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हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिलों को जल्द मिलेगी सौगात, विश्व का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क होगा विकसित - नूंह जंगल सफारी पार्क

aravali Jungle Safari park: हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिलों की अरावली पर्वत श्रृंखला में 10,000 एकड़ क्षेत्र में जंगल सफारी पार्क बनने जा रही है. इसे दुनिया के सबसे बड़े जंगल सफारी पार्क के तौर पर विकसित करने की तैयारी हो रही है.

aravali Jungle Safari park
अरावली जंगल सफारी पार्क
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 5, 2023, 3:09 PM IST

Updated : Dec 5, 2023, 3:18 PM IST

अरवल जंगल सफारी पार्क

Nuh: दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी पार्क हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में बनने जा रही है. इसके बनने से हरियाणा में पर्यटन को बहुत बढ़ावा मिलेगा साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे.

जंगल सफारी पार्क बनाने की तैयारी: जल्द ही हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिले में लोग जंगल सफारी पार्क का मजा ले सकेंगे. इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर जोर शोर से तैयारी की जा रही है. यह पार्क 10,000 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा. नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा के अनुसार इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो पार्क के निर्माण के तौर तरीके पर नजर रख रही है. उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा स्वयं इस कमेटी के मेंबर है. उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि पार्क के लिए जमीन चिह्रित कर ली गयी है जहां पार्क बनाने का काम जल्द प्रारंभ कर दिया जाएगा.

सफारी पार्क बनने से होगा फायदा: पार्क बनने से न केवल अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक लगेगी बल्कि बेशकीमती जड़ी बूटियों और जीव जंतुओं को भी बचाया जा सकेगा. अरावली पर्वत को काला पहाड़ के नाम से भी जाना जाता है. इसकी प्राकृतिक सुंदरता सबको अपनी ओर आकर्षित करती है खास कर बरसात के दिनों में तो यहां की हरियाली देखने लायक होती है. पार्क बनने से इसकी खूबसूरती और बढ़ जाएगी. पार्क बनने के बाद बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आएंगे. इससे न केवल इन इलाकों को आर्थिक विकास होगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान होंगे. इसके अलावा आसपास के गांवों के लोगों को सरकार की होम स्टे नीति से भी लाभ होगा.

आपको बता दें कि अरावली पर्वत श्रृंखला को सांस्कृतिक विरासत के तौर पर भी देखा जाता है, जहां पक्षियों, जंगली जानवरों, तितलियों आदि की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. अरावली पर्वत श्रृंखला में कुछ साल पहले किए गए एक सर्वेक्षण के पक्षियों की 180 प्रजातियां, स्तनधारियों की 15 प्रजातियां, जलीय जानवरों और सरीसृपों की 29 प्रजातियां और तितलियों की 57 प्रजातियां पायी जाती है.

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट नेशनल पार्क में सिमट रही टाइगर की 'सल्तनत', अब पहाड़ों पर पलायन कर रहा 'जंगल का राजा'

अरवल जंगल सफारी पार्क

Nuh: दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी पार्क हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में बनने जा रही है. इसके बनने से हरियाणा में पर्यटन को बहुत बढ़ावा मिलेगा साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे.

जंगल सफारी पार्क बनाने की तैयारी: जल्द ही हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिले में लोग जंगल सफारी पार्क का मजा ले सकेंगे. इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर जोर शोर से तैयारी की जा रही है. यह पार्क 10,000 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा. नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा के अनुसार इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो पार्क के निर्माण के तौर तरीके पर नजर रख रही है. उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा स्वयं इस कमेटी के मेंबर है. उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि पार्क के लिए जमीन चिह्रित कर ली गयी है जहां पार्क बनाने का काम जल्द प्रारंभ कर दिया जाएगा.

सफारी पार्क बनने से होगा फायदा: पार्क बनने से न केवल अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक लगेगी बल्कि बेशकीमती जड़ी बूटियों और जीव जंतुओं को भी बचाया जा सकेगा. अरावली पर्वत को काला पहाड़ के नाम से भी जाना जाता है. इसकी प्राकृतिक सुंदरता सबको अपनी ओर आकर्षित करती है खास कर बरसात के दिनों में तो यहां की हरियाली देखने लायक होती है. पार्क बनने से इसकी खूबसूरती और बढ़ जाएगी. पार्क बनने के बाद बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आएंगे. इससे न केवल इन इलाकों को आर्थिक विकास होगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान होंगे. इसके अलावा आसपास के गांवों के लोगों को सरकार की होम स्टे नीति से भी लाभ होगा.

आपको बता दें कि अरावली पर्वत श्रृंखला को सांस्कृतिक विरासत के तौर पर भी देखा जाता है, जहां पक्षियों, जंगली जानवरों, तितलियों आदि की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. अरावली पर्वत श्रृंखला में कुछ साल पहले किए गए एक सर्वेक्षण के पक्षियों की 180 प्रजातियां, स्तनधारियों की 15 प्रजातियां, जलीय जानवरों और सरीसृपों की 29 प्रजातियां और तितलियों की 57 प्रजातियां पायी जाती है.

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट नेशनल पार्क में सिमट रही टाइगर की 'सल्तनत', अब पहाड़ों पर पलायन कर रहा 'जंगल का राजा'

Last Updated : Dec 5, 2023, 3:18 PM IST
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