नूंह: पुन्हाना के बिसरू गांव में मनरेगा के तहत किए गए कामों में भ्रष्टाचार (mnrega scam in punhana) मिला था. इस मामले में गांव के निवर्तमान सरपंच और संबंधित अधिकारियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए लोकपाल ने पुन्हाना के बीडीपीओ, एबीपीओ, जेई, एसडीओ, ग्राम सचिव, फर्म मालिक व सरपंच को फर्जी मनरेगा कार्यों में संलिप्त होने पर 6 लाख 53 हजार 710 रुपये की रिकवरी के आदेश दिए थे.
आरोप है कि गांव के अन्य 16 मामलों की जांच पूरी होने से पहले ही संबंधित सरपंच एवं अधिकारी खानापूर्ति के लिए कार्य को पूरा कर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. साल 2020-21 में जिस रस्ते का निर्माण केवल कागजों में कर करीब 10.45 लाख रुपए का घोटाला निवर्तमान सरपंच व पंचायत अधिकारियों ने किया था. अब उस रास्ते पर जांच के डर भ्रष्ट अधिकारियों ने बीती रात्रि को मलबा डलवाया. जब शिकायतकर्ताओं को इस बारे में सूचना मिली तो उन्होंने मौके पर जाकर ट्रैक्टर चालकों से मलबा नहीं डालने की चेतावनी देते हुए उन्हें भगा दिया और इस बारे में लोकपाल सहित अन्य अधिकारियों को शिकायत भी कर दी.
गांव बिसरू निवासी जंगशेर नंबरदार ने बताया की ग्राम पंचायत में विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला हुआ है. इस बारे में उन्होंने मनरेगा लोकपाल के पास 17 कार्यों की जांच कराने और कार्रवाई कराने की शिकायत दी थी. उन शिकायतों की फिलहाल जांच की जा रही है. नंबरदार ने बताया कि शिकायत नंबर 2 में पीडब्ल्यूडी रोड़ से गांव खेड़ा तक रास्ते का निर्माण कागजों में किया हुआ है, जबकि धरातल पर किसी तरह का कोई कार्य नहीं किया गया है. जांच से घबराए सरपंच व संबंधित अधिकारियों ने बीती रात्रि को दो ट्रैक्टरों से रोड़ियों का मलबा डलवाया.
इसके साथ ही मंगलवार को मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम गांव में मनरेगा योजना के तहत गांव के एक तालाब पर हुए कार्य का सम्बंधित पटवारी के साथ मौका मुआयना किया. जांच के दौरान मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के इंस्पेक्टर सूबे सिंह ने कहा कि गांव में बाग वाली मस्जिद के समीप फार्म तालाब की जांच की. जिसमें वर्ष 2020-21 में सफाई के कार्य पर करीब दस लाख की राशि खर्च की गई थी. टीम ने मौके पर संबंधित पटवारी से तालाब के बारे में जानकारी मांगी. जिसमें पाया गया कि फार्म वाला तालाब पंचायती तालाब नहीं बल्कि किसी का निजी तालाब है.
उन्होंने कहा कि अभी जांच जारी है. जांच के बाद सम्बंधित कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों का कहना है की बिसरू गांव के निवर्तमान सरपंच ने पंचायत अधिकारियों से सांठगांठ करके निजी तालाब को ग्राम पंचायत में दिखाकर मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपए का गबन किया है. इसके अलावा गंदे पानी की निकासी के लिए पाइप लाइन, पार्क डेवलोमेंट, नालों का निर्माण कार्य, गांवों के रास्तों को केवल कागजों में दिखाकर मनरेगा योजना की राशि को हड़पा है. जिसकी शिकायत उन्होंने हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली से की हुई है.
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