बाइपास, जाम से लोग परेशान

नूंह के पिनगवां और पुन्हाना शहर में सूबे के मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद भी आज तक बाइपास का निर्माण नहीं हो सका है. जिसके चलते लोगों को भारी समस्याओं का सामना उठाना पड़ रहा है. लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

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Published : Jul 27, 2019, 12:43 PM IST

बाइपास ना बनने से आमजन परेशान

नूंह: जिले के पुन्हाना-पिनगवां शहर में सीएम की घोषणा के कई वर्ष बाद भी बाइपास का निर्माण नहीं हो सका है. दोनों शहरों में सर्वे भी हुआ, लेकिन किसान भूमि अधिग्रहण के एवज में जो मुआवजा चाहते थे. उसे जिला प्रशासन और सरकार देने के मूड में नहीं थे. यही वजह रही कि सीएम मनोहर लाल खट्टर की इस घोषणा पर कोई अमल नहीं हुआ.

बाइपास न बनने से आमजन परेशान

पुन्हाना-पिनगवां दोनों शहर पुन्हाना विधानसभा क्षेत्र के तहत आते हैं. अनाज मंडी पुन्हाना में आयोजित रैली में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दोनों शहरों में बाइपास बनाने की मांग को मंजूर किया था. पुन्हाना शहर के मुख्य मार्ग पर वाहनों की संख्या अधिक होने के साथ-साथ अतिक्रमण, लकड़ी मंडी, क्रेशर-रोड़ी मार्केट, रेहड़ी, ट्रक मिस्त्री इत्यादि की मार्केट होने की वजह से रोजाना जाम जैसे हालात रहते हैं.

नगर पालिका या जिला प्रशासन ने कई बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, लेकिन समस्या सुलझने की बजाय विकराल रूप धारण करती जा रही है. कई बार जाम में फंसकर महिलाओं की डिलीवरी तक रास्ते में हो चुकी है. पिनगवां कस्बे में सब्जी मंडी मुख्य मार्ग पर होने, अतिक्रमण, रेहड़ी इत्यादि होने की वजह से जाम लगा रहता है. जाम की समस्या इन दोनों शहरों की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है.

पुन्हाना-पिनगवां शहर में जिस तरफ से विधायक रहीस खान बाइपास बनवाना चाहते थे, हज कमेटी चेयरमैन औरंगजेब दूसरी तरफ से बाइपास बनवाने की मांग करने लगे. दोनों नेताओं के कारण आज भी बाइपास का काम ऐसे ही पड़ा है.

नूंह: जिले के पुन्हाना-पिनगवां शहर में सीएम की घोषणा के कई वर्ष बाद भी बाइपास का निर्माण नहीं हो सका है. दोनों शहरों में सर्वे भी हुआ, लेकिन किसान भूमि अधिग्रहण के एवज में जो मुआवजा चाहते थे. उसे जिला प्रशासन और सरकार देने के मूड में नहीं थे. यही वजह रही कि सीएम मनोहर लाल खट्टर की इस घोषणा पर कोई अमल नहीं हुआ.

बाइपास न बनने से आमजन परेशान

पुन्हाना-पिनगवां दोनों शहर पुन्हाना विधानसभा क्षेत्र के तहत आते हैं. अनाज मंडी पुन्हाना में आयोजित रैली में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दोनों शहरों में बाइपास बनाने की मांग को मंजूर किया था. पुन्हाना शहर के मुख्य मार्ग पर वाहनों की संख्या अधिक होने के साथ-साथ अतिक्रमण, लकड़ी मंडी, क्रेशर-रोड़ी मार्केट, रेहड़ी, ट्रक मिस्त्री इत्यादि की मार्केट होने की वजह से रोजाना जाम जैसे हालात रहते हैं.

नगर पालिका या जिला प्रशासन ने कई बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, लेकिन समस्या सुलझने की बजाय विकराल रूप धारण करती जा रही है. कई बार जाम में फंसकर महिलाओं की डिलीवरी तक रास्ते में हो चुकी है. पिनगवां कस्बे में सब्जी मंडी मुख्य मार्ग पर होने, अतिक्रमण, रेहड़ी इत्यादि होने की वजह से जाम लगा रहता है. जाम की समस्या इन दोनों शहरों की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है.

पुन्हाना-पिनगवां शहर में जिस तरफ से विधायक रहीस खान बाइपास बनवाना चाहते थे, हज कमेटी चेयरमैन औरंगजेब दूसरी तरफ से बाइपास बनवाने की मांग करने लगे. दोनों नेताओं के कारण आज भी बाइपास का काम ऐसे ही पड़ा है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- पुन्हाना - पिनगवां शहरों में नहीं बना बाईपास , रोजाना रहते हैं जाम जैसे हालात
यूपी - राजस्थान की सीमा से सटे नूंह जिले के पुन्हाना - पिनगवां शहर में सीएम की घोषणा के कई वर्ष बाद भी बाईपास नहीं बन पाए। बाईपास के निर्माण को लेकर दो भाजपा नेताओं में भी तलवारें खींच गई थी। दोनों शहरों में सर्वे भी हुआ , लेकिन किसान भूमि अधिग्रहण की एवज में जो मुआवजा चाहते थे। उसे जिला प्रशासन और सरकार देने के मूड में नहीं थे। यहीं वजह रही कि सीएम मनोहर लाल खट्टर की इस घोषणा पर कोई अमल नहीं हुआ।
पुन्हाना - पिनगवां दोनों शहर पुन्हाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। विधायक रहीस खान द्वारा अनाज मंडी पुन्हाना में आयोजित रैली में सीएम हरियाणा ने दोनों शहरों में बाईपास बनाने की मांग को मंजूर किया था। पुन्हाना शहर के मुख्य मार्ग पर वाहनों की संख्या अधिक होने के साथ - साथ अतिक्रमण , लड़की मंडी , क्रेशर - रोड़ी मार्केट , रेहड़ी , ट्रक मिस्त्री इत्यादि की मार्केट होने की वजह से रोजाना जाम जैसे हालात रहते हैं। नपा या जिला प्रशासन ने कई बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया , लेकिन समस्या सुलझने की बजाय विकराल रूप धारण करती जा रही है। कई बार जाम में फंसकर महिलाओं की डिलीवरी तक रास्ते में हो चुकी है। पिनगवां कस्बे में सब्जी मंडी मुख्य मार्ग पर होने , अतिक्रमण , रेहड़ी इत्यादि होने की वजह से जाम लगा रहता है। जाम की समस्या इन दोनों शहरों की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है। कई सालों से यह मामला अधर में लटका हुआ था , लेकिन मौजूदा सरकार में बाईपास की समस्या हल होती दिखाई दी। दो भाजपा नेताओं के एक दूसरे के विरोध में उतरने की वजह से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पुन्हाना - पिनगवां शहर में जिस तरफ से विधायक रहीस खान बाईपास बनवाना चाहते थे , हज कमेटी चैयरमेन औरंगजेब दूसरी तरफ से बाईपास बनवाने की मांग करने लगे। दोनों नेताओं की खबरें मीडिया में भी प्रकाशित हुई। दो भाजपा नेताओं की टसल बाईपास का निर्माण कार्य शुरू होने में सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो गया। सबका साथ - सबका विकास करने वाली मनोहर लाल सरकार में यह घोषणा सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई। लोग इस कार्य के अमल में नहीं आने से नाराज हैं। विधायक से लेकर भाजपा सरकार से उनकी नाराजगी देखने और सुनने को मिल रही है।
बाइट;- अम्मू प्रधान तेड
बाइट;- महमूद खान ग्रामीण
बाइट;- टेकचंद ग्रामीण
बाइट;- हिदायत ग्रामीण
बाइट;- मोहम्मद मुबारक ग्रामीण
बाइट;- फजरुद्दीन झारपूडी ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- पुन्हाना - पिनगवां शहरों में नहीं बना बाईपास , रोजाना रहते हैं जाम जैसे हालात
यूपी - राजस्थान की सीमा से सटे नूंह जिले के पुन्हाना - पिनगवां शहर में सीएम की घोषणा के कई वर्ष बाद भी बाईपास नहीं बन पाए। बाईपास के निर्माण को लेकर दो भाजपा नेताओं में भी तलवारें खींच गई थी। दोनों शहरों में सर्वे भी हुआ , लेकिन किसान भूमि अधिग्रहण की एवज में जो मुआवजा चाहते थे। उसे जिला प्रशासन और सरकार देने के मूड में नहीं थे। यहीं वजह रही कि सीएम मनोहर लाल खट्टर की इस घोषणा पर कोई अमल नहीं हुआ।
पुन्हाना - पिनगवां दोनों शहर पुन्हाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। विधायक रहीस खान द्वारा अनाज मंडी पुन्हाना में आयोजित रैली में सीएम हरियाणा ने दोनों शहरों में बाईपास बनाने की मांग को मंजूर किया था। पुन्हाना शहर के मुख्य मार्ग पर वाहनों की संख्या अधिक होने के साथ - साथ अतिक्रमण , लड़की मंडी , क्रेशर - रोड़ी मार्केट , रेहड़ी , ट्रक मिस्त्री इत्यादि की मार्केट होने की वजह से रोजाना जाम जैसे हालात रहते हैं। नपा या जिला प्रशासन ने कई बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया , लेकिन समस्या सुलझने की बजाय विकराल रूप धारण करती जा रही है। कई बार जाम में फंसकर महिलाओं की डिलीवरी तक रास्ते में हो चुकी है। पिनगवां कस्बे में सब्जी मंडी मुख्य मार्ग पर होने , अतिक्रमण , रेहड़ी इत्यादि होने की वजह से जाम लगा रहता है। जाम की समस्या इन दोनों शहरों की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है। कई सालों से यह मामला अधर में लटका हुआ था , लेकिन मौजूदा सरकार में बाईपास की समस्या हल होती दिखाई दी। दो भाजपा नेताओं के एक दूसरे के विरोध में उतरने की वजह से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पुन्हाना - पिनगवां शहर में जिस तरफ से विधायक रहीस खान बाईपास बनवाना चाहते थे , हज कमेटी चैयरमेन औरंगजेब दूसरी तरफ से बाईपास बनवाने की मांग करने लगे। दोनों नेताओं की खबरें मीडिया में भी प्रकाशित हुई। दो भाजपा नेताओं की टसल बाईपास का निर्माण कार्य शुरू होने में सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो गया। सबका साथ - सबका विकास करने वाली मनोहर लाल सरकार में यह घोषणा सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई। लोग इस कार्य के अमल में नहीं आने से नाराज हैं। विधायक से लेकर भाजपा सरकार से उनकी नाराजगी देखने और सुनने को मिल रही है।
बाइट;- अम्मू प्रधान तेड
बाइट;- महमूद खान ग्रामीण
बाइट;- टेकचंद ग्रामीण
बाइट;- हिदायत ग्रामीण
बाइट;- मोहम्मद मुबारक ग्रामीण
बाइट;- फजरुद्दीन झारपूडी ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- पुन्हाना - पिनगवां शहरों में नहीं बना बाईपास , रोजाना रहते हैं जाम जैसे हालात
यूपी - राजस्थान की सीमा से सटे नूंह जिले के पुन्हाना - पिनगवां शहर में सीएम की घोषणा के कई वर्ष बाद भी बाईपास नहीं बन पाए। बाईपास के निर्माण को लेकर दो भाजपा नेताओं में भी तलवारें खींच गई थी। दोनों शहरों में सर्वे भी हुआ , लेकिन किसान भूमि अधिग्रहण की एवज में जो मुआवजा चाहते थे। उसे जिला प्रशासन और सरकार देने के मूड में नहीं थे। यहीं वजह रही कि सीएम मनोहर लाल खट्टर की इस घोषणा पर कोई अमल नहीं हुआ।
पुन्हाना - पिनगवां दोनों शहर पुन्हाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। विधायक रहीस खान द्वारा अनाज मंडी पुन्हाना में आयोजित रैली में सीएम हरियाणा ने दोनों शहरों में बाईपास बनाने की मांग को मंजूर किया था। पुन्हाना शहर के मुख्य मार्ग पर वाहनों की संख्या अधिक होने के साथ - साथ अतिक्रमण , लड़की मंडी , क्रेशर - रोड़ी मार्केट , रेहड़ी , ट्रक मिस्त्री इत्यादि की मार्केट होने की वजह से रोजाना जाम जैसे हालात रहते हैं। नपा या जिला प्रशासन ने कई बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया , लेकिन समस्या सुलझने की बजाय विकराल रूप धारण करती जा रही है। कई बार जाम में फंसकर महिलाओं की डिलीवरी तक रास्ते में हो चुकी है। पिनगवां कस्बे में सब्जी मंडी मुख्य मार्ग पर होने , अतिक्रमण , रेहड़ी इत्यादि होने की वजह से जाम लगा रहता है। जाम की समस्या इन दोनों शहरों की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है। कई सालों से यह मामला अधर में लटका हुआ था , लेकिन मौजूदा सरकार में बाईपास की समस्या हल होती दिखाई दी। दो भाजपा नेताओं के एक दूसरे के विरोध में उतरने की वजह से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पुन्हाना - पिनगवां शहर में जिस तरफ से विधायक रहीस खान बाईपास बनवाना चाहते थे , हज कमेटी चैयरमेन औरंगजेब दूसरी तरफ से बाईपास बनवाने की मांग करने लगे। दोनों नेताओं की खबरें मीडिया में भी प्रकाशित हुई। दो भाजपा नेताओं की टसल बाईपास का निर्माण कार्य शुरू होने में सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो गया। सबका साथ - सबका विकास करने वाली मनोहर लाल सरकार में यह घोषणा सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई। लोग इस कार्य के अमल में नहीं आने से नाराज हैं। विधायक से लेकर भाजपा सरकार से उनकी नाराजगी देखने और सुनने को मिल रही है।
बाइट;- अम्मू प्रधान तेड
बाइट;- महमूद खान ग्रामीण
बाइट;- टेकचंद ग्रामीण
बाइट;- हिदायत ग्रामीण
बाइट;- मोहम्मद मुबारक ग्रामीण
बाइट;- फजरुद्दीन झारपूडी ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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